चाय बनाने के लिए एक बर्तन में पहले पानी गर्म करें। उबल जाने पर इसमें थोड़ा सा अदरक, चुटकीभर हल्दी और दालचीनी डालकर कुछ मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें। फिर गैस से उतारकर इसमें नींबू का रस और मिठास के लिए थोड़ा शहद मिलाकर पीएं। आप इसे चिल्ड करके भी पी सकते हैं। चाय में आइस क्यूब मिलाकर ठंडी चाय का मजा ले सकते हैं।
सर्दी-खांसी में फायदेमंद- कोरोना काल में तो आपने देखा ही है और खुद भी काढ़ा पिया ही होगा। यह काढ़ा आयुर्वेदिक चाय ही तो है, जो सर्दी-खांसी रोकने करने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसे पीने से आपका शरीर बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक चाय
गर्म पानी में दालचीनी, इलायची, अदरक और कालीमिर्च उबालकर काढ़ा बनाकर इसका सेवन करें। इलायची और कालीमिर्च एलर्जी से बचाता है, जबकि अदरक और दालचीनी पाचन को ठीक करता है जो इम्यून सिस्टम को सीधे प्रभावित करता है।
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एनर्जी बढ़ाता है
यदि आपको थकान या आलस महसूस हो रही है तो आयुर्वेदिक चाय से आपको तुरंत एनर्जी मिलती है। एनर्जी तो आपको कैफीन वाली चाय से भी मिलती है, लेकिन वह कुछ देर के लिए होती है और उससे सेहत को नुकसान पहुंचता है। जबकि आयुर्वेदिक चाय कैफीन मुक्त होती है, इसलिए बिना किसी साइड इफेक्ट के आप इसे पीने के बाद एनर्जेटिक महसूस करेंगे।
मस्तिष्क को रखता है दुरुस्त
आयुर्वेदिक चाय में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो याददाश्त तेज करने के साथ ही मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में भी सुधार करते हैं। उदाहरण के लिए, गिंग्को बिलोबा( BILOBA), एक जड़ी बूटी है जो अक्सर आयुर्वेदिक चाय में इस्तेमाल की जाती है। यह अल्जाइमर रोग के लक्षणों को कम करने में मददगार है।
आयुर्वेदिक चाय वास्तव में चाय नहीं, बल्कि कई जड़ी-बूटियों और भारतीय मसालों का मिश्रण है, जो आपके शरीर की कई समस्याओं को दूर करता है। आयुर्वेद में वात, कफ, पित्त दोष के लिए भी अलग-अलग आयुर्वेदिक चाय के बारे में बताया गया है, यानी तीनों दोष के लिए अलग-अलग सामग्रियों के मिश्रण से चाय/काढ़ा बनाया जाता है, तो दोष को बैलेंस करके शरीर को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने में मदद करता है।
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इम्यूनिटी बूस्टर चाय और काढ़े की विधि
पुदीना तुलसी बूस्टर टी –
सामग्री- पुदीने के पत्ते कुछ , तुलसी के पत्ते कुछ, अदरक का टुकड़ा एक इंच, नींबू का रस 2 छोटे चम्मच, कच्ची हल्दी का का छोटा सा टुकड़ा और नमक स्वादानुसार।
विधि- इसे बनाने के लिए 3 कप पानी में तुलसी, अदरक, पुदीने, कच्ची हल्दी को कद्दूकस करके डालें और कुछ देर पकाएं। जब काढ़ा अच्छे से पक जाए, तो उसमें नींबू का रस व चाट मसाला और नमक डालकर पिएं।
दालचीनी वाला काढ़ा
सामग्री- दालचीनी का छोटा सा टुकड़ा, काली मिर्च के कुछ दाने , छोटी इलायची स्वादानुसार, मुनक्के के कुछ दाने, तुलसी के पत्ते कुछ,सोंठ पाउडर आधा छोटा चम्मच और नमक स्वादानुसार।
विधि- इसे बनाने के लिए सभी सामग्री को कूटकर 2 कप पानी में डालकर अच्छी तरह से पकाएं। फिर इसे छानकर पीएं। स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकती हैं।
हर्बल टी
सामग्री- सौंफ थोड़ी से, साबुत धनिया थोड़ा सा, , जीरा आधा छोटा चम्मच, अजवाइन थोड़ा सा , काली मिर्च साबुत थोड़ी सी, छोटी इलायची कुछ, लौंग स्वदानुसार, सोंठ पाउडर आधा छोटा चम्मच, हल्दी पाउडर 1 बड़ा चम्मच, दालचीनी पाउडर थोड़ा सा, तुलसी की सूखी पत्तियां कुछ और नमक स्वादानुसार ।
विधि- इसे बनाने के लिए सभी सामग्री को कूटकर 2 कप पानी में डालकर अच्छी तरह से पकाएं। फिर इसे छानकर पीएं।
इन सभी हर्बल टी के अपने अलग-अलग फायदे हैं। ये हर्ब्स स्वास्स्थ्य के लिए फायदेमंद है और आपकी इम्यूनिटी को भी अच्छा बनाए रखते हैं। लेकिन आपको किसी प्रकार की हेल्थ प्रॉब्म है, तो इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर करें।