इसका मतलब ये है कि देश में अभी कोरोना के लिए जो भी वैक्सिनेशन दी जा रही है, वो डबल म्यूटेंट्स से बचाव करने में सक्षम है, लेकिन इस म्यूटेंट्स या वैरिएंट का एक और म्यूटेशन है, जिसे P681R कहते हैं। ट्रिपल म्यूटेंट्स तेजी से फैल रहा है और लोगों को अधिक बीमार कर रहा है। कोविडशील्ड B.1.617 वेरिएंट्स से हमे सुरक्षा प्रदान कर रही है। फिलहाल कोरोना के लक्षण दिखने पर आपको तुरंत टेस्ट कराना चाहिए। अगर आरटी पीसीआर निगेटिव है और मरीज की हालत ज्यादा खराब हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह पर आप सीटी स्कैन भी करा सकते हैं। आपको सबसे पहले आइसोलेशन के साथ ही शुरुआती ट्रीटमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए।
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कोरोना वायरस म्यूटेंट्स (Corona virus mutants) क्या बदल रहा है बीमारी के लक्षण?
जब वायरस तेजी से अधिक आबादी में फैलता है, तो ये अपनी संख्या भी तेजी से बढ़ाता जाता है। इस कारण से वायरस में उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन होता है। तेजी से फैलने के कारण ये खुद को तेजी से रेप्लीकेट भी करता है और इसमें परिवर्तन भी होता है। वायरस के जेनिटिक मैटीरियल में परिवर्तन जरूरी कई बार खतरनाक भी साबित हो सकता है। कुछ वेरिएंट्स के लिए कोरोना की वैक्सीन कम प्रभावकारी भी हो सकती है। कोरोना वायरस म्यूटेंट्स (Corona virus mutants) में आए बदलाव के कारण बीमारी के लक्षणों में बदलाव आ रहा है। लोगों को डायरिया के साथ ही स्किन रैशेज, उंगुली या पैरों की उंगुली के रंग में बदलाव (discolouration of fingers or toes) की समस्या, छाती में दर्द या प्रेशर, आंख आना (conjunctivitis) आदि लक्षण भी दिख रहे हैं।
क्या आरटी पीसीआर (RT-PCR) नहीं पकड़ पा रहा है नए म्यूटेंट्स को?