दुनिया में चारों तरफ जहां कोरोना वायरस के केसेस बढ़ रहे हैं। महामारी से लाखो लोगों की जान जा रही हैं। वहीं, अब पूरी दुनिया कोरोना की वैक्सीन के इंतजार में आस लगाए बैठी है। सभी के मन में सवाल है कि कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन कब आएगी। आपको बता दें कि कोरोना की वैक्सीन (Corona virus Vaccine) को बनाने में दुनिया भर तमाम देश रिसर्च में लगे हुए हैं। वहीं, रूस से COVID-19 वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। रूस का दावा है कि वह COVID-19 वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बनने वाला है, जिसमें बड़े पैमाने पर टीकाकरण की शुरुआत अक्टूबर से शुरू की जाएगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, उप-स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव ने कहा है कि देश 12 अगस्त को नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ अपना पहला टीका दर्ज करेगा। क्या सच में रूस ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है? आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ यहां-
कोरोना की वैक्सीन : फेज 3 का ट्रायल शुरू होने जा रहा
वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों की शुरुआत 18 जून को हुई और इसमें 38 वालंटियर्स (volunteers) शामिल थे। सभी पार्टिसिपेंट्स ने इम्युनिटी विकसित की। पहले ग्रुप को 15 जुलाई को और दूसरे ग्रुप को 20 जुलाई को छुट्टी भी दी गई। इसके अलावा, वेकरोलोजी और बायोटेक्नोलॉजी के वेकटोर स्टेट रिसर्च सेंटर द्वारा विकसित दूसरे कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण में भाग लेने वाले सभी वालंटियर्स की हेल्थ ठीक है। साथ ही उनमें टीकाकरण का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं देखा गया है। ऐसा फेडरल सर्विस फॉर सर्विलांस ऑन कंज्यूमर राइट्स एंड ह्यूमन वेल बींग ने एक रूसी समाचार एजेंसी को बताया है। रूस की गमलेई की कोरोना की वैक्सीन पश्चिमी देशों की तुलना में ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रही है। आपको बता दें कि तीन अगस्त से इस वैक्सीन का फेज 3 का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। जिसमें रूस, यूएई और सऊदी अरब के हजारों लोग हिस्सा लेंगे।