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क्या गर्भवती होने पर STD का इलाज कराना ठीक होगा?
प्रेग्नेंसी के दौरान STD के टेस्ट और इलाज करवाना बेहद जरूरी है। अगर किसी प्रेग्नेंट महिला में STD के टेस्ट के दौरान कोई यौन जनित रोग डिटेक्ट हुआ है, तो जल्दी ही उसका इलाज शुरू करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कई यौन संचारित रोगों का पता चल सकता है, जिनमें क्लैमाइडिया, गोनोरिया, सिफलिस, ट्राइकोमोनिएसिस शामिल हैं। इन सभी रोगों का एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए इलाज किया जाता है।
STD के टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर रोग के बारे में पता करके तय करते हैं कि कौनसी एंटीबायोटिक देना है। यह एंटीबायोटिक दवाइयां प्रेग्नेंसी में लेना पूरी तरह से सुरक्षित है। कुछ यौन संचारित रोग वायरस के कारण होते हैं, जैसे हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और जेनिटल हर्पीस का पूरी तरह से इलाज नहीं किया जा सकता है। कुछ मामलों में यौन संचारित रोग (हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और जेनिटल हर्पीस) का इलाज कर बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सकता है। प्रेग्नेंसी में STD के टेस्ट और इलाज करवाना बेहद जरूरी है, इससे गर्भस्थ शिशु को एसटीडी के खतरों से बचाया जा सकता है।
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प्रेग्नेंसी में कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं इसी में एसटीडी यानि यौन संचारित रोगों का भी टेस्ट किया जाता है ताकि पता लगाया जा सके कि गर्भवती महिला किसी यौन संचारित रोग से पीड़ित तो नहीं है। इन टेस्ट के जरिए होने वाले बच्चे को भी संक्रमण से बचाने के लिए उपाय किए जा सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं प्रेग्नेंसी में STD के टेस्ट विषय पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इन रोगों से बचाव करना बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंसी के समय ज्यादा एहतियात बरतना चाहिए, क्योंकि कई बार इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी असर पड़ सकता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।