कैसे करें जेनिटल हरपीज से बचाव?
जेनिटल हरपीज की समस्या होने पर सेक्शुअल एक्टिविटी से बचें। अगर जेनाइटल एरिया को छूने से बचें, क्योंकि इससे इंफेक्शन (Infection) फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
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2. जेनिटल वार्ट्स (Genital Warts)
जेनिटल वार्ट्सभी एक सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन(STI) है, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) की वजह से होता है। जिन लोगों में यह इंफेक्शन होता है, तो पीनस (Penus) पर छोटे-छोटे दानों की समस्या नजर आने लगती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका जैसे देशों में तकरीबन 1 प्रतिशत लोगों में यह जेनाइटल स्किन कंडिशन (Genital skin conditions) देखी जाती है।
कैसे करें जेनिटल वार्ट्स से बचाव?
इसका इलाज लेजर सर्जरी से किया जा सकता है अगर परेशानी ज्यादा वक्त से बनी हुई है, तो। शुरुआती स्टेज में डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड मेडिसिन से ही इसका इलाज किया जा सकता है। हालांकि पेशेंट को यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जेनिटल वार्ट्स ठीक होने के बाद भी तकरीबन 2 सप्ताह तक सेक्शुअल एक्टिविटी से दूर रहें।
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3. सिफलिस (Syphilis)
सिफलिस को फिरंग के नाम से भी जाना जाता है, जो एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) है। सिफलिस भी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) है। इसके शुरुआती स्टेज में पीनस पर लाल रंग की सख्त स्किन बनने लगती है, हालांकि इससे किसी तरह की दर्द की समस्या नहीं होती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार पीनस पर आये ये रेड दानें 5 से 6 सप्ताह में खुद ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर परेशानी बढ़ते जा रही है या कम नहीं हो रही है, तो ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करें।
कैसे करें सिफलिस से बचाव?
इसका इलाज डॉक्टर विशेष रूप से पेनिसिलिन (Penicillin) इंजेक्शन की मदद से करते हैं।
4. स्केबीज (Scabies)