क्या ट्रिपल म्यूटेंट (Triple Mutant) से डबल मास्किंग (Double Masking) से बचा जा सकता है?

कोरोना से बचाव के लिए मास्क को हमेशा कारगर माना गया है। सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने एक मास्क नहीं दो मास्क पहनना ज्यादा असरकारक बताया है। इसे ही ‘डबल मास्किंग’ कहा जा रहा है। ये शरीर में जाने वाले संक्रमण के ड्रॉपलेट को प्रवेश करने से रोकने में 90 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी है। डबल मास्किंग में पहले सर्जिकल मास्क और उसके ऊपर कपड़े के मास्क को पहनना है। इसके अलावा कपड़े के मास्क को भी एक ऊपर एक पहना जा सकता है। मास्क को पहनने बाद चेक करना जरूरी होता है कि मास्क कहीं से ढीला तो नहीं है। ढीला होने या नाक के नीचे होने पर इसका असर नहीं होता है। एक साथ दो सर्जिकल मास्क नहीं पहनने चाहिए। इससे सांस लेने में समस्या हो सकती है। कॉटन के दो मास्क एक साथ पहने जा सकते हैं। इसके अलावा आप एक सर्जिकल मास्क और दूसरा कॉटन का मास्क पहन सकते हैं। अगर डबल मास्क पहनने के बाद सांस लेने में मुश्किल हो रही हो तो एक ही मास्क पहनना सही होगा।
बता दें कि ड्रॉपलेट को रोकने में सर्जिकल मास्क 56.1% तक प्रभावी है। वहीं सर्जिकल मास्क की इलास्टिक में गांठ बांधने और किनारों को मोड़ने पर यह 77% तक कारगर है। ड्रॉपलेट को रोकने में डबल मास्क 85.4 प्रतिशत तक कारगर है।
मास्क से जुड़ी ये जानकारी है बेहद काम की!
जब बात हो रही मास्क की, तो मास्क से ही जुड़ी एक खास जानकारी हम आपके साथ शेयर करना चाहते हैं। आत्मनिर्भर भारत के सपने के अनुरूप वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन पिछले तीन सालों से खास चीजों के निर्माण में मदद कर रहा है और मास्क भी इन खास चीजों में से एक है। कोविड-19 की पहली लहर के दौरान पीपीई किट का खास डिज़ाइन यही बनाया गया था और अब सेकंड वेव के दौरान मास्क का निर्माण कर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन भारत के लोगों को सपोर्ट करने कर रही है।
साधारण कॉटन कपड़े की दो परतों के साथ बनाया गए इस मास्क को ट्रायल के बाद अपने अंतिम संस्करण तक पहुंचने में एक सप्ताह का समय लगा। इस मास्क के बारे में अधिक जानकारी देते हुए प्रोफेसर उमैर खान से बताया, “हमने इस मास्क को बनाने के लिए एक खास तरह के कॉटन का उपयोग किया है, जो काफ़ी प्रभावी है। हालांकि मेन्यूफेक्चरर चाहें, तो वे इस खास सर्जिकल मास्क को बनाने के लिए २ लेयर कॉटन-सिल्क मिक्स या ३ प्लाय लाइटवेट नॉन वूवन मटेरियल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये हर एवरेज इंडियन फेस पर फिट होने के लिए डिजाइन किया गया है। लेकिन लोग इसे अपनी जरूरत के मुताबिक बड़ा या छोटा कर सकते हैं।”
इसकी जानकारी देते हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के वाइस चांसलर ने बताया, “आप कह सकते हैं कि इनोवेशन हमारी यूनिवर्सिटी के DNA में है। इस इनोवेशन के साथ मास्क का एक खास रूप हमने लोगों को दिया है, जो अपने आप में बेहतरीन रूप से और पूरी तरह से फ़ंक्शनल है। हम WUD टीम को इस इनोवेशन के लिए बधाई देते हैं।”
इस तरह ये खास तरह का डबल मास्क, लोगों के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। ये न सिर्फ कोविड-19 की दूसरी लहर में आपके काम आएगा, बल्कि आपको सुरक्षित भी रखेगा।
उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल में कोरोना वायरस म्यूटेशन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।