सरोगेसी एक तरह की तकनीक है, जिसमें एक महिला और कपल (हसबैंड और वाइफ) के बीच अग्रीमेंट होता है। दरअसल इसमें ऐसी महिलाएं मां बन पाती हैं, जो गर्भ न ठहरने या IVF सक्सेसफुल नहीं होने के कारण बच्चों को जन्म दे पाने में असफल होती हैं। सरोगेसी में पुरूष के स्पर्म (शुक्राणु) को सरोगेट मदर के ओवम (अंडाणु) के साथ फर्टिलाइज किया जाता है। इसके अलावा सरोगेसी फैक्ट के अनुसार जेस्टेशनल सरोगेसी में माता और पिता दोनों के अंडाणु और शुक्राणु को टेस्ट ट्यूब प्रॉसेस से फर्टिलाइज करवा कर भ्रूण (Embryo) को यूट्रस में इम्प्लांट किया जाता है।
इसमें बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता है। जन्म के बाद बच्चे पर उस महिला का अधिकार नहीं होता है जो गर्भ में शिशु को रखती हैं। सरोगेसी के फैक्ट ये हैं कि इसे ‘किराय की कोख’ भी कहते हैं क्योंकि सरोगेट मदर भ्रूण (शिशु) का विकास अपने गर्भाशय में करती हैं और इसके बदले उन्हें पैसे दिए जाते हैं। सरगेसी से जुड़ी ऐसी बहुत सी बातें हैं, जो अक्सर लोगों को पता नहीं होकी है। आप इस आर्टिकल के माध्यम से सरोगेसी से जुड़ी कई बातों की जानकारी ले सकते हैं।