कोरोना वायरस लक्षण, जो साल 2021 में सबसे ज्यादा देखे जा रहें हैं-
- आंखों का लाल या गुलाबी होना (Conjunctivitis)
- कानों में अलग तरह के आवाज आना (ऐसा एक या दोनों कानों से हो महसूस किया जा सकता है)
- सुनाई कम देना (Loss of Hearing)
- पेट से संबंधित परेशानी या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम
डॉ. तिवारी का कहना है कि मरीजों में ये सभी लक्षण एक साथ भी हो सकते हैं या सिर्फ कोई एक लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए ऐसे वक्त में सतर्क रहना सबसे ज्यादा जरूरी है और इन लक्षणों को इग्नोर ना कर डॉक्टर से कंसल्टेशन जरूर करें, क्योंकि डायग्नोसिस से और इलाज से इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है।
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ऑक्सिजन लेवल (Oxygen level) बैलेंस और लंग्स को हेल्दी रखने के लिए क्या करें?
लंग्स और बॉडी में ऑक्सिजन लेवल नॉर्मल या बैलेंस बनाये रखने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे:
हेल्दी डायट (Healthy Diet)

रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार इंटेस्टाइन में मौजूद माइक्रोबायोटा बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाये रखने में मदद करती है। इसलिए हेल्दी डायट की लिस्ट में ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, राजमा, स्ट्रॉबेरी, प्लम और ब्लैकबेरी जैसे खाद्य पदार्थों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। दरअसल इनमें एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) की मात्रा ज्यादा होती है, ऑक्सिजन लेवल (Oxygen level) को बेहतर बनाये रखने में सहायक हो सकते हैं। कोरोनो वायरस के दौरान या किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए बॉडी में हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) लेवल भी बेहतर होना चाहिए। इसलिए सोयाबीन, अखरोट (Walnut) और फ्लैक्ससीड्स जैसे अन्य खाद्य पदार्थों का भी सेवन करना जरूरी है।
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रेग्यूलर वर्कआउट (Regular workout)

हेल्दी रहने के लिए सिर्फ हेल्दी खाना ही काफी नहीं है, बल्कि बॉडी में ऑक्सिजन लेवल (Oxygen level) नॉर्मल रहे, इसके लिए रेग्यूलर वर्कआउट भी जरूरी है। नियमित रूप से वर्कआउट करने से ऑक्सिजन लेवल में सुधार आता है। यह ध्यान रखें कि थकाने वाले व्यायाम से बेहतर है आप फिटनेस एक्सपर्ट और डॉक्टर से सलाह लेकर अपनी बॉडी के अनुसार वर्कआउट करें। अगर आप वर्कआउट करने में सक्षम नहीं हैं, तो आप वॉक भी कर सकते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार आधे घंटे नियमित टहलने से भी शरीर को लाभ मिलता है। वॉकिंग से आप मेंटल स्ट्रेस (Mental stress) को भी कम करने में मदद मिलती है। इसलिए आप वॉकिंग (Walking), वर्कआउट (Workout) या योग (Yoga) में से किसी एक विकल्प अपना सकते हैं। इससे आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बेहतर होगा और फेफड़ें भी स्वस्थ (Lungs health) रहेंगे।
प्रोन पोजिशन (Prone Position)-

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार प्रोनिंग की मदद (Prone Position) भी इस महामारी के दौरान ली जा सकती है। दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार प्रोनिंग की आवश्यकता उस वक्त पड़ती है, जब पेशेंट को सांस लेने में कठिनाई महूसस हो। अगर ऑक्सिजन लेवल नॉर्मल से कम होने लगे, तो प्रोनिंग तकनीक की मदद ली जा सकती है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है कि खाने के बाद एक घंटे तक प्रोन पॉजिशन (Prone Position) में बॉडी को ना लाएं और जब आप आसानी से इस प्रक्रिया को कर पाएं तभी करें। वहीं गर्भवती महिलाओं (Pregnant lady) और हार्ट पेशेंट (Heart patients) को प्रोनिंग प्रक्रिया से दूर ही रहने की सलाह दी है। क्योंकि इस पुजिशन की दौरान पेट के बल लेटना पड़ता है, जो गर्भवती महिला और हार्ट पेशेंट दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
इस महामारी के दौरान बॉडी में ऑक्सिजन लेवल बैलेंस रखने के लिए इन ऊपर बताये 3 बातों को ध्यान रखें, लेकिन इसके साथ यह भी समझें की ऑक्सिजन लेवल डाउन क्यों हो सकता है।
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कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें-
- जरूरत ना हो, तो घर पर रहें।
- बाहर डबल मास्क (Mask) लगाकर निकालें।
- बाहर जानें के दौरान सैनेटाइजर अपने साथ रखें और किसी भी चीज को छूने बाद हाथ सैनेटाइज करें।
- सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing) का पालन करें।
- अगर सर्दी-जुकाम (Cold and Cough) की समस्या होती है, तो घर के अन्य सदस्यों से दूरी बनायें रखें।
- सेहत के प्रति कोई भी लापरवाही ना बरतें।
इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपने और अपने परिवार वालों का आसानी से ध्यान रख सकते हैं और कोरोना वायरस से खुद को बचा सकते हैं।
ऑक्सिजन और ऑक्सिजन लेवल (Oxygen level) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ब्लड ऑक्सिजन लेवल 96 से 100 प्रतिशत होना चाहिए। अगर किसी वयक्ति का ऑक्सिजन लेवल (Oxygen level) इससे कम जाता है, तो यह परेशानी का कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर जल्द से जल्द ऑक्सिजन सप्लीमेंट यानी मरीज का ऑक्सिजन लेवल नॉर्मल लाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। शरीर को ऑक्सिजन प्रदान करने का काम मुख्य रूप से ब्लड से होता है और अगर किसी भी कारण ऑक्सिजन लेवल कम होने लगे, तो ऐसी स्थिति में पेशेंट को सेल, टिशू या बॉडी के अन्य ऑर्गेन से ऑक्सिजन नहीं मिल पाता है, जिसे मेडिकल टर्म में हाइपोजेमिया (Hypoxemia) कहते हैं।

ऑक्सिजन से संबंधित SpO2 क्या है, यह इस आर्टिकल में आगे जानेंगे। मेडिकल टर्म में बोले जाने वाला टेक्निकल शब्द SpO2 का अर्थ है सैचुरेटेड ऑफ पेरीफेरल ऑक्सिजन (Saturation of Peripheral Oxygen [SpO2]), जिससे हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) में ऑक्सिजन लेवल (Oxygen level) समझा जाता है। बॉडी में ऑक्सिजन लेवल चेक करने के लिए ऑक्सीमीटर (Oximetry) की मदद ली जाती है या डॉक्टर ब्लड टेस्ट (Blood tests) करवाने की सलाह देते है। अब महामारी के इस वक्त में फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए कई बातों को ध्यान रख ऐसे वक्त में भी हेल्दी रहा जा सकता है।
नोट: अगर आप ऑक्सिजन लेवल घर पर खुद से चेक कर रहें और ऑक्सीमीटर (Oximetry) का प्रयोग कर रहें हैं, तो जिस उंगली से रीडिंग ले रहे हैं, तो उस उंगली के नाखून पर नेल पेंट (Nail paint) या कोई अन्य रंग ना लगा हो, हाथ ठंडे नहीं होने चाहिए और नाखून भी लंबे न हों। इन बातों को ध्यान में रखकर ही ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल करें, जिससे ऑक्सिजन लेवल (Oxygen level) की सही जानकारी आपको मिल पाएगी।
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स्वस्थ रहने की कुंजी छिपी है आहार में। नीचे दिए इस वीडियो में एक्सपर्ट से जानिए कब और क्या खाना है स्वास्थ्य के लाभकारी?