कोविड-19 की सेकंड वेव के बाद लोगों में इसका भय कम सा होता जा रहा है। यही नहीं, लोगों ने इस गंभीरता से लेना और सावधानियां अपनाना कम कर दिया है। लेकिन, अब यह नया वेरिएंट एक गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए लोगों से यही कहा जा रहा है कि लोग इस वेरिएंट से बचने के लिए दूसरे देशों में यात्रा करने से बचें। खासतौर पर वो देश जहां इसका प्रकोप बढ़ता जा रहा है। यह तो थी ओमीक्रॉन के बारे में जानकारी। इस कोरोना वायरस (Corona virus) के इस वेरिएंट को लेकर दिमाग में भी कुछ सवाल आना सामान्य है। आइए जानें ओमीक्रॉन को लेकर पूछे जाने वाले कुछ सवालों के बारे में और पाएं इनके उत्तर।
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ओमीक्रॉन को लेकर पूछे जाने वाले कुछ सवाल और उनके उत्तर (Questions-Answers about Omicron)
ओमीक्रॉन की पुष्टि इसी महीने की गई है और इसे कोरोना वायरस का एक गंभीर वेरिएंट माना जा रहा है। ऐसे में इस वेरिएंट से संबंधित कुछ सवाल हम सब के दिमाग में आना बेहद कॉमन हैं। हालांकि, इस वेरिएंट को लेकर अभी डिटेल रीसर्च की जा रही है। लेकिन, आइए जानते हैं इससे संबंधित कुछ सवालों- जवाबों के बारे में।
डेल्टा वेरिएंट (Delta varients) और ओमीक्रॉन (Omicron) में क्या अंतर है?
डेल्टा वेरिएंट और ओमीक्रॉन दोनों ही कोरोना वायरस (Corona virus) के वेरिएंट हैं लेकिन इन दोनों में अंतर है। हालांकि, यह कहना अभी सही नहीं होगा कि ओमीक्रॉन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है। लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि जो लोग पहले कोरोना वायरस का शिकार हो चुके हैं, उन्हें ओमीक्रॉन अधिक प्रभावित कर रहा है। अभी तक ओमीक्रॉन के पीड़ितों में इसके गंभीर लक्षण नहीं नजर आएं हैं, जबकि डेल्टा वेरिएंट के लक्षण अधिक सीरियस थे।
ओमीक्रॉन (Omicron) से बचने के लिए भारत में जनता को क्या कदम उठाने चाहिए?
इस वेरिएंट से बचाव के लिए भी आपको वही सावधानियां बरतनी होंगी, जो कोरोना वायरस से बचने में बरती जाती हैं। यानी, वैक्सीनेशन अवश्य कराएं, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, मास्क का इस्तेमाल करें, अपने हाथों को धोते रहें, साफ-सफाई का ध्यान रखें, भीड़ में जानें से बचें। इसके साथ ही उन देशों की यात्रा से भी बचें जहां इसका अधिक प्रभाव है। यात्रा से पहले और बाद में टेस्ट कराना भी जरुरी है।
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क्या वैक्सीनेशन के बाद भी यह वेरियंट आपको प्रभावित कर सकता है?
शुरुआती स्टडी और रिसर्च से यह पता चला है कि यह एक गंभीर वेरिएंट है। इससे कोरोना वायरस (Corona virus) का शिकार हुए लोग फिर से संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन, अभी इस बारे में रिसर्च की जाना बाकि है कि क्या मौजूदा वैक्सीन्स इसके लिए कम प्रभावी हैं या नहीं? यानी वैक्सिनेशन के बाद इसका व्यक्ति पर क्या प्रभाव होता है। हालांकि, अधिकांश वैक्सीन कंपनीज का यह दावा है कि मौजूदा वैक्सीन्स ओमीक्रॉन के मामलें में भी पूरी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं।
भारत में इंटरनेशनल लेवल पर ओमीक्रॉन को लेकर क्या पॉलिसी और गाइडलाइन्स होंगी?
भारत में भी राज्यों को अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं। दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और उत्तराखंड की सरकारों ने इस बारे में जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विदेश से आने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी जाएगी और टेस्टिंग की जाएगी। जो लोग प्रभावित देशों से भारत आ रहे हैं, उनके लिए तो टेस्ट और निगरानी बेहद जरूरी है। आने वाले समय में हो सकता है कि प्रभावित देशों से कुछ समय के लिए फ्लाइट्स को बंद कर दिया जाए।
डबल वैक्सीनेशन के बाद भी ओमीक्रॉन से बचने के लिए क्या किया जाए?
डबल वैक्सीन लेने के बाद भी यह वेरिएंट कितना प्रभावी हो सकता है, इसके बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन, अगर आपको वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, तब भी आपके लिए सतर्क रहना जरूरी है। इस नए वेरिएंट से बचने के लिए भी आपके लिए भी गाइडलाइन्स का पालन करना जरूरी है जैसे मास्क लगाना, भीड़ से बचना, हाथों को बार-बार धोना, सोशल डिस्टन्सिंग बनाए रखें।

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उम्मीद है कि ओमीक्रॉन के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस वेरिएंट को कोरोना वायरस का एक शक्तिशाली वेरिएंट माना जा रहा है, लेकिन डॉक्टर और वैज्ञानिक इसे लेकर बेहद गंभीर हैं और अभी इस बारे में अधिक रिसर्च कर रहे हैं। कोरोनावायरस और इस नए वेरिएंट से बचने के लिए एक अच्छे नागरिक की तरह हमें भी गाइडलाइन्स का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।