बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन (Bacterial skin infections)
एनआईएच के त्वचा विशेषज्ञ डॉ. हेइडी कोंग का कहना है कि “बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन के कारण त्वचा में छोटे, लाल दाने हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे आकार में बढ़ जाते हैं। कुछ बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन माइल्ड सिम्टम्स शो करते हैं। ऐसे संक्रमण आसानी से एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक हो जाते हैं। विभिन्न प्रकार के जीवाणु त्वचा संक्रमण (Bacterial skin infections) में निम्नलिखित बीमारियां शामिल हैं।हमारी त्वचा हमेशा विभिन्न तरह के बैक्टीरिया और अन्य संभावित पर्यावरणीय खतरों के बीच विकसित होती है। ये हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा के लिए भी खतरनाक हो सकता है। हमारी त्वचा शरीर में कई तरह की महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती हैं। जैसे गर्मी का एहसास होने पर पसीना बहना आदि। हमारी त्वचा में पसीने की ग्रंथियां और छोटी रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और त्वचा की कोशिकाएं सूरज की रोशनी को विटामिन डी में बदलने कार्य करती हैं, जो स्वस्थ हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।”
सेल्युलाइटिस (cellulitis) – सेल्युलाइटिस के कारण त्वचा में लालिमा और सूजन की समस्या हो जाती है। दवाओं के माध्यम से ये संक्रमण ठीक हो सकता है।
इम्पीटिगो (impetigo) – इम्पीटिगो संक्रामक त्वचा रोग यानी स्किन इंफेक्शन है। इस बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण नाक, मुंह के आसपास, हाथों और पैरों में घाव हो जाता है। इंफेक्शन वाले जगहों पर सूजन हो जाती है। ये स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया के कारण फैलता है।
बॉइल्स (boils) – स्किन सर्फिस में बालों के रोम या जड़ों में इंफेक्शन के कारण फोड़े की समस्या हो जाती है। फोड़े में पस भर जाता है। ये शरीर में कही पर भी हो सकता है। फोड़ा दर्दनाक हो सकता है।
लैप्रोसी (leprosy) – लैप्रोसी या कुष्ठ (Leprosy) रोग बैक्टीरिया से फैलने वाला इंफेक्शन है। ये नर्वस सिस्टम, स्किन, रेस्पायरेटरी सिस्टम पर बुरा असर डालता है।खांसने या छींकने से ये बीमारी फैल सकती है। ये रोग माइकोबैक्टीरिया लेप्री (Mycobacterium leprae) के कारण होता है।
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फंगल स्किन इंफेक्शन (Fungal skin infections)
जब त्वचा किन्हीं कारणों से गीली रहती है, तो फंगल स्किन इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। ये पैरों में, आर्मपिट में आसानी से फैलते हैं क्योंकि यह स्थान अधिकतर नम रहते हैं। कुछ फंगल इंफेक्शन संक्रामक नहीं होते हैं और खतरनाक नहीं होते हैं। कुछ फंगल इंफेक्शन जैसे कि एथलीट फूट (athlete’s foot), यीस्ट इंफेक्शन (yeast infection),रिंगवॉर्म (ringworm), नाखून में फंगल इंफेक्शन, मुंह में छाले (Oral thrush) आदि फंगल इंफेक्शन के कारण फैलते हैं।
पैरासिटिक स्किन इंफेक्शन (Parasitic skin infection)
पैरासिटिक स्किन इंफेक्शन पैरासाइट के कारण होने वाला संक्रमण है। ये संक्रमण न केवल स्किन को संक्रमित करता है बल्कि खून के साथ ही शरीर के ऑर्गन तक पहुंच सकता है। पैरासिटिक स्किन इंफेक्शन जानलेवा नहीं होते हैं लेकिन ये आपको परेशान जरूर कर सकते हैं। कुछ पैरासिटिक स्किन इंफेक्शन जैसे कि लाइस या जूं (lice), बेडबग्स (bedbugs), स्कैबीज (scabies) आदि संक्रमण फैलाते हैं। डॉक्टर से ट्रीटमेंट कराने के बाद इनसे आसानी से पीछा छुड़ाया जा सकता है।
संक्रामक त्वचा रोग के लक्षण (Symptoms of Infectious Skin Diseases)
संक्रामक त्वचा रोग के लक्षण संक्रमण के प्रकार के अनुसार होते हैं। सामान्य लक्षणों में स्किन में रैशेज, स्किन का लाल होना, स्किन में सूजन, त्वचा में खुजली आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। कुछ स्किन इंफेक्शन के कारण त्वचा में दर्द, दानों में पस पड़ना, आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं। स्किन में पस (pus), फफोले (blisters), त्वचा का फटना (skin sloughing), त्वचा का रंग बदलना आदि लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं। स्किन इंफेक्शन के लक्षण दिखने पर यदि तुरंत ट्रीटमेंट कराया जाए, तो आसानी से समस्या से निजात पाया जा सकता है।
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संक्रामक त्वचा रोग का डायग्नोसिस (Diagnosis of infectious skin disease)
मेडिकल एक्जाम की सहायता से त्वचा के संक्रमण को डायग्नोज किया जा सकता है। डॉक्टर अपीयरेंस के आधार पर त्वचा संक्रमण की पहचान कर लेते हैं। डॉक्टर पेशेंट से त्वचा संक्रमण से संबंधित लक्षणों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। वहीं रिंगवॉर्म (Ringworm) की बारीकी से जांच की जा सकती है। कुछ केसेज में स्किन सेल्स का सैंपल लेकर संक्रमण की जांच की जाती है। ऐसा करने से संक्रमण के प्रकार के बारे में जानकारी मिलती है।
संक्रामक त्वचा रोग का इलाज (Treatment of infectious skin disease)
कुछ वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। वहीं कुछ संक्रमण गंभीर रूप ले लेते हैं, जिनका ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है। जांच के बाद बैक्टीरियल संक्रमण को ठीक करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं खाने की सलाह देते हैं। वहीं फंगल इंफेक्शन को दूर करने के लिए ओवर द काउंटर ( over-the-counter) दवाएं या एंटीफंगल स्प्रे (antifungal sprays) का इस्तेमाल किया जाता है। पैरासिटिक स्किन के इंफेक्शन ( parasitic skin infections) को दूर करने के लिए डॉक्टर क्रीम लगाने की सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर एंटी इंफ्लामेटरी दवाओं (anti-inflammatory drugs) का सेवन करने की सलाह भी दे सकते हैं।
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हो जाए स्किन इंफेक्शन , तो इन बातों का रखें ध्यान
स्किन इंफेक्शन ((Infectious skin diseases)) से बचने के लिए आपको हाइजीन का पूरा ख्याल रखना होगा। साथ ही स्किन को ड्राय रखना भी बहुत जरूरी है। जानिए कौन-सी सावधानियां त्वचा के संक्रमण से आपको बचा सकती है।
- त्वचा की साफ-सफाई पर ध्यान रखें। त्वचा को गीला न रखें।
- अगर ईचिंग की समस्या स्किन में हो रही है, तो कोल्ड कम्प्रेस का इस्तेमाल करना चाहिए।
- अगर किसी को स्किन इंफेक्शन है, तो उसे न छुएं। कई बार स्किन की सूखी लेयर भी इंफेक्शन फैलाने का काम कर सकती है।
- अगर स्किन का संक्रमण हुआ है, तो दी गई दवाओं का सेवन करें और मरहम जरूर लगाएं।
- अपने तौलिये या फिर कपड़ों को दूसरों के साथ साझा न करें और न ही दूसरे व्यक्ति के कपड़े पहनें।
- स्किन इंफेक्शन होने पर टाइट कपड़े न पहनें और मुलायम कपड़ों का इस्तेमाल करें।
कुछ बातों का ध्यान रख आप संक्रामक त्वचा रोग (Infectious skin diseases) से निजात पा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। सही समय पर संक्रमण का इलाज आपको कई समस्याओं से बचा सकता है। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।