स्पोरोट्राइकोसिस का संक्रमण स्पोरोथ्रिक्स नामक फंगस के कारण होता है और यह दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाता है, लेकिन मध्य और दक्षिण अमेरिका में यह बहुत आम है। यूएस सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, यह फंगस गुलाब की झाड़ियों, घास और काई में रहते हैं। कोई भी व्यक्ति जो इन जगहों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं उन्हें स्पोरोट्राइकोसिस हो सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है रेग्युलर एक्सपोजर होने पर हर किसी को यह संक्रमण हो जाएगा। स्पोरोट्राइकोसिस दो प्रकार का हो सकता हैः
क्यूटेनियस स्पोरोट्राइकोसिस (Cutaneous sporotrichosis)
त्वचा पर खुला कट या घाव होने पर आपको क्यूटेनियस स्पोरोट्राइकोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है, यानी फंगस आपकी त्वचा में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं। फंगस वाले पौधों में लगे कांटे से कट जाने या छिल जाने पर कई लोगों को इंफेक्शन (Infection) हो जाता है, इसलिए गुलाब के कांटों को स्पोरोट्राइकोसिस (Sporotrichosis) के लिए जिम्मेदार माना जाता है
पल्मोनरी स्पोरोट्राइकोसिस (Pulmonary sporotrichosis)
दुर्लभ मामलों में ऐसा होता है जब आप बिजाणुओं को सांस के जरिए अंदर ले लेते हैं तो फंगस आपके फेफड़ों (Lungs) तक पहुंच जाता है। इसे पल्मोनरी स्पोरोट्राईकोसिस (Sporotrichosis) कहा जाता है। इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द, कफ, बुखार, थकान और अचानक वजन कम होने लगता है।
स्पोरोट्राइकोसिस (Sporotrichosis) आपको संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से भी हो सकता है खासतौर पर बिल्ली। जानवरों के काटने ये खरोंचने की वजह से संक्रमण हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 16 से 30 साल के लोगों को स्पोरोट्राइकोसिस अधिक होता है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
जब आपको स्पोरोट्राइकोसिस का संदेह हो या स्किन पर लाल/गुलाबी गांठ जैसे दिखने लगे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इसके अलावा यदि आपका पहले स्पोरोट्राइकोसिस का इलाज (Sporotrichosis treatment) हो चुका है, लेकिन नए गांठ फिर से दिखने लगें, तो भी डॉक्टर को दिखाना आवश्यक है। यदि गांठ अल्सर (Ulcer) में बदल जाता है और यह फैलने लगता है तो आपको तुरंत उपचार की जरूरत है।
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निदान व उपचार
स्पोरोट्राइकोसिस का निदान (Sporotrichosis Diagnosis)