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COVID-19 वैक्सीन : क्या सच में रूस ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन बना ली है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/08/2020

    COVID-19 वैक्सीन : क्या सच में रूस ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन बना ली है?

    दुनिया में चारों तरफ जहां कोरोना वायरस के केसेस बढ़ रहे हैं। महामारी से लाखो लोगों की जान जा रही हैं। वहीं, अब पूरी दुनिया कोरोना की वैक्सीन के इंतजार में आस लगाए बैठी है। सभी के मन में सवाल है कि कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन कब आएगी। आपको बता दें कि कोरोना की वैक्सीन (Corona virus Vaccine) को बनाने में दुनिया भर तमाम देश रिसर्च में लगे हुए हैं। वहीं, रूस से COVID-19 वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। रूस का दावा है कि वह COVID-19 वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बनने वाला है, जिसमें बड़े पैमाने पर टीकाकरण की शुरुआत अक्टूबर से शुरू की जाएगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, उप-स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव ने कहा है कि देश 12 अगस्त को नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ अपना पहला टीका दर्ज करेगा। क्या सच में रूस ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है? आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ यहां-

    कोरोना की वैक्सीन : फेज 3 का ट्रायल शुरू होने जा रहा

    वैक्सीन के नैदानिक ​​परीक्षणों की शुरुआत 18 जून को हुई और इसमें 38 वालंटियर्स (volunteers) शामिल थे। सभी पार्टिसिपेंट्स ने इम्युनिटी विकसित की। पहले ग्रुप को 15 जुलाई को और दूसरे ग्रुप को 20 जुलाई को छुट्टी भी दी गई। इसके अलावा, वेकरोलोजी और बायोटेक्नोलॉजी के वेकटोर स्टेट रिसर्च सेंटर द्वारा विकसित दूसरे कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण में भाग लेने वाले सभी वालंटियर्स की हेल्थ ठीक है। साथ ही उनमें टीकाकरण का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं देखा गया है। ऐसा फेडरल सर्विस फॉर सर्विलांस ऑन कंज्यूमर राइट्स एंड ह्यूमन वेल बींग ने एक रूसी समाचार एजेंसी को बताया है। रूस की गमलेई की कोरोना की वैक्सीन पश्चिमी देशों की तुलना में ज्‍यादा तेजी से आगे बढ़ रही है। आपको बता दें कि तीन अगस्‍त से इस वैक्‍सीन का फेज 3 का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। जिसमें रूस, यूएई और सऊदी अरब के हजारों लोग हिस्‍सा लेंगे।

    इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को रूस से आग्रह किया कि मॉस्को द्वारा COVID-19 वैक्सीन का तेजी से उत्पादन शुरू करने की योजना की घोषणा करने के बाद सुरक्षित और प्रभावी टीकों के उत्पादन के लिए स्थापित दिशा-निर्देशों का पालन करें। डब्ल्यूएचओ ने जोर दिया कि सभी वैक्सीन उम्मीदवारों को रोल आउट होने से पहले परीक्षण के पूर्ण चरणों से गुजरना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर ने संयुक्त राष्ट्र में जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि “वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए कुछ दिशा-निर्देश हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, “इस उद्देश्य के लिए कोई भी टीका या दवा, निश्चित रूप से, रोल-आउट के लिए लाइसेंस प्राप्त करने से पहले सभी परीक्षणों से गुजरना चाहिए।’

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    विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जताई शंका

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), पहले ही रूस की इस कोरोना वैक्सीन को लेकर संदेह जता चुका है। इसके अलावा अब तो ब्रिटेन ने रूस की इस वैक्सीन को उपयोग करने से साफ मना कर दिया है। दरअसल, अमेरिका और ब्रिटेन सहित तमाम देशों के एक्सपर्ट्स वैक्सीन की प्रभावशीलता और सेफ्टी पर शंका जता रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि रूस ने अभी तक अपने पहले नैदानिक ​​परीक्षणों से कोई वैज्ञानिक डेटा प्रकाशित नहीं किया है। इस वजह से सभी देश इसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ग्लोबल हेल्थ प्रोग्राम के निदेशक थॉमस बोल्स्की ने कहा कि “यदि टीकों का सही तरीके से परीक्षण नहीं किया जाता है, तो इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पैदा हो सकते हैं। साथ ही इस स्थिति में वैक्सीन पर लोगों का भरोसा भी कम हो सकता है।’ फाइनल स्टेज स्टडी, जिसमें आमतौर पर हजारों लोग शामिल होते हैं, जिससे साबित होता है कि कोई प्रयोगात्मक टीका कितना सुरक्षित है और वास्तव में काम करता है या नहीं।

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    सितंबर से कोरोना की वैक्सीन का बड़े पैमाने पर हो सकता है प्रोडक्शन

    गमलेई सेंटर के हेड अलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग ने गवर्नमेंट न्‍यूज एजेंसी को बताया कि उन्‍हें आशा है कि कोरोना की वैक्सीन 12 से 14 अगस्‍त के बीच ‘सिविल सर्कुलेशन’ में आ जाएगी। अलेक्‍जेंडर के अनुसार, प्राइवेट कंपनियां सितंबर से कोरोना की वैक्‍सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन भी शुरू कर सकती हैं। गमलेई सेंटर हेड की माने तो कोरोना वैक्‍सीन ह्यूमन ट्रायल में पूरी तरह सुरक्षित साबित हुई है। अगस्‍त में जब कोरोना संक्रमित पेशेंट्स को वैक्‍सीन की डोज दी जाएगी तो यह उसके फेज 3 ट्रायल जैसा होगा। क्‍योंकि जिन लोगों को वैक्सीन का डोज दिया जाएगा, उनकी मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी। आपको बता दें कि फेज 1 और 2 में सामान्यतौर पर किसी वैक्‍सीन/दवा की सेफ्टी को जांचा जाता है। ताकि फेज 3 में एक बड़े ग्रुप पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा सके।

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    बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

    रूस के कोरोना वायरस रिस्पांस सेंटर ने कहा कि रूस ने पिछले 24 घंटों में 5,241 कोरोना वायरस के नए मामले दर्ज किए हैं, जिससे कुल कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर आठ लाख से भी ऊपर पहुंच गई हैं। इस तरह से रोजाना बढ़ने वाले मामलों में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई है। वहीं, पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या धीरे-धीरे दो करोड़ पहुंचने वाली है। अभी यह संख्या 1. 9 करोड़ है जिसमें से लगभग सात लाख लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई है हालांकि, इसमें से 11.5 मिलियन लोग रिकवर भी हो चुके हैं।

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    COVID-19 वैक्सीन के आने तक रखें खुद का बेहद ख्याल

    आप लोगों से निवेदन है कि जब तक दुनिया भर के वैज्ञानिक और हेल्थकेयर से जुड़े अन्य संस्थान COVID-19 वैक्सीन के डेवलपमेंट और प्रोडक्शन को जल्द से जल्द पूरा नहीं कर लेते हैं, तब तक आप लोग जितना ज्यादा हो सकता है घर पर रहें। भले ही देश में अनलॉक का आगाज हो गया है फिर भी बाहर निकलने पर सोशल डिस्टैन्सिंग (social distancing) का पालन करें। घर से बाहर कदम रखते ही मास्क का इस्तेमाल करना न भूलें। अपने हाथों को समय-समय पर धोएं और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। जब तक कोरोना की वैक्सीन (corona vaccine) मार्केट में नहीं आ जाती है, तब तक सावधानी बरतना ही इस वायरस से बचने का प्रभावी तरीका है। खुद सुरक्षित रहें और लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें।

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