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कोरोना मास्क : कितने प्रकार के होते हैं मास्क और आपके लिए कौन सा है बेहतर

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

    कोरोना मास्क : कितने प्रकार के होते हैं मास्क और आपके लिए कौन सा है बेहतर

    न्यू साउथ वेल्स ने साल 2016 में स्टडी की थी जिसमे ये बात सामने आई थी कि एक व्यक्ति एक घंटे में लगभग 23 बार अपने फेस को छूता है। हो सकता है कि ये आंकड़ा आपको चौंकाने वाला काम करें। लेकिन जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में हैं तो हम सबको इस बात पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। मास्क डिफरेंट टाइप के होते हैं और उनका काम भी अलग होता है। कोरोना मास्क के रूप में लोग सभी प्रकार के मास्क लगा रहे हैं।

    घर से बाहर निकलते ही चारों ओर लोग मास्क लगाए नजर आ रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मास्क को घर में भी दिनभर लगाएं रहते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के मास्क क्या सचमुच बेहतर विकल्प है ? यकीन मानिए ऐसे भी कुछ लोग हैं जिन्हें लगता है कि मास्क लगाने के बाद उन्हें वायरस से संक्रमण किसी भी हालत में नहीं हो सकता है। लेकिन ये सच नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोग विभिन्न प्रकार के मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। मास्क के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। अगर आपको कोरोना मास्क के बारे में जानकारी नहीं है तो ये आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

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    कोरोना मास्क : क्या N-95  मास्क है बेहतर ?

    N-95 मास्क मोटे फैब्रिक का बना होता है और साथ ही ये बाहरी वातावरण के छोटे-छोटे कणों को भी फिल्टर कर सकता है। मास्क चेहरे को पूरी तरह से कवर करता है और साथ ही किसी भी प्रकार का गैप नहीं रहता है। कोरोना मास्क के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। कोरोना वायरस से बचने के लिए वैसे तो स्वस्थ व्यक्ति को मास्क की जरूरत नहीं होती है। लेकिन घर में अगर कोई संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति है तो ऐसे में स्वस्थ व्यक्ति का मास्क पहनना जरूरी हो जाता है। आपको ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि साधारण मास्क आपको केवल धूल और गंदगी से ही बचा सकते हैं। घरेलू तरीके से तैयार किए गए मास्क भी बाहरी गंदगी से बचाने में ही सहायता करते हैं। जबकि N-95 मास्क कई तरीकों से बचाव करता है।

    N-95 मास्क अंदर से बहुत गर्म होते हैं। बाहरी हवा और अंदर की हवा में दबाव परिवर्तन महसूस होने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। जिस तरह से कंबल के अंदर सांस लेने में दिक्कत होती है, कुछ वैसा ही महसूस हो सकता है। अगर कोई बूढ़ा व्यक्ति या बच्चा इसे पहनता है तो कुछ ही समय बाद घुटन महसूस हो सकती है। ऐसे में लोग मास्क को उतार देते हैं और खतरा बढ़ जाता है। कोरोना मास्क के रूप में N-95 मास्क का चुनाव बेहतर है, लेकिन इसे हर कोई पहनने में सहज महसूस नहीं करेगा। N-95  मास्क का यूज ज्यादातर डॉक्टर्स करते हैं। अगर आप N-95 मास्क पहनने के बाद परेशानी महसूस करते हैं तो सर्जिकल मास्क बेहतरीन उपाय हो सकता है। इस मास्क से करीब 95 % वायु फिल्टर होती है।

    कोरोना मास्क : क्या सर्जिकल मास्क है बेहतर ?

    सर्जिकल मास्क को कोरना मास्क के रूप में उपयोग किया जा सकता है। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो वायु में ड्रॉपलेट फैल जाते हैं। ये स्वस्थ्य व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकते हैं। ऐसे में सर्जिकल मास्क का यूज करना बेहतरीन उपाय हो सकता है। सर्जिकल मास्क एन-95 मास्क की तरह मोटे फैब्रिक के बने नहीं होते हैं। चूंकि सर्जिकल मास्क किनारों से बहुत टाइट नहीं होते हैं इसलिए जर्म्स के अंदर जाने की संभावना रहती है। ये सच है कि मास्क सुरक्षा के लिए पहने जाते हैं लेकिन मास्क से पूरी सुरक्षा मिल पाएगी, ये कह पाना संभव नहीं है। सर्जिकल मास्क को डिस्पोजल मास्क भी कहते हैं। ये मास्क 6 से 8 घंटे लगाया जा सकता है। ये मास्क कोरोना मास्क के रूप में कितना कारगर है, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।

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    कोरोना मास्क : क्या  FFP3 मास्क है बेहतर ?

    इस मास्क का यूज प्रदूषण से बचने के लिए किया जाता है। FFP2 मास्क का यूज लोग कोरोना मास्क के रूप में कर रहे हैं। ये मास्क कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं। FFP3 मास्क भी वायरस के साथ ही अन्य संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने का काम करता है। विदेशों में इस मास्क का यूज कोरोना वायरस से बचने के लिए अधिक किया जा रहा है।

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    WHO ने क्या कहा मास्क के बारे में ?

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के मास्क को लेकर साफतौर पर कहा है कि फेस मास्क कोरोना वायरस से बचाव करेगा या नहीं, इस बारे में कहना मुश्किल है। हालांकि, फेस मास्क के इस्तेमाल में उचित सावधानी जरूर बरती जा सकती है। डब्‍ल्‍यूएचओ का कहना है, COVID-19 वायरस छींकने-खांसने और बोलने के दौरान हवा में फैले छोटे-छोटे कणों के संपर्क में आने से भी किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। इस लिहाज से कोरोना वयरस से निपटने के लिए सिर्फ मास्‍क का इस्तेमाल करना सबसे सुरक्षित तरीका नहीं हो सकता है। कुछ लोगों के लिए मास्क का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है जो संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में रहते हैं। ऐसे में मास्क के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। जिन लोगों को सांस संबंधि समस्या है या संक्रमण है, उन लोगों के लिए सर्जिकल मास्क बेहतर उपाय हो सकता है। डब्लूएचओ के अनुसार अगर आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं तो मास्क का उपयोग जरूर करें। साथ ही अगर आप संक्रमित व्यक्ति की सेवा में लगे हैं तो भी मास्क का उपयोग जरूरी है।

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    तो क्या सच में मास्क से मिलती है सुरक्षा ?

    ये सच है कि मास्क लगाने के बाद वायु फिल्टर होकर ही शरीर के अंदर जाती है लेकिन ये मास्क के प्रकारम पर निर्भर करता है। मास्क पहने के बावजूद भी लोग कोविड-19 यानी कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रस्त हो सकते हैं। कई बार सही मास्क का यूज न करना भी सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। भारत में फिलहाल मास्क की बहुत कमी हो चुकी है, लेकिन सरकार ने इसके लिए उचित दिशा निर्देश दे दिए हैं। डॉक्टर्स की ओर से भी कहा गया है कि घर में रहे और सफाई का ध्यान रखें। अगर घर में कोई बीमार नहीं है तो मास्क की जरूरत नहीं है। जो लोग बीमार हैं उन्हें मास्क की अधिक आवश्यकता है।  अगर आपको फिर भी मास्क से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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