कोरोना वायरस एशिया, यूरोप से होते हुए अफ्रीका तक पहुंच गया है। इसके कारण पूरी दुनिया के लोग अपने घरों में कैद हैं। हर दिन के साथ इसके मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। घर में बंद सभी लोगों के मन में एक ही सवाल है कि आखिर इस खतरनाक वायरस से उन्हें कब छुटकारा मिलेगा। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस नए वायरस को लेकर हर जानकारी जुटाने में लगे हैं। वहीं इसकी वैक्सीन को लेकर भी साइंटिस्ट दिन रात काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं तैयार हो पाई है। जब तक हर देश अपने नागरिकों को इस वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एकमात्र रास्ता बता रहे हैं। इस कारण इकॉनमी भी बुरी तरह से ठप पड़ गई है। जब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं तैयार कर ली जाती तब तक सोशल डिस्टेंसिंग ही इससे बचने का कारगर उपाय है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसकी वैक्सीन को बनने में अभी एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है। यही कारण है कि ज्यादातर जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिए लॉकडाउन किया हुआ है। इस बीच ब्रिटिश सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने कोरोना को हर्ड इम्यूनिटी से निपटने का सुझाव दिया है।
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