वीर्यस्खलन (Ejaculation) : इस समस्या में वीर्यस्खलन में असमर्थता (Inability to Ejaculate), शीघ्रपतन (Premature Ejaculation), वीर्यस्खलन का देरी से कम होना आदि शामिल है।
अनोर्गैस्मिया (Anorgasmia): अनोर्गैस्मिया (Anorgasmia) उस परेशानी को कहा जाता है, जब मनुष्य पर्याप्त उत्तेजना के बावजूद संभोग सुख प्राप्त करने में असमर्थ होता है।
कामेच्छा में कमी (Loss of libido) :कामेच्छा में कमी का अर्थ है सेक्स की इच्छा कम होना
यौन संचारित संक्रमण (Sexually transmitted infections) : यौन संचारित संक्रमण में गुप्तांग में मस्सा (Genital warts) गोनोरिया (Gonorrhea ), क्लैमाइडिया (Chlamydia), सिफलिस (Syphilis) और जेनिटल हर्पीस (Genital Herpes) सहित कई समस्याएं शामिल हैं।
यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection ) : यीस्ट इंफेक्शन (Yeast Infection) के कारण लिंग के सिरे पर सूजन आ सकती है।
बैलानाइटिस (Balanitis) : बैलेनाइटिस के कारण पीनस पर लाल चकत्ते, सफेद धब्बे, खुजली या जलन और सफेद डिस्चार्ज हो सकता है।
पीनायल फ्रैक्चर (Penile fracture) : इरेक्शन के दौरान फाइब्रस के टूटने या पेनिट्रेशन के समय पुरुष का अपने पार्टनर की टेलबोन (Tailbone) को हिट करना आदि इस फ्रैक्चर के कारण हो सकते हैं।
प्रीएपिज़म (Priapism): प्रीएपिज़म लगातार और दर्दनाक इरेक्शन है, जो यौन उत्तेजना के कारण नहीं होता है।
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पीनायल कैंसर (Penile Cancer) : पीनायल कैंसर लिंग के आगे के भाग, सिरे या शाफ्ट पर एक छाले के रूप में शुरू हो सकता है और फिर पानी या मवाद से भरे फोड़े का रूप ले सकता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर के उपचार की जरूरत है।
अन्य रोग (Some other Diseases): हार्ट संबंधी समस्याएं (Heart Problems), डायबिटीज (Diabetes) आदि इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) का कारण बन सकते हैं। डिप्रेशन या अन्य दिमागी समस्याएं या दवाइयां भी इसका कारण हो सकती हैं।
अन्य दवाइयां (Some other Medicines): पीनस हेल्थ (Penis Health) को कुछ दवाइयां भी प्रभावित कर सकती हैं जैसे ब्लड प्रेशर ड्रग (Blood Pressure Drug) , एंटीडिप्रेसेंट्स (Antidepressants), नींद की दवा (Sleeping Medicine) आदि।
धूम्रपान (Smoking): धूम्रपान शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही पीनस का स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। अधिक ड्रिंकिंग भी कामेच्छा की कमी, इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि का कारण बन सकती है।
न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस (Neurological Condition): जैसे स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी और पीठ की चोटें, मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis) और डिमेंशिया (Dementia) मस्तिष्क से लिंग तक नर्व इम्पल्स (Nerve Impulses) के ट्रांसफर को प्रभावित कर सकते हैं। जिससे स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) हो सकता है।
एजिंग (Ageing): उम्र के बढ़ने पर आमतौर पर टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट होती है और उम्र का बढ़ना स्तंभन दोष (Erectile dysfunction), ऑर्गेज्म की कमी (Lack of orgasm), वीर्यस्खलन में समस्या (Ejaculation Problem) आदि के बढ़ते जोखिम के साथ भी जुड़ा हुआ है।
असुरक्षित यौन संबंध (Unprotected sex): असुरक्षित यौन संबंध, कई लोगों के साथ सेक्स और अन्य जोखिम भरे यौन व्यवहार से यौन संचारित संक्रमणों का जोखिम बढ़ता है।
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