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डॉक्टर कौन से STDs के लिए आपको टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं:
ऐसी कई सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज(sexually transmitted diseases) हैं, जिनके लिए आपको टेस्ट करना जरूरी है। उनमे से कुछ इस प्रकार हैं, जिनके लिए टेस्ट कराने की सलाह डॉक्टर आपको दे सकते हैं:
- क्लैमाइडिया (chlamydia)
- सूजाक (gonorrhea)
- ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV)
- हेपेटाइटिस बी ( hepatitis B)
- उपदंश (syphilis)
- ट्राइकोमोनिएसिस (trichomoniasis)
आपके डॉक्टर हर्पीस के लिए तब तक टेस्ट की सलाह नहीं देते हैं, जब तक कि आप को कोई समस्या न हो या आप टेस्ट करने के लिए न कहें।

इन चीजों का रखें ख्याल
यह न सोचें कि आपके एनुअल फिजिकल या सेक्शुअल हेल्थ चेकअप में डॉक्टर खुद ही एसटीडी टेस्टिंग को शामिल कर देंगे। कई डॉक्टर अपने मरीजों का यह टेस्ट रेगुलर नहीं कराते। ऐसे में आपको खुद अपने डॉक्टर को यह टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं। इन चीजों का ध्यान रखना भी जरूरी है:
- अपनी सेक्शुअल हेल्थ को लेकर शर्म करने से बचना चाहिए। अगर आप किसी इंफेक्शन या लक्षण को लेकर चिंता में हैं तो अपने डॉक्टर से अवश्य बात करें।
- अगर आप गर्भवती हैं तो आपके लिए यह टेस्ट कराना जरूरी हैं। क्योंकि, यह रोग आपके भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है।
- अगर आपके साथ शारीरिक संबंधों या अन्य सेक्शुअल गतिविधियों को लेकर जबरदस्ती की गई हो तो भी STD टेस्टिंग(STD testing) करानी चाहिए।
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STD टेस्टिंग(STD testing) के दौरान क्या होता है?
STD टेस्टिंग(STD testing) जल्दी होने वाली आसान प्रक्रिया होती है और इसमें आपको कोई परेशानी नहीं होती। सभी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज(sexually transmitted diseases) के लिए एक ही टेस्ट नहीं होता बल्कि अलग-अलग STD के लिए अलग टेस्ट की सलाह दी जाती है। आपके डॉक्टर आपको सलाह दे सकते हैं कि आपको कौन सा टेस्ट कराना चाहिए। STD टेस्टिंग(STD testing) में यह सब शामिल हैं:
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- यूरिन टेस्ट : यूरिन टेस्ट में आपको केवल एक कंटेनर में अपने पेशाब का सैंपल देना होगा।
- चीक स्वाब — आपके गाल को अंदर की तरफ से नरम स्वाब से घिस कर HIV टेस्ट के लिए सैंपल लिया जाता है।
- ब्लड टेस्ट : आपकी उंगली या बाजु से डॉक्टर आपका खून लेंगे और उसकी जांच करेंगे।
- शारीरिक जांच:आपका नर्स या डॉक्टर मसा, घाव, जलन, या डिस्चार्ज की जांच करने के लिए आपके जननांग का चेकअप करते हैं।
- घावों का टेस्ट – आपके डॉक्टर किसी भी घाव या फफोले से तरल पदार्थ का एक नमूना स्वाब के साथ ले सकते हैं।

आप जितने अधिक हो सके सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज(sexually transmitted diseases) के लिए टेस्ट करा सकते हैं, चाहे आपको उसके लक्षण हों या नहीं। कुछ एसटीडी(STD) के लक्षण एक जैसे होते हैं। ऐसे में अलग-अलग इंफेक्शंस के लिए टेस्ट कराए जा सकते हैं। टेस्ट के बाद आपको उसकी रिपोर्ट कुछ ही देर में मिल जाती है।
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज(sexually transmitted diseases) होने पर आपको क्या करना चाहिए ?
एसटीडी(STD) होना कोई असामान्य बात नहीं है। ऐसे में, धैर्य रखें और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें। आपको अपने यौन संबंधों के बारे में सब कुछ अपने डॉक्टर को बताना चाहिए। ताकि, वो सही उपचार और टेस्ट करा सके। यह सब बताना आसान नहीं होता लेकिन यह जरूरी है। कई सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज(sexually transmitted diseases) दवाइयों से ठीक हो जाती हैं। इसलिए जब आपका उपचार खत्म हो जाए तो आप सामान्य जीवन जी सकते हैं। कुछ एसटीडी(STD) को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन आपके लक्षणों का इलाज करने और आपको अपने एसटीडी(STD) को किसी ऐसे व्यक्ति तक फैलने से रोकने के बहुत सारे तरीके हैं जिनसे आप यौन संबंध रखते हैं।