एंटेरोवायरस
नॉन-पोलियो एंटेरोवायरस आम वायरसों के समूह को कहा जाता है, जिसका ट्रांसमिशन आंतों के द्वारा होता है। ऐसे कई नॉन पोलियो एंटेरोवायरस से जो, हाथ, पैर और मुंह की बीमारियों का कारण बन सकते हैं, लेकिन इनकी वजह से अधिकतर सामान्य जुकाम जैसे लक्षण ही होते हैं। यह वायरस नवजात, बच्चों व किशोरों में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संपर्क के द्वारा फैलता है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत और सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आ सकती है। इसके अलावा, बुखार, नाक बहना, छींक आना, त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना, मुंह में छाले आना और शरीर में दर्द होना इस फेफड़ों के इंफेक्शन के लक्षण हैं। इसके इलाज के लिए प्राइमरी केयर फिजिशियल की मदद ली जा सकती है। लेकिन, इसकी गंभीरता बढ़ने के साथ विशेषज्ञों को भी दिखाने की जरूरत पड़ जाती है।
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बच्चों में फ्लू
सीजनल इंफ्लूएंजा एक एक्यूट रेस्पिरेटरी बीमारी है, जो कि इंफ्लूएंजा-ए और इंफ्लूएंजा-बी वायरस की वजह से होती है। यह फेफड़ों में इंफेक्शन बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों के लिए खतरनाक हो सकता है। आपके वायरस के संपर्क में आने के 1 से 4 दिन के भीतर शरीर में इंफेक्शन हो सकता है। जिसकी वजह से बुखार, गले में दर्द, नाक बहना और नाक बंद होना, सिरदर्द, थकान और शारीरिक दर्द हो सकता है।
लेकिन बच्चों में फ्लू और स्टमक फ्लू के बीच अंतर होता है। क्योंकि, बच्चों में फ्लू की वजह से उल्टी और डायरिया हो सकती है, लेकिन इसका मतलब स्टमक फ्लू नहीं होता है। स्टमक फ्लू वायरस खासतौर से रोटावायरस और नोरोवायरस की वजह से आंतों में इंफेक्शन होने की वजह से होता है। आसान शब्दों में स्मटक फ्लू सामान्य फ्लू से बिल्कुल अलग बीमारी है। इससे बचाव के लिए 6 महीने से बड़े बच्चे को हर साल फ्लू शॉट लगवाने चाहिए, जिससे इंफेक्शन के वायरस को मारा जा सकता है। इसके अलावा, बच्चों को फ्लू से बचाने के लिए आपको उनकी देखरेख करनी चाहिए। जिसमें, उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीजें, जैसे- बर्तन, कपड़े, बिस्तर, चादर, खिलौने आदि को एंटीसेप्टिक लिक्विड से साफ करना आदि शामिल हैं।
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वयस्कों में फ्लू
वयस्कों में सीजनल इंफ्लूएंजा भी इंफ्लूएंज-ए और इंफ्लूएंजा-बी वायरस की वजह से होता है। जिसके लक्षण और गंभीरता कम स्तर से उच्च स्तर तक जा सकती है। फ्लू के लक्षण आमतौर पर बच्चों में फ्लू के लक्षणों की तरह ही होते हैं। जैसे- वयस्कों में भी बुखार, गले में दर्द, नाक बहना और नाक बंद होना, शारीरिक दर्द व थकान शामिल है। बैक्टीरियल निमोनिया, कान में इंफेक्शन, साइनस इंफेक्शन, डिहाइड्रेशन, अस्थमा, हार्ट फेलियर और डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारियां भी गंभीर हो सकती हैं।
फ्लू का सीजन कब आता है?
हर साल, हर फ्लू वायरस का सीजन अलग-अलग हो सकता है। वैसे, सामान्य तौर पर, फ्लू का सीजन ऑक्टूबर से मई के बीच रहता है।
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बैक्टीरियल निमोनिया