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यूके में मिला कोरोना वायरस का नया वेरिएंट, जो है और भी खतरनाक!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/05/2021

    यूके में मिला कोरोना वायरस का नया वेरिएंट, जो है और भी खतरनाक! 

    कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपने चंगुल में बांध रखा है। शुरू से ही इस वायरस की त्रासदी के चलते लोग अपने घरों में बंद रहने पर मजबूर हैं, वहीं अब यूके में हालात और भी बिगड़ते नजर आ रहे हैं। कोरोना वायरस से बिगड़ी स्थिति जहां एक ओर भारत में अब काबू में आ रही है, वहीं दूसरी ओर यूके में कोरोना वायरस के एक नए स्ट्रेन ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।

    हाल ही में ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट यानी अलग तरह के दिखाई देने वाले वायरस ने लोगों पर अपना कहर बरपाया है, जिसकी वजह से काबू में आते आते कोरोना वायरस की इस महामारी ने एक बार फिर जोर पकड़ा है। इस वायरस की सबसे बड़ी डरावनी बात यह है कि पहले वाले वेरिएंट के मुकाबले यह वेरिएंट 70% ज्यादा संक्रामक है।

    क्यों है ये चिंता का विषय?

    यूके में कोरोना वायरस के चलते लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता इसलिए जताई जा रही है, क्योंकि यह वायरस पहले वाले वायरस के मुकाबले तेजी से फैल रहा है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। कहा जा रहा है कि यह वायरस अपने आप में उन हिस्सों में बदलाव कर रहा है, जो हिस्से महत्वपूर्ण है। खास तौर पर कोरोना वायरस के इस वेरिएंट में मानव कोशिका को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ी हुई नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि वायरस में इस तरीके का बदलाव वायरस के बाद नेचर और म्यूटेशन के इंटरैक्शन पर निर्भर करता है। चीन के वुहान में मिलने वाले कोरोना वायरस के वेरिएंट SARS-CoV-2 ने भी अपने अंदर समय-समय पर बदलाव किये हैं। वहीं अब यूके में मिले वेरिएंट B.1.1.7 में ज्यादा जेनेटिक चेंज देखे गए हैं। खास तौर पर उस स्पाइक प्रोटीन में, जो ह्यूमन सेल्स से इंटरैक्ट करता है।

    यूरोप में कोरोना वायरस का अलग वेरिएंट

    चीन वुहान को अपनी चपेट में लेनेवाले कोरोना वायरस का प्रकोप यूरोप में भी दिखाई दिया था। यूरोप में फैलने वाले कोरोना वायरस के वेरियंट को  D614G के नाम से जाना जा रहा है, जो दुनिया में कोरोना वायरस का पाया जानेवाला सबसे बड़ा वेरिएंट है। इसके अलावा यूरोप में दिखाई दिया दूसरा वेरिएंट A222V भी है, जो लोगों को बीमार बना चुका है। ये वायरस स्पेन में मौजूद लोगों में भी दिखाई दिया था।

    हमारे बीच कैसे बनाई कोरोना वायरस के वेरिएंट B.1.1.7 ने अपनी जगह?

    कहा जा रहा है कि जिन लोगों की इम्युनिटी औरों से कमजोर है और जो इस वायरस को मारने में अक्षम हैं, उन लोगों को ये वायरस अपना शिकार बना रहा है। यूके में कोरोना वायरस का ये वेरिएंट मुख्य रूप से ऐसे ही किसी रोगी के शरीर में बना है, जो लो इम्युनिटी के चलते इससे लड़ नहीं पाया। ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बॉरिस जॉन्सन के मुताबिक ‘इस वायरस से जुड़ी पुख्ता जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है, जिससे जुड़े टेस्ट अब किये जा रहे हैं।’ कहा जा रहा है कि ये ब्रिटेन के नॉर्दन आयरलैंड को छोड़कर पूरे ब्रिटेन में फैल चुका है। हालांकि भारत में अब तक इस तरह के वेरिएंट से जुड़ा कोई मरीज नहीं मिला है। इसलिए ब्रिटेन से आने वाली सभी फ्लाइट्स सरकार द्वारा रद्द कर दी गई हैं।

    क्या वैक्सीन का होगा इस वायरस पर असर?

    बात करें वैक्सीन की, तो वैक्सीन का असर इस वायरस पर होगा या नहीं, इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। ब्रिटेन में अब तक तीन ऐसी वैक्सीन पाई गई है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। ऐसे में भले ही इन वैक्सीन का असर कम होगा, लेकिन नए वैरिएंट पर इसके असर की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। वहीं भारत में भी ऑक्सफोर्ड कोरोना वायरस वैक्सीन (Oxford Coronavirus Vaccine) बनाने की तयारी में है और ट्रायल में साझेदारी कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) भी इसपर लगातार प्रयास कर रही है। वहीं भारत बायोटेक NIV और ICMR के साथ मिल कर तैयार की जा रही वैक्सीन की दो फेज की ट्रायल हो चुकी और अब जल्द ही ट्रायल का तीसरा फेज भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। अगर थर्ड ट्रायल भी सफल होता है, तो अंदाजा लगाया जा रहा है कि फरवरी या मार्च 2021 तक इस वैक्सीन को सरकार की ओर से हरी झंडी मिल सकती हैं।
    जैसा कि सभी जानते हैं हाल ही में कोरोना वायरस के बाद लोगों में म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) नामक फंगल इंफेक्शन ने भी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है, इसलिए जब तक देश में कोरोना की वैक्सीन नहीं बन जाता, हमें ख़ास ध्यान रखने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए हम कुछ सेफ्टी मेजर्स ले सकते हैं। जो इस प्रकार हैं –

    कैसे रखें खुद को या अपने करीबियों को कोरोना वायरस से सुरक्षित?

    कहते हैं सावधानी हटी दुर्घटना घटी… तो कोरोना वायरस से बचने के लिए विशेष, लेकिन इम्पोर्टेन्ट स्टेप्स को फॉलो कर बचा जा सकता है। कोरोना वायरस (Coronavirus) के दस्तक देने के साथ ही डॉक्टर्स और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से विशेष गाइडलाइन जारी की जा रही हैं, जो इस प्रकार हैं:

    • अपने हाथों को साबुन से धोते रहें। अगर आप कहीं बाहर हैं, तो ऐसे वक्त में सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें
    • डिस्पोजेबल ग्लव्स का इस्तेमाल करें।
    • मास्क पहन कर ही बाहर जाएं। ऐसे मास्क का इस्तेमाल ना करें, जिसे पहनने पर सांस लेने में तकलीफ हो।
    • स्टीम लेने की आदत डालें।
    • आंख, नाक और चेहरे को न छुएं।
    • खांसने या छींकने के दौरान नाक और मुंह को टिशू पेपर से कवर करें और इस्तेमाल के बाद टिशू पेपर को बंद डस्टबिन के डब्बे में डिस्पोज करें।
    • पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें
    इस तरह आप पूरी तरह से सेहत का ध्यान रख के कोरोना वायरस से बचाव कर सकते हैं
    अगर आप किसी भी इंफेक्शन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं या संक्रमण से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में हेल्थ एक्सपर्ट से कंसल्ट करना बेस्ट ऑप्शन है।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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    Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/05/2021

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