के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Sarthi Manchanda
लेसिक आई सर्जरी यानी लेजर इन सीटू केराटोमीलेयसिस लोगों में फार साइटेडनेस, नियर साइटेडनेस और एस्टीग्माटिस्म के इलाज के लिए की जाती है। लेजर विजन करेक्शन सर्जरी कोर्निया (cornea) को दोबारा शेप में लाने के लिए होती है जिससे आने वाली रौशनी पीछे रेटिना पर सही से फोकस हो सके। इस सर्जरी को ज्यादातर देखने की समस्या को हल करने के लिए किया जाता है।
लेजर आई सर्जरी इनमें से किसी एक स्थिति में की जा सकती है :
जब कॉर्निया सिकुड़ जाये या फ्लैट हो जाये तब एस्टीग्माटिस्म हो जाता है। इससे पास और दूर का विजन बिगड़ जाता है।
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लेजर आई सर्जरी के बाद आपकी आंखों में खुजली या जलन की समस्या हो सकती है। आंखों से पानी भी आ सकता है। जिससे आपको धुंधला दिखाई दे सकता है। लेकिन थोड़ी देर बाद आपको साफ दिखाई देने लगेगा।
लेजर आई सर्जरी करवाने के जोखिम निम्न हो सकते हैंः
लेजर आई सर्जरी की वजह से आपकी आंखों में आंसू आना कम हो जाएंगें। आपकी आंखें सूखी लगेंगी, डॉक्टर आपको आईड्रॉप्स देंगे जिससे आंखों में नमी बनी रहे। जैसे-जैसे आंखें ठीक होंगी आपकी आंखें और ज्यादा सूखा महसूस करेंगी। सूखी हुई आंखों से देखने में परेशानी हो सकती है। आंखों में बहुत ज्यादा परेशानी होने पर आप एक और प्रोसेजर करवाकर प्लग्स लगवा सकते हैं, जो आपके टेअर डक्ट को बंद कर देगा जिससे आंसू रुके रहेंगे और आंखें नम रहेंगी।
सर्जरी के बाद आपको रात में देखने में परेशानी हो सकती है। ये कुछ हफ्तों तक हो सकता है। अगर आपके विजुअल रिजल्ट अच्छे हैं तब भी पहले के मुकाबले अब आपको धुंध या कोहरे में साफ दिखाई नहीं पड़ेगा।
अगर पहली सर्जरी की प्रक्रिया किसी कारण सफल नहीं होती है या टिशूज सही से नहीं निकलते हैं, तो ऐसी कंडीशन में आपको दोबारा भी लेजर आई सर्जरी करवानी पड़ सकती है।
इसके अलावा निम्न स्थितियों के भी जोखिम हो सकते हैंः
लेजर आई सर्जरी को करवाने से पहले इससे बचाव, साइड इफेक्ट्स और इससे जुड़े जोखिम की जानकारी के लिए आपको अपने सर्जन और डॉक्टर से बात करना चाहिए।
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ज्यादातर लोगो में लेजर आई सर्जरी के बाद साफ दिखने लगता है, लेकिन बहुत से लोगों को साफ दिखाई देने में तीन से छह महीने तक का समय भी लग सकता है। कभी-कभी आपको लेंसेस और ग्लासेज भी पहनने पड़ सकते हैं। ये तब होगा जब सर्जरी में ओवर या अंडर करेक्शन हो गया हो।
कुछ लोगों को लेजर आई सर्जरी दोबारा भी करवानी पड़ जाती है। इससे उनके दूर देखने की क्षमता बढ़ सकती है, लेकिन ग्लेर, हैलोस और रात में न दिखने की परेशानी बनी रह सकती है। अगर किसी को इस तरह की समस्या होती है, तो सामान्यतौर पर सर्जरी होने के लगभग छह महीने बाद यह ठीक हो जानी चाहिए। लेकिन, फिर भी कुछ पेशेंट्स में ग्लेर की समस्या से परेशान बनी रह सकती है।
अगर लेजर आई सर्जरी से आपके दूर देखने की पावर बढ़ी है, तो भी आपको 45 की उम्र में पढ़ने के लिए चश्मा पहनना पड़ सकता है।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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