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क्या कोविड-19 से होने वाली मौतों को बढ़ावा दे रहा है वायु प्रदूषण?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/04/2021

    क्या कोविड-19 से होने वाली मौतों को बढ़ावा दे रहा है वायु प्रदूषण?

    कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से दुनियाभर में कई हजार जानें जा चुकी हैं और लगातार यह संख्या बढ़ भी रही है। विश्व के तमाम वैज्ञानिक और शोधकर्ता कोविड-19 इंफेक्शन का इलाज (COVID-19 Infection Treatment), रोकथाम व इसकी गंभीरता को बढ़ाने वाले कारकों पर अध्ययन कर रहे हैं। इन्हीं अध्ययनों के बाद अब यह माना जा रहा है कि, कोविड-19 से होने वाली मौतों का खतरा बढ़ाने में वायु प्रदूषण बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस शोध के बाद भारत जैसे उन देशों की चिंता बढ़ गई है, जहां एयर पॉल्यूशन का स्तर काफी ज्यादा है। आपको बता दें कि, भारत के अधिकतर शहरों की हवा काफी दूषित है और अगर इस अध्ययन को सही माना जाए तो यहां परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। आइए, जानते हैं कि कोविड-19 मौतों और वायु प्रदूषण का संबंध क्या है।

    कोविड-19 मौतों और वायु प्रदूषण पर हुई स्टडी

    हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, इटली, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी के 66 प्रशासनिक क्षेत्रों में कोरोना वायरस की वजह से हुई मौतों का अध्ययन किया गया, जिसमें से 78 प्रतिशत मौतें सिर्फ पांच क्षेत्रों में पाई गई, जहां वायु सबसे ज्यादा दूषित है। शोध में इन शहरों की हवा में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (Nitrogen dioxide) (हवा दूषित करने वाला पॉल्यूटेंट जो कि मुख्यतः डिजल वाहनों से निकलता है) और मौसमी स्थितियों को ध्यान में रखा गया है। इस अध्ययन में कोविड-19 मौतों और वायु प्रदूषण के बीच गहरा संबंध देखा गया है। परिणाम में पाया गया कि, जिन शहरों या क्षेत्रों के लोग ज्यादा लंबे समय तक दूषित हवा के संपर्क में रहे हैं, वहां कोविड-19 से होने वाली मौतें काफी ज्यादा हुई हैं और वहां के लोगों में कोरोना वायरस के संपर्क में आने पर मृत्यु होने का ज्यादा खतरा है।

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    वायु प्रदूषण और कोरोना वायरस का संबंध क्यों हो सकता है

    कोरोना वायरस और वायु प्रदूषण के बीच गहरा संबंध यह है कि, दोनों ही समस्याओं से मनुष्य के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को नुकसान पहुंचता है। SARS-CoV-2 इंफेक्शन व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंचकर उसमें सूजन पैदा करता है और ऑक्सीजन के उत्पादन में बाधा डालता है व सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या का कारण बनता है। हालांकि, इससे होने वाला नकारात्मक प्रभाव आपके इम्यून सिस्टम के ऊपर भी निर्भर करता है, क्योंकि इम्यून सिस्टम की ताकत शरीर को किसी भी वायरस से लड़ने में मजबूती प्रदान करती है। वहीं, वायु प्रदूषण से धीरे-धीरे मनुष्य के फेफडे खराब होने लगते हैं और उनकी वातावरण से ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता कम होने लगती है।

    वायरस तेजी से करता है हमला

    जब वायु प्रदूषण से प्रभावित व्यक्ति कोविड-19 संक्रमण के संपर्क में आता है, तो एयर पॉल्यूशन के कारण पहले से डैमेज लंग या फेफड़ों की समस्या झेल रहे व्यक्ति को कोविड-19 संक्रमण की वजह से होने वाले अत्यधिक प्रभाव को झेलना पड़ता है। इस कारण कोविड-19 की गंभीरता ऐसे लोगों में ज्यादा होती है और मृत्यु का कारण बनती है। क्योंकि, उनके अस्वस्थ फेफड़े कोरोना वायरस के हमले को झेल नहीं पाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि, वातावरण दूषित होने का मतलब है कि हमारा शरीर भी दूषित और अस्वस्थ हो रहा है। इस कारण जब हम पहले से ही क्रॉनिक रेस्पिरेटरी स्ट्रेस के शिकार होते हैं, तो अन्य इंफेक्शन से लड़ने की हमारे शरीर की क्षमता कम हो जाती है।

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    कोरोना वायरस अपडेट (latest news on corona)

    वर्ल्ड ओ मीटर के मुताबिक 24 अप्रैल 2020 को दोपहर 1 बजे तक दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 27 लाख पार कर चुकी है। वहीं इससे मरने वालों की संख्या 1.90 लाख पहुंच चुकी है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से 7.5 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक 24 अप्रैल तक देश में 22951 कोरोना वायरस इंफेक्शन से संक्रमित मरीजों की पहचान कर ली गई है।

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    कोरोना वायरस से सावधानी

    कोरोना वायरस इंफेक्शन से बचने के लिए भारत सरकार ने लोगों के लिए कुछ सलाह दी है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के साथ इन एहतियात रूपी सलाह को फॉलो करने से आप कोरोना वायरस संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं।

    1.  कोरोना के संक्रमण से बचना है तो हाथों को अच्छी तरह से जरूर साफ करें।
    2. भीड़ का हिस्सा न बने और जरूरत पड़ने पर ही घर के बाहर जाएं।
    3. अपने मुंह को बेवजह न छुएं। जब भी छुएं, उससे पहले हाथों को अच्छे से धो लें।
    4. अगर आपको कभी खांस या फिर छींक आती है तो सबसे पहले हाथ या रूमाल का यूज करें और फिर हाथों को धो लें।
    5. अगर कई दिनों से तबियत खराब लग रही है तो बेहतर होगा कि बेहतर होगा कि डॉक्टर से संपर्क कर जांच कराएं।
    6. कोविड-19 मौतों और वायु प्रदूषण का संबंध जानने के अलावा अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर की हर सलाह मानें और पूरी जानकारी प्राप्त करते रहें।
    7. अपने हाथों को एल्कोहॉल बेस्ड हैंड रब से करीब 20 सेकेंड तक अच्छे से साफ करें। चाहे तो साबुन का यूज करें।
    8. मास्क का यूज जरूर करें और अगर कपड़े का मास्क यूज कर रहे हैं तो उसे रोजाना साफ करें।
    9. मास्क को दोबारा इस्तेमाल न करें और डिस्पोजल मास्क को एक बार यूज करें। 
    10. मास्क से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है, इसलिए मास्क को आगे से बिल्कुल भी न टच करें।
    11. अगर आपके पास सैनिटाइजर नहीं है तो घर में भी इसे बना सकते हैं

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

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