ज्यादातर घरों में एक सप्ताह से ज्यादा के लिए सब्जयों का स्टॉक कर लिया जाता है। कुछ सब्जियां फ्रिज में फ्रेश रहती हैं, जबकि कुछ सब्जियां खराब हो जाती हैं। ऐसे में सब्जियों को फेंफना पड़ता है। आपने फिलहाल महसूस किया होगा कि घर में सब्जियों की बर्बादी नहीं हुई होगी। सब्जियों के न मिल पाने का डर और सब्जियों का सही रखरखाव ही इसके पीछे मुख्य वजह है। लॉकडाउन में जीरो वेस्ट लिविंग के लिए जरूरी है कि कम मात्रा में सब्जी खरीदें और उन्हें बरबाद होने से बचाएं। कोरोना महामारी के कारण कई लोगों को सही से खाना भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, ऐसे में खाने की बर्बादी रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसकी शुरूआत अपने घर से करें। ये आदत सिर्फ अभी के लिए न आपनाएं बल्कि खाने की बर्बादी को रोकने के लिए हमेशा तत्पर रहें।
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लॉकडाउन में जीरो वेस्ट लिविंग : क्या इस बात पर दिया है ध्यान ?
कुछ लोगों की आदत होती है कि वो सुबह का खाना शाम को नहीं खाते हैं। अगर आपने खाने को फ्रिज करके रखा है तो खाना छह से सात घंटे में खराब नहीं होता है। हो सकता है कि आप पहले खाना फेंक देते हो। सोचिए, ऐसा करने से कितना खाना बरबाद होता है। ऐसा बिल्कुल न करें। एक बार में उतना ही खाना बनाएं जितना आपको खाना हो। कुछ सब्जियों के छिलके को सुरक्षित रखें। फिर जरूरत पड़ने पर उन्हें पानी में उबालकर वेजीटेबल स्टॉक बनाया जा सकता है। लॉकडाउन में जीरो वेस्ट लाइफस्टाइल अपनाने के लिए ये तरीका अपनाया जा सकता है। कोरोना महामारी से बचने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खट्टे फलों को खाने में शामिल करें। संतरे, नींबू आदि के छिलकों को पानी में उबालकर पीना सेहत के लिए अच्छा है। आपको बताते चले कि खट्टे फल खाने से इम्यूनिटी मजबूत होने के साथ ही विटामिन सी भी प्राप्त होती है।