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Omicron: कितना घातक है कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन, पाएं पूरी जानकारी

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/12/2021

    Omicron: कितना घातक है कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन, पाएं पूरी जानकारी

    कोविड-19 या कोरोना वायरस एक ऐसा नाम जिसनें पिछले लगभग दो सालों से पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है। इस वायरस से अब तक करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि लाखों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। वैक्सिनेशन के बाद अभी जिंदगी पटड़ी पर धीरे-धीरे आने लगी है, लेकिन इसका खतरा अभी कम नहीं हुआ है। थोड़े-थोड़े समय के बाद इसके नए वेरिएंट आ जाते हैं जैसे इसी साल के मध्य में इसका डेल्टा वेरिएंट आया था। अभी इस वायरस के नए वेरिएंट के कारण एक बार फिर से एमरजेंसी जैसे हालत बनते नजर आ रहे हैं। इसका नाम हैं ओमीक्रॉन (Omicron) भारत तक अभी यह वेरिएंट नहीं पहुंचा है, लेकिन फिर भी अभी से ही पूरी तरह से एतिहात बरतने की सलाह दी जा रही है। आइए, जानते हैं ओमीक्रॉन (Omicron) के भारत में केस मिलने पर क्या कहा डब्ल्यूएचओ (WHO) की एशिया की रीजनल डायरेक्टर ने।

    डब्ल्यूएचओ (WHO) साउथ ईस्ट एशिया की रीजनल डायरेक्टर डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह का कहना है कि भारत में आज कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के 2 केस की पुष्टि आज हो गई है। उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में ये अप्रत्याशित नहीं था। सभी देशों को निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देना चाहिए। सतर्क रहने के साथ ही वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। ओमीक्रॉन सहित सभी वेरिएंट के लिए SARs CoV2 के समान ही बचाव उपाय अपनाने चाहिए। सरकार द्वारा व्यापक तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही सभी लोगों को एहतियात के तौर पर उपायों का सख्ती से पालन भी करना चाहिए। घर से बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल, नांक और मुंह को अच्छी तरह से ढकना, भीड़-भाड़ वाले स्थान में जाने से बचना, समय-समय पर हाथों को साफ करना और छींक या खांसी के बाद हाथों की सफाई जरूरी है। समय पर टीका लगवाएं। वैक्सिनेशन के बाद भी सतर्कता जरूरी है। सभी यात्रियों को एहतियात बरतना चाहिए और COVID-19 के लक्षणों के प्रति सतर्क रहना चाहिए।

    ओमीक्रॉन बड़ी संख्या में म्यूटेशन कर रहा है, जिसमें कुछ चिंता का विषय हैं। दुनिया भर के शोधकर्ता ओमीक्रॉन की ट्रांसमिसिबिलिटी (Transmissibility), इसकी गंभीरता और इससे बचने की क्षमता के बारे में स्टडी कर रहे हैं। डब्लूएचओ (WHO) उन देशों की सराहना करता है, जो नए वेरिएंट के मामले में तेजी से पता लगाने और रिपोर्ट करने में सक्षम हैं।

    ओमीक्रॉन (Omicron) क्या है?

    जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह कोविड-19 या कोरोना वायरस (Corona virus) का नया वेरिएंट हैं, जिसे अधिक भयानक माना जा रहा है। इस कोरोना वायरस स्ट्रेन को सबसे पहले साउथ अफ्रीका के डॉक्टर्स ने पहचाना था। जिसे बाद में ओमीक्रॉन का नाम दिया गया गया। डॉक्टर्स का कहना है कि इस स्ट्रेन के लक्षण माइल्ड हैं, जिनका घर पर ही ट्रीटमेंट हो सकता है, लेकिन कोरोना वायरस (Corona virus) के ओमीक्रॉन वेरिएंट की इनक्रीज्ड ट्रांसमिसिबिलिटी और वैक्सीन के प्रति पॉसिबल रेजिस्टेंस के कारण इसे चिंता का विषय माना गया है। इसी महीने की शुरुआत में इसे साउथ अफ्रीका में डिटेक्ट किया गया था। इसके बाद बारह से भी अधिक देशों में इस नए वेरिएंट के मामलों को पाया गया है

    साउथ अफ्रीका में 24 नवंबर को इस वेरिएंट की पुष्टि की थी। बेल्जियम, हांगकांग, जर्मनी, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में भी ओमीक्रॉन से संक्रमित लोग पाए जा चुके हैं। साउथ अफ्रीका के सेंटर फॉर एपिडेमिक रेस्पॉन्स एंड इनोवेशन (center for Epidemic Response and Innovation) के अनुसार यह वेरिएंट अन्य वेरिएंट्स से बिलकुल अलग है। इसमें बहुत जल्दी बदलाव हो रहे हैं। इस वेरिएंट में लगभग 50 म्यूटेशन हुए हैं, जो एक चिंता का विषय है। ओमीक्रॉन के बारे में अन्य जानकारी से पहले जान लेते हैं कि इसका नाम ओमीक्रॉन क्यों पड़ा?

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    क्या मतलब है ओमीक्रॉन (Omicron) का?

    इस वेरिएंट का असल नाम B.1.1.529 वेरिएंट है। कोविड-19 के इस नए वेरिएंट का नाम ग्रीक अल्फाबेट (Greek alphabet) के 15th लेटर के आधार पर दिया गया है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा अनाउंस नेमिंग सिस्टम से पब्लिक के लिए कम्युनिकेशन इन वेरिएंट्स को लेकर आसान हो जाती है। हालांकि, यह नया वेरिएंट अभी हमारे देश तक नहीं पहुंचा है, लेकिन फिर भी सरकार ने लोगों को राज्यों को इसे लेकर अलर्ट कर दिया है। क्योंकि, यह वेरिएंट, डेल्टा स्ट्रेन से सात गुना अधिक गंभीर है। यानि, ज्यादा तेजी से फैलता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्ट्रेन का भी चीन के लिंक है।

    अभी तक कोरोना वायरस (Corona virus) के सात वेरिएंट्स हैं, इन सभी में ग्रीक लैटर का इस्तेमाल किया गया हैं। ग्रीक अक्षरों वाले कुछ अन्य प्रकार उन क्लासिफिकेशन लेवल तक नहीं पहुंचते हैं और वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ओमीक्रॉन से जस्ट पहले दो लेटर्स को स्किप कर दिया गया है, जो इस प्रकार हैं-“nu” और “xi’। इसमें “nu” को न्यू यानी नए के साथ भ्रमित किया जा सकता है और “xi’ को इसलिए प्रयोग में नहीं लाया गया है, क्योंकि इसे किसी व्यक्ति के कॉमन लास्ट नेम के साथ कंफ्यूज किया जा सकता। इसलिए, इसे एक आसान नाम दिया गया है, जो है ओमीक्रॉन। ओमीक्रॉन के लक्षण भी कोरोना वायरस से विपरीत हैं। अब जानते हैं ओमीक्रॉन के लक्षणों के बारे में।

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    ओमीक्रॉन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Omicron)

    साउथ अफ्रीकन डॉक्टर जिन्होंने सबसे पहले इस वेरिएंट को आइडेंटिफाई किया था, उनका नाम है डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी (Dr Angelique Coetzee)। डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी के अनुसार यह स्ट्रेन मरीजों में शुरुआत में बहुत माइल्ड प्रभाव डालता है। डॉक्टर कोएत्ज़ी के मुताबिक उन्होंने सबसे पहले इसके लक्षण एक तीस साल के व्यक्ति में देखे थे, जो पूरी तरह से हेल्दी था। लेकिन, उसे थकावट, शरीर में दर्द और सिर दर्द की परेशानी थी। उसे गले में खराश, खांसी, स्वाद या गंध का न आना आदि जैसे कोई समस्या नहीं थी। इसके बाद जब इस व्यक्ति का कोविड टेस्ट किया गया, तो उसे पॉजिटिव पाया गया।

    उसके बाद जब उसके परिवार का टेस्ट किया गया तो ऐसा पाया गया है कि वो सभी इस वायरस से प्रभावित थे और उनमें इसके बहुत ही माइल्ड सिम्पटम्स नजर आए। इस वेरिएंट के लक्षण डेल्टा वेरिएंट से अलग हैं। उनके मुताबिक इस वेरिएंट से पीड़ित लोग अत्यधिक थकावट, माइल्ड मसल दर्द, स्क्रेची थ्रोट, ड्राय कफ आदि का अनुभव करते हैं। इसके बहुत कम ऐसे रोगी हैं, जिन्हें हाय टेम्प्रेचर की समस्या होती है। इस समय साइंटिस्ट इस वायरस पर अधिक रिसर्च कर रहे हैं। डॉक्टर का यह भी कहना है कि अभी जो लोग अभी वैक्सिनेटिड नहीं हैं, उनमें भी इसके हल्के लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, अभी इसके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है कि यह वायरस अन्य लोगों को किस तरह से प्रभावित कर रहा है?

    इस वायरस वेरिएंट के बारे में गंभीर बात यह है कि इसकी म्यूटेशन बहुत तेजी से हो रही है। म्यूटेशन का अर्थ हर बार बुरा नहीं होता, लेकिन यह नोट करना जरूरी है कि इनमें क्या-क्या म्यूटेशन हुए हैं? अधिक चिंता का विषय यह है कि यह वायरस, कोरोना वायरस से फंडामेंटली पूरी तरह से अलग है। इसका अर्थ यह है कि कोरोना वायरस (Corona virus) के लिए बनाई गयी वैक्सीन का हो सकता है कि इस पर प्रभाव न पड़े। कई देशों तक यह वेरिएंट पहुंच चुका है। जानिए, अब तक किन देशों को कर चुका है यह प्रभावित?

    ओमीक्रॉन

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    दुनिया भर में ओमीक्रॉन का असर (Effect of Omicron)

    जैसा कि पहले ही बताया गया है कि सबसे पहले साउथ अफ्रीका ने इस वेरिएंट की पुष्टि की थी। जिसके बाद यूरोप समेत कई कॉन्ट्रीज ने साउथ अफ्रीका की उड़ानों को बंद कर दिया है। यूनाइटेड स्टेट, UK जैसे कई देशों में दुनिया के इस हिस्से से अपनी फ्लाइट्स को रोक दिया है। अब पिछले ही दिनों कनाडा में भी दो लोगों में इस वेरिएंट की पुष्टि हुई है। वहीं फ्रांस हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि इस रविवार उनके देश में भी आठ लोग ओमीक्रॉन से संक्रमित पाए गए हैं।

    फ्रांस इस समय कोरोना वायरस की फिफ्थ वेव का सामना कर रहा और पिछले एक या दो दिनों में यहां कोरोना वायरस (Corona virus) के 31,000 मामले आएं हैं जिनमें से अधिक गंभीर हैं। इसलिए यह देश इस वेरिएंट को लेकर खास एहतियात बरत रहा है। इजरायल, हांगकांग और बेल्जियम उन कुछ देशों में से हैं, जहां यह वायरस पहुंच चुका है। इसके अलावा इस नए वेरिएंट से प्रभावित अन्य देश इस प्रकार हैं:

    • बोट्सवाना (Botswana)
    • यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom)
    • नीदरलैंड (Netherlands)
    • जर्मनी (Germany)
    • चेक रिपब्लिक (Czech Republic)
    • ऑस्ट्रिया (Austria)
    • डेनमार्क (Denmark)
    • ऑस्ट्रेलिया (Australia)
    • इटली (Italy)
    • कनाडा (Canada)
    • फ्रांस (France)

    WHO की एक अपडेट के मुताबिक कोविड संक्रमित फिर से इससे पीड़ित हो सकते हैं। इसके साथ ही इस बात का भी अभी कोई सुबूत नहीं मिलता है कि कोविड वायरस के लिए इस्तेमाल हुई वैक्सीन इस वेरिएंट पर काम करेगी या नहीं। यही, कारण है कि यह वेरिएंट अपने साथ नई चिंताएं और समस्याएं ले कर आया है। इससे बचने के लिए भारत सरकार ने भी कई गाइडलाइन्स जारी की हैं। आइए, जानते हैं कि भारत में इस वेरिएंट को लेकर क्या एहतियात बरती जा रही है?

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    ओमीक्रॉन: भारत में क्या-क्या बरती जा रही हैं सावधानियां? (Precautions for Omicron in India)

    कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण हमारे देश में भी कुछ खास कदम उठाने जरूरी हैं और उठाये भी जा रहे हैं। यह वेरिएंट कई कंट्रीज में अपना प्रभाव दिखा चुका है। इसलिए, भारत में हेल्थ मिनिस्ट्री ने राज्यों को इंटरनेशनल फ्लाइट्स के माध्यम से आने वाले यात्रियों की ट्रेवल हिस्ट्री पर नजर रखने की हिदायत दी है। यही नहीं, जो यात्री प्रभावित देशों से आ रहे हैं उनका टेस्ट कराना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति कोविड़ पॉजिटिव है, तो उसके सैंपल को तुरंत जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome sequencing) के लिए भेजा जाना भी आवश्यक है।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने रेडियो प्रोग्राम “मन की बात’ के माध्यम से लोगों को लोगों से सतर्क रहने और इस गंभीर बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव सावधानी बरतने का आग्रह किया। वहीं उन देशों से फ्लाइट्स को कुछ समय तक रोके जाने के लिए भी कहा गया है, यहां यह वेरिएंट अभी फैला हुआ है। तीन राज्यों यानी महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में भी एहतियात के तौर पर नए कोरोनोवायरस दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब यह जानना भी जरूरी है कि ओमीक्रॉन से बचने के लिए किन चीजों का रखना होगा आपको ख्याल?

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    ओमीक्रॉन से बचने के लिए बरतनी जरूरी हैं यह सावधानियां (Precautions for Omicron)

    कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन या B.1.1.529 के मल्टीपल स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन हैं। इसके लक्षण भले ही माइल्ड हों, लेकिन प्रारंभिक विश्लेषण यह बताते हैं कि यह बहुत अधिक संक्रामक है। ऐसे में इस वेरिएंट से बचने के लिए अधिक से अधिक प्रीकॉशन्स लेना जरूरी है। यह प्रीकॉशन्स इस प्रकार हैं:

    • वैक्सीनेशन कराएं। हालांकि, इस बात के बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं है कि कोरोना वायरस वैक्सीन (Corona virus vaccine) इस स्ट्रेन से बचाव में कितनी प्रभावी है या जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई हैं उन पर इस का असर कैसे हो सकता है।
    • सोशल डिस्टन्सिंग बनाए रखना जरूरी है।
    • मास्क का इस्तेमाल करना न भूलें।
    • पब्लिक इंडोर स्पेस में अच्छी वेंटिलेशन होना जरूरी है।
    • नियमित रूप से अपने हाथों व सरफेस को वॉश और सेनिटाइज करें।
    • जितना अधिक हो सके पब्लिक प्लेसेस से दूरी बना कर रखें।
    • यात्रा के बाद और यात्रा से पहले टेस्‍ट करवाएं।

    कोविड-19 की सेकंड वेव के बाद लोगों में इसका भय कम सा होता जा रहा है। यही नहीं, लोगों ने इस गंभीरता से लेना और सावधानियां अपनाना कम कर दिया है। लेकिन, अब यह नया वेरिएंट एक गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए लोगों से यही कहा जा रहा है कि लोग इस वेरिएंट से बचने के लिए दूसरे देशों में यात्रा करने से बचें। खासतौर पर वो देश जहां इसका प्रकोप बढ़ता जा रहा है। यह तो थी ओमीक्रॉन के बारे में जानकारी। इस कोरोना वायरस (Corona virus) के इस वेरिएंट को लेकर दिमाग में भी कुछ सवाल आना सामान्य है। आइए जानें ओमीक्रॉन को लेकर पूछे जाने वाले कुछ सवालों के बारे में और पाएं इनके उत्तर।

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    ओमीक्रॉन को लेकर पूछे जाने वाले कुछ सवाल और उनके उत्तर (Questions-Answers about Omicron)

    ओमीक्रॉन की पुष्टि इसी महीने की गई है और इसे कोरोना वायरस का एक गंभीर वेरिएंट माना जा रहा है। ऐसे में इस वेरिएंट से संबंधित कुछ सवाल हम सब के दिमाग में आना बेहद कॉमन हैं। हालांकि, इस वेरिएंट को लेकर अभी डिटेल रीसर्च की जा रही है। लेकिन, आइए जानते हैं इससे संबंधित कुछ सवालों- जवाबों के बारे में।

    डेल्टा वेरिएंट (Delta varients) और ओमीक्रॉन (Omicron) में क्या अंतर है?

    डेल्टा वेरिएंट और ओमीक्रॉन दोनों ही कोरोना वायरस (Corona virus) के वेरिएंट हैं लेकिन इन दोनों में अंतर है। हालांकि, यह कहना अभी सही नहीं होगा कि ओमीक्रॉन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है। लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि जो लोग पहले कोरोना वायरस का शिकार हो चुके हैं, उन्हें ओमीक्रॉन अधिक प्रभावित कर रहा है। अभी तक ओमीक्रॉन के पीड़ितों में इसके गंभीर लक्षण नहीं नजर आएं हैं, जबकि डेल्टा वेरिएंट के लक्षण अधिक सीरियस थे।

    ओमीक्रॉन (Omicron) से बचने के लिए भारत में जनता को क्या कदम उठाने चाहिए?

    इस वेरिएंट से बचाव के लिए भी आपको वही सावधानियां बरतनी होंगी, जो कोरोना वायरस से बचने में बरती जाती हैं। यानी, वैक्सीनेशन अवश्य कराएं, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, मास्क का इस्तेमाल करें, अपने हाथों को धोते रहें, साफ-सफाई का ध्यान रखें, भीड़ में जानें से बचें। इसके साथ ही उन देशों की यात्रा से भी बचें जहां इसका अधिक प्रभाव है। यात्रा से पहले और बाद में टेस्ट कराना भी जरुरी है।

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    क्या वैक्सीनेशन के बाद भी यह वेरियंट आपको प्रभावित कर सकता है?

    शुरुआती स्टडी और रिसर्च से यह पता चला है कि यह एक गंभीर वेरिएंट है। इससे कोरोना वायरस (Corona virus) का शिकार हुए लोग फिर से संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन, अभी इस बारे में रिसर्च की जाना बाकि है कि क्या मौजूदा वैक्सीन्स इसके लिए कम प्रभावी हैं या नहीं? यानी वैक्सिनेशन के बाद इसका व्यक्ति पर क्या प्रभाव होता है। हालांकि, अधिकांश वैक्सीन कंपनीज का यह दावा है कि मौजूदा वैक्सीन्स ओमीक्रॉन के मामलें में भी पूरी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं।

    भारत में इंटरनेशनल लेवल पर ओमीक्रॉन को लेकर क्या पॉलिसी और गाइडलाइन्स होंगी?

    भारत में भी राज्यों को अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं। दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और उत्तराखंड की सरकारों ने इस बारे में जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विदेश से आने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी जाएगी और टेस्टिंग की जाएगी। जो लोग प्रभावित देशों से भारत आ रहे हैं, उनके लिए तो टेस्ट और निगरानी बेहद जरूरी है। आने वाले समय में हो सकता है कि प्रभावित देशों से कुछ समय के लिए फ्लाइट्स को बंद कर दिया जाए।

    डबल वैक्सीनेशन के बाद भी ओमीक्रॉन से बचने के लिए क्या किया जाए?

    डबल वैक्सीन लेने के बाद भी यह वेरिएंट कितना प्रभावी हो सकता है, इसके बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन, अगर आपको वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, तब भी आपके लिए सतर्क रहना जरूरी है। इस नए वेरिएंट से बचने के लिए भी आपके लिए भी गाइडलाइन्स का पालन करना जरूरी है जैसे मास्क लगाना, भीड़ से बचना, हाथों को बार-बार धोना, सोशल डिस्टन्सिंग बनाए रखें।

    ओमीक्रॉन

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    उम्मीद है कि ओमीक्रॉन के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस वेरिएंट को कोरोना वायरस का एक शक्तिशाली वेरिएंट माना जा रहा है, लेकिन डॉक्टर और वैज्ञानिक इसे लेकर बेहद गंभीर हैं और अभी इस बारे में अधिक रिसर्च कर रहे हैं। कोरोनावायरस और इस नए वेरिएंट से बचने के लिए एक अच्छे नागरिक की तरह हमें भी गाइडलाइन्स का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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