भारत में सरोगेसी की स्थिति ?
यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 3000 से ज्यादा सरोगेसी के केंद्र हैं। जिनमें महाराष्ट्र और गुजरात में सबसे अधिक सरोगेसी सेंटर पाया गया है। इसकी सबसे बड़ा कारण है, भारत में सरोगेसी में आने वाला कम खर्च। आंकड़े कहते हैं कि इनका कारोबार सालाना लगभग तीन से चार हजार करोड़ रूपए का है।सरोगेसी बिल 2019 में ये बात साफ तौर पर कही गई है कि सरोगेसी की सुविधा केवल विवाहित कपल्स को ही दी जाएगी। होमोसेक्सुएल मैन के लिए ये सुविधा उपलब्ध नहीं है। साथ ही बिल में लिव इन कपल्सॉ, विधवा या विधुर के लिए सरोगेसी की सुविधा उठाने पर रोक लगाई गई है। आपको बताते चले कि सरोगेसी बिल को लेकर बहुत आलोचना भी हो चुकी है। साल 2016 में सरोगेसी के दुरुपयोग को लेकर बिल भी पेश किया जा चुका है। इस मुद्दे को इसीलिए उठाया गया ताकि सरोगेसी का कोई भी गलत फायदा न उठा सके।
सरोगेसी के बाद अगर बच्चा विकलांग पैदा होता है या फिर बच्चे में किसी प्रकार की कमी होती है तो बच्चे को पैरेंट्स उसे लेने से मना कर देते हैं, लेकिन बिल में ये बात साफ तौर पर कही गई है कि सरोगेसी से पैदा हुए बच्चे के अधिकार सामान्य तरीके से पैदा हुए बच्चे जैसे ही होंगे। यानी बच्चे के विकलांग पैदा होने या फिर अन्य समस्या होने पर भी पेरेंट्स उसे लेने से इंकार नहीं कर सकते हैं। साथ ही सरोगेसी के दौरान अगर सरोगेट मां का बच्चे से अधिक अटैचमेंट हो जाता है तो सरोगेट मां बच्चे को देने से इंकार नहीं कर सकती है। इन नियमों को मानने के बाद ही सरोगेसी का सहारा लिया जा सकता है। जो इन नियमों को नहीं मानेगा, उसे खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकेगा।
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विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि देश में सरोगेसी एक तरह का बिजनेस इंडस्ट्री बन गया है। बहुगुणा मानती हैं कि, यह विधेयक महिलाओं को शोषित होने से बचाएगा। वाईएसआर कांग्रेस की सांसद वीवी सत्यवती कहती हैं, कि इस विधेयक में करीबी रिश्तेदारों का जिक्र किया गया है, लेकिन, इसकी परिभाषा नहीं बताई गई है। इसके जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि करीबी रिश्तेदार को परिभाषित करने पर व्यापक चर्चा की गई है। सरोगेसी को लेकर दुनिया के विभिन्न देशों में भिन्न नियम है। भारत में भी कुछ सालों में इन नियमों में बदलाव किए हैं। नियमों में बदलाव हालात को देखते हुए किए गए हैं। अगर आपको भारत में सरोगेसी के संबंध में अधिक जानकारी चाहिए को आप सरोगेसी सेंटर से जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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लोगों की राय: सीमा कहती हैं, कि ‘सरोगेसी को लेकर सरकार की ओर से लिया गया फैसला सही है। क्योंकि, सरोगेट मदर को कई बार परेशान करने की बात भी सामने आती रही है। लेकिन, अब जब सिर्फ अपने दोस्त या परिवार के सदस्यों की मदद से ही सरोगेसी संभव है, तो ऐसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। – सीमा सिंह, 40 वर्ष, आईटी प्रोफेशनल