कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से दुनियाभर में कई हजार जानें जा चुकी हैं और लगातार यह संख्या बढ़ भी रही है। विश्व के तमाम वैज्ञानिक और शोधकर्ता कोविड-19 इंफेक्शन का इलाज (COVID-19 Infection Treatment), रोकथाम व इसकी गंभीरता को बढ़ाने वाले कारकों पर अध्ययन कर रहे हैं। इन्हीं अध्ययनों के बाद अब यह माना जा रहा है कि, कोविड-19 से होने वाली मौतों का खतरा बढ़ाने में वायु प्रदूषण बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस शोध के बाद भारत जैसे उन देशों की चिंता बढ़ गई है, जहां एयर पॉल्यूशन का स्तर काफी ज्यादा है। आपको बता दें कि, भारत के अधिकतर शहरों की हवा काफी दूषित है और अगर इस अध्ययन को सही माना जाए तो यहां परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। आइए, जानते हैं कि कोविड-19 मौतों और वायु प्रदूषण का संबंध क्या है।
कोविड-19 मौतों और वायु प्रदूषण पर हुई स्टडी
हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, इटली, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी के 66 प्रशासनिक क्षेत्रों में कोरोना वायरस की वजह से हुई मौतों का अध्ययन किया गया, जिसमें से 78 प्रतिशत मौतें सिर्फ पांच क्षेत्रों में पाई गई, जहां वायु सबसे ज्यादा दूषित है। शोध में इन शहरों की हवा में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (Nitrogen dioxide) (हवा दूषित करने वाला पॉल्यूटेंट जो कि मुख्यतः डिजल वाहनों से निकलता है) और मौसमी स्थितियों को ध्यान में रखा गया है। इस अध्ययन में कोविड-19 मौतों और वायु प्रदूषण के बीच गहरा संबंध देखा गया है। परिणाम में पाया गया कि, जिन शहरों या क्षेत्रों के लोग ज्यादा लंबे समय तक दूषित हवा के संपर्क में रहे हैं, वहां कोविड-19 से होने वाली मौतें काफी ज्यादा हुई हैं और वहां के लोगों में कोरोना वायरस के संपर्क में आने पर मृत्यु होने का ज्यादा खतरा है।