बच्चों में शॉर्ट स्टैचर (Short Stature in kids) की जानकारी के लिए इनसभी टेस्ट को करवाना जरूरी बताया गया है, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद। इन टेस्ट रिपोर्ट्स के अनुसार ही बच्चों में शॉर्ट स्टैचर के लिए ट्रीटमेंट शुरू की जाती है।
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बच्चों में शॉर्ट स्टैचर का इलाज क्या है? (Treatment for Short Stature in kids)
बच्चों में शॉर्ट स्टैचर का इलाज नैचुरली भी किया जा सकता है, लेकिन अगर बच्चों में शॉर्ट स्टैचर किसी कारण या डिजीज की वजह से है तो ऐसे में इलाज कारणों को ध्यान में रखकर किया जाता है। जैसे थायरॉइड की समस्या होने पर थायरॉइड हॉर्मोन रोपलेस्मेंट (Thyroid Hormone Replacement) का विकल्प अपनाया जा सकता है, जिससे हायपोथायरॉडिसम (Hypothyroidism) की समस्या दूर हो सके।
नोट: अगर बच्चे को उनके शॉर्ट स्टैचर की वजह से टीज किया जाता है, तो ऐसी स्थिति बच्चे को अत्यधिक परेशान कर सकती है। इसलिए बच्चे को ऐस जगह पर अकेले ना छोड़े या अन्य बच्चों को समझाएं की वो ऐसा ना करें।
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बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर या शॉर्ट स्टैचर के कारण अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है?
बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर की वजह से निम्नलिखित कॉम्प्लिकेशन देखी जा सकती है। जैसे:
- बढ़ती उम्र में अर्थराइटिस (Arthritis) की समस्या होना
- मोबिलिटी डेवलपमेंट (Mobility development) की समस्या होना।
- दांतों (Dental) से जुड़ी समस्या होना।
- सुनने (Hearing problems) में परेशानी होना।
- हाइड्रोसेफालुस (Hydrocephalus) यानी ब्रेन केविटी (Brain cavities) में फ्लूइड लेवल बढ़ जाना।
- लिंब (Limb) से जुड़ी समस्या होना।
- स्लीप एप्निया (Sleep apnea) की समस्या होना।
- वजन बढ़ना (Weight gain)।
- स्पीच (Speech) एवं (Language) प्रॉब्लेम होना