एनर्जी बढ़ाता है
यदि आपको थकान या आलस महसूस हो रही है तो आयुर्वेदिक चाय से आपको तुरंत एनर्जी मिलती है। एनर्जी तो आपको कैफीन वाली चाय से भी मिलती है, लेकिन वह कुछ देर के लिए होती है और उससे सेहत को नुकसान पहुंचता है। जबकि आयुर्वेदिक चाय कैफीन मुक्त होती है, इसलिए बिना किसी साइड इफेक्ट के आप इसे पीने के बाद एनर्जेटिक महसूस करेंगे।
मस्तिष्क को रखता है दुरुस्त
आयुर्वेदिक चाय में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो याददाश्त तेज करने के साथ ही मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में भी सुधार करते हैं। उदाहरण के लिए, गिंग्को बिलोबा( BILOBA), एक जड़ी बूटी है जो अक्सर आयुर्वेदिक चाय में इस्तेमाल की जाती है। यह अल्जाइमर रोग के लक्षणों को कम करने में मददगार है।
आयुर्वेदिक चाय वास्तव में चाय नहीं, बल्कि कई जड़ी-बूटियों और भारतीय मसालों का मिश्रण है, जो आपके शरीर की कई समस्याओं को दूर करता है। आयुर्वेद में वात, कफ, पित्त दोष के लिए भी अलग-अलग आयुर्वेदिक चाय के बारे में बताया गया है, यानी तीनों दोष के लिए अलग-अलग सामग्रियों के मिश्रण से चाय/काढ़ा बनाया जाता है, तो दोष को बैलेंस करके शरीर को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने में मदद करता है।
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इम्यूनिटी बूस्टर चाय और काढ़े की विधि
पुदीना तुलसी बूस्टर टी –
सामग्री- पुदीने के पत्ते कुछ , तुलसी के पत्ते कुछ, अदरक का टुकड़ा एक इंच, नींबू का रस 2 छोटे चम्मच, कच्ची हल्दी का का छोटा सा टुकड़ा और नमक स्वादानुसार।
विधि- इसे बनाने के लिए 3 कप पानी में तुलसी, अदरक, पुदीने, कच्ची हल्दी को कद्दूकस करके डालें और कुछ देर पकाएं। जब काढ़ा अच्छे से पक जाए, तो उसमें नींबू का रस व चाट मसाला और नमक डालकर पिएं।