ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer), कैंसर का एक प्रकार है जो ओवरी (Ovary) से शुरू होता है। महिला की प्रजनन प्रणाली में दो ओवरीज होती हैं और यह बहुत छोटे आकार की होती है। इसमें अंडाणु के साथ-साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन भी होता है। शुरुआत में ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) का पता नहीं चल पाता। अधिकर मामलों में जब यह पेल्विस और पेट के भीतर फैल जाता है, उसके बाद इसकी पहचान होती है। देरी से निदान होने के कारण इस कैंसर का इलाज भी मुश्किल हो सकता है। अगर शुरुआत में इसका पता चल जाए तो इलाज सफल हो जाता है। ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) की पहचान करने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता होना बेहद जरूरी है। जानिए, ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer) कौन से हैं।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer)
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के शुरुआती स्टेज में बहुत कम लक्षण दिखाई देते हैं। इसकी एडवांस स्टेज में कुछ विशिष्ट लक्षण दिखाई देते हैं। उन्हें कई बार अन्य समस्याओं के लक्षण भी समझ लिया जा सकता है। ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer) इस प्रकार हो सकते हैं:
- पेट फूलना या सूजन
- भोजन करते समय पेट भरा हुआ सा पूरा महसूस होना
- वजन का कम होना
- पेल्विक क्षेत्र में बेचैनी
- पाचन संबंधी में बदलाव, जैसे कब्ज
- मूत्र त्याग की तीब्र इच्छा
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें:ओवेरियन कैंसर स्टेज 4 : क्या है इस गंभीर स्थिति से बचने का उपाय?
ओवेरियन कैंसर के प्रकार (Types of Ovarian Cancer)
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के 30 से अधिक विभिन्न प्रकार हैं, जिन्हें इस प्रकार के सेल द्वारा वर्गीकृत किया जाता ,है जिससे यह समस्या शुरू होती है। ओवेरियन कैंसर तीन प्रकार के सामान्य सेल से शुरू होता है। जिस सेल के प्रकार से यह कैंसर शुरू होता है वो यह निर्धारित करता है कि आपको किस प्रकार का ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer)है। ओवेरियन कैंसर के प्रकार इस तरह से हैं:
- एपिथेलियल ट्यूमर्स (Epithelial tumors) : जो टिश्यू की पतली परत में शुरू होता है और जो ओवरी के बाहर को कवर करता है। लगभग 90 प्रतिशत ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) एपिथेलियल ट्यूमर्स (Epithelial tumors) हैं।
- स्ट्रोमल ट्यूमर्स (Stromal tumors) : जो ओवेरियन टिश्यू में शुरू होता है और जिसमें हार्मोन-उत्पादक कोशिकाएं (Hormone-Producing Cells) होती हैं। इस ट्यूमर का आमतौर पर अन्य ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) की तुलना में पहले चरण में निदान किया जाता है। ओवेरियन कैंसर के लगभग 7 प्रतिशत स्ट्रोमल होते हैं।
- जर्म सेल ट्यूमर (Germ cell tumors): जो अंडाणु बनाने वाली कोशिकाओं में शुरू होते हैं। ये दुर्लभ ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) युवा महिलाओं में अधिक देखा जाता है।
ओवेरियन कैंसर की स्टेजेज कौन सी हैं? (Stages of Ovarian Cancer)
इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल के ओनोकोलॉजी विभाग के डाॅक्टर राहुल कुमार चौहान का कहना है कि ओवेरियन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में मृत्यु का कारण बनने वाले 7 वां सबसे आम कारण है। भारत में, यह तीसरा सबसे आम कैंसर है – हर साल लगभग 60,000 महिलाओं को प्रभावित करता है और इसकी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं! यह एक अत्यधिक आक्रामक कैंसर है, जिसका मृत्यु अनुपात बहुत अधिक है। ज्यादातर मामलों में, कैंसर चुप रहता है या लंबे समय तक किसी का ध्यान नहीं जाता है। यह अंडाशय के विभिन्न भागों में बिना किसी प्रमुख लक्षण के हो सकता है, जैसे रोगी को पेट में सूजन, अपच , और कभी-कभी मूत्र संबंधी शिकायत भी हो सकती है। ये कई अन्य समस्याओं के सामान्य लक्षण हैं; इसलिए, प्रारंभिक अवस्था में डिम्बग्रंथि के कैंसर की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, डिम्बग्रंथि के कैंसर को हराने का एकमात्र प्रभावी तरीका शीघ्र निदान और समय पर हस्तक्षेप है।
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) की स्थिति में आपके डॉक्टर यह निर्धारित करते हैं कि कैंसर कितना फैल चुका है और इसके आधार पर ही यह चरण निर्धारित किए गए हैं। ओवेरियन कैंसर के चार चरण इस प्रकार हैं:
स्टेज 1 : ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के चार स्टेजेज में से पहली स्टेज में इस कैंसर का निदान होता हैं। इसकी तीन सबस्टेजिज हैं जिसमे कैंसर कहां फैला है, यह निर्धारित होता है, जैसे
- स्टेज 1A.कैंसर एक ही ओवरी के अंदर है।
- स्टेज 1B. कैंसर दोनों ओवरीज में है।
- स्टेज 1C. ओवरी के बाहर की तरफ भी कैंसर सेल्स हैं।
स्टेज 2 :दूसरी स्टेज में ट्यूमर पेल्विक स्ट्रक्चर (Pelvic Structure) तक फैल चुका होता हैं। इसकी दो सबस्टेजिज हैं:
- स्टेज 2A. कैंसर गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube) में फैल चुका है।
- स्टेज 2B. कैंसर मूत्राशय (Urinary Bladder) या मलाशय (Rectum) में फैल चुका है।
स्टेज 3: स्टेज 3 में भी यह जाना जाता है कि ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) आगे कौन से अंगों तक फैला हैं। इसकी भी तीन सबस्टेजिज हैं:
- स्टेज 3A. कैंसर पेल्विस (Pelvis) की लाइनिंग के बाद पेट के निचले हिस्से और पेट में लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes) तक माइक्रोस्कॉपिकली फैल गया है।
- स्टेज 3B. कैंसर सेल्स पेल्विस के बाद पेट की लाइनिंग (Stomach Lining) तक फैल गई हैं।
- स्टेज 3C. कैंसर के जमाव को पेट या स्प्लीन या लिवर के बाहर देखे जाते हैं। हालांकि, कैंसर स्प्लीन या लिवर के अंदर नहीं है।
स्टेज 4: इस स्टेज में ट्यूमर मेटास्टेसाइज किया गया है, या पेल्विस, पेट, और लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes) से पूरे लिवर या फेफड़े तक फैल गया है। इस चरण के दो सबस्टेजिज हैं:
- स्टेज 4A, कैंसर की कोशिकाएं फेफड़ों के आसपास तरल पदार्थ में होती हैं।
- स्टेज 4B, इस सबसे एडवांस स्टेज में कैंसर सेल्स स्प्लीन (Spleen), लिवर या त्वचा और दिमाग जैसे अंगों के अंदर तक फैल चुका होता है।
ओवेरियन कैंसर के कारण और रिस्क फैक्टर्स (Causes and Risk Factors of Ovarian Cancer)
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) एक जानलेवा बीमारी हैं। यह किसी भी महिला को हो सकती हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका जोखिम बढ़ जाता हैं। ओवेरियन कैंसर के कारण और जोखिम बढ़ाने वाले फैक्टर इस प्रकार हैं:
- बुढ़ापा (Ageing) : ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 50 से 60 साल की महिलाओं में इसे अधिक देखा जा सकता है।
- इनहेरिटेड जीन म्यूटेशन (Inherited gene mutations) : ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) का एक कारण जीन म्यूटेशन भी है जो अपने माता-पिता से मिलता है। ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले जीन को ब्रेस्ट कैंसर जीन 1 (BRCA1) और ब्रैस्ट कैंसर जीन 2 (BRCA1) कहा जाता है। ये जीन ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के खतरे को भी बढ़ाते हैं।
- अन्य जीन म्यूटेशन (gene mutations) जो लिंच सिंड्रोम (Lynch Syndrome) से भी जुड़े हैं, वो भी इस कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- ओवेरियन कैंसर का पारिवारिक इतिहास (Family history of Ovarian Cancer): अगर आपके दो या दो से अधिक करीबी रिश्तेदारों को ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) है, तो आपको भी यह समस्या होने की संभावना अधिक हैं।
- एस्ट्रोजन हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Estrogen replacement therapy): एस्ट्रोजन हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के कारण भी यह कैंसर हो सकता हैं, विशेष रूप से अगर यह थेरेपी लंबे समय तक चली हो या इसका अधिक प्रयोग किया गया हो।
- मासिक धर्म से जुड़ी उम्र (Menstrual Age) : जिस उम्र में पीरियड आना शुरू हुए हों या बंद हुए हों, वो भी ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के खतरे को बढ़ाती है। जैसे कम उम्र में मासिक धर्म की शुरुआत या ज्यादा उम्र में रजोनिवृत्ति होना दोनों ही ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
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ओवेरियन कैंसर का निवारण क्या है? (Ovarian Cancer Prevention)
ओवेरियन कैंसर को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन, कुछ तरीकों से इसके जोखिम को कम हो सकते हैं। यह तरीके इस प्रकार हैं:
- बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth control pills): बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से पहले डॉक्टर से सुनिश्चित कर लें कि क्या यह आपके लिए सही हैं? जो महिलाएं ओरल गर्भ निरोधकों (Oral Contraceptives) का उपयोग करती हैं, उनमें ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) का खतरा कम हो सकता है। लेकिन, इसमें भी कुछ जोखिम शामिल होते हैं। इसलिए डॉक्टर से सलाह जरूरी हैं।
- फॅमिली हिस्ट्री (Family History) : अगर आपके परिवार में ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) की हिस्ट्री रही है, तो डॉक्टर से बात करना जरूरी है। इस स्थिति में डॉक्टर आपको पहले ही जांच कराने की सलाह दे सकते हैं। यही नहीं, अगर स्क्रीनिंग करने पर आपको जीन म्युटेशन (Gene Mutation) पाया जाता हैं, जो इसके जोखिम को बढ़ाता हैं। तो डॉक्टर और आप कैंसर को रोकने के लिए ओवरीज को हटाने के लिए सर्जरी पर विचार कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए पहले से ही इस रोग की स्क्रीनिंग होना अनिवार्य हैं।
- स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle): जीवन में स्वस्थ वजन बनाए रखने और अच्छी जीवनशैली की आदतों को अपनाने (व्यायाम करना, संतुलित आहार लेना, शराब को सीमित करना) से आपको कैंसर होने का खतरा कम हो सकता है।
ओवेरियन कैंसर का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Ovarian Cancer)
ओवरी एब्डोमिनल कैविटी (Abdominal Cavity) के भीतर होती हैं, इसलिए आपको ट्यूमर महसूस होने की संभावना नहीं है। ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के लिए कोई नियमित डायग्नोस्टिक स्क्रीनिंग (Diagnostic Screening) भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए, अगर आपको कोई भी असामान्य लक्षण महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूरी हैं। अगर आपके डॉक्टर को ओवेरियन कैंसर का संदेह होता है तो वो पेल्विक टेस्ट (Pelvic Test) की सलाह देंगे।
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ओवेरियन कैंसर के निदान (Diagnosis of Ovarian Cancer) के लिए उपयोग की जाने वाली टेस्ट और प्रक्रिया इस प्रकार हैं:
- पेल्विक जांच : पेल्विक जांच के दौरान डॉक्टर आपका डॉक्टर आपकी योनि के अंदर उंगलियां ले जाते है और साथ ही अपने पेल्विक के अंगों को महसूस करने के लिए अपने पेट को हाथ से दबाते है। डॉक्टर आपके बाहरी जननांग, योनि और सर्विक्स की भी जांच करते हैं।
- इमेजिंग परीक्षण : आपके पेट और पेल्विस के अल्ट्रासाउंड (Pelvis Ultrasound) या सीटी स्कैन जैसे टेस्ट आपकी ओवरी के आकार, शेप और संरचना को निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं।
- ब्लड टेस्ट्स : ब्लड टेस्ट्स में ऑर्गन फंक्शन टेस्ट्स शामिल हो सकते हैं, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं। आपके डॉक्टर ट्यूमर मार्कर्स (Tumor Markers) के लिए आपके ब्लड टेस्ट भी कर सकते हैं, जो ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) का संकेत देते हैं। उदाहरण के लिए, कैंसर एंटीजन (CA) 125 टेस्ट से उस प्रोटीन का पता लगा सकता है जो अक्सर ओवेरियन कैंसर सेल्स की सतह पर पाया जाता है। ये टेस्ट आपके डॉक्टर को यह नहीं बता सकते हैं कि आपको कैंसर है, लेकिन आपके रोग के निदान के बारे में सुराग दे सकता है।
ओवेरियन कैंसर का उपचार (Treatment of Ovarian Cancer)
ओवेरियन कैंसर के उपचार (Treatment of Ovarian Cancer) के भी कई तरीके हैं। डॉक्टर इसकी गंभीरता और अन्य फैक्टर्स को ध्यान में रख कर सही उपचार को चुनते हैं। जानिए कैसे किया जाता हैं ओवेरियन कैंसर का उपचार (Treatment of Ovarian Cancer)। इस रोग का उपचार कई फैक्टर पर निर्भर करता हैं, जैसे:
- कैंसर की स्टेज, टाइप या ग्रेड
- रोगी की उम्र या स्वास्थ्य स्थिति
- रोगी कीव्यक्तिगत प्राथमिकताएं
- उपचार की पहुंच और सामर्थ्य
जब यह बात यह कन्फर्म हो जाती है कि आपको ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) है। तो डॉक्टर टेस्ट या अन्य प्रक्रियाओं से आपके कैंसर की स्टेज के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। ओवेरियन कैंसर की स्टेज को I to IV के बीच में रखा जाता है। जानिए उपचार के क्या हैं तरीके:
सर्जरी ( Surgery)
सर्जरी इस बात पर निर्भर करती हैं कि कैंसर का प्रकार क्या हैं और यह कितना फैल चुका हैं। सर्जिकल विकल्पों में एक हिस्टेरेक्टॉमी, एक या दोनों ओवरी को हटाना और प्रभावित लिम्फ नोड्स (Affected Lymph Nodes) को हटाना शामिल हैं।
कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
ये दवाएं कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए प्रयोग की जाती हैं। यदि कोई व्यक्ति ओरल, इंजेक्शन या इन्फ्यूजन के माध्यम सेकीमोथेरेपी (Chemotherapy) दवाएं लेता है, तो यह पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। एक अन्य विकल्प इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी (Intraperitoneal chemotherapy) है। इस मामले में, एक ट्यूब कैंसर से प्रभावित शरीर के क्षेत्र में सीधे दवा पहुंचाती है।
टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy)
कुछ उपचार उन खास सेल्स को टारगेट करते हैं जो कैंसर के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। उदाहरणों में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी (Monoclonal Antibody Therapy) और एंजियोजेनेसिस इनहिबिटर (Angiogenesis Inhibitors) शामिल हैं।
रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
यह तकनीक कैंसर कोशिकाओं को नष्ट के लिए एक्स-रे का उपयोग करती है। यह एडवांस ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) वाले लोगों की मदद कर सकता है।
इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy)
इसका उद्देश्य कैंसर के खिलाफ शरीर की रक्षा के लिए इम्युनिटी को बढ़ावा देना है। इस वैक्सीन थेरेपी (Vaccine Therapy) में उन पदार्थों को इंजेक्ट करना शामिल है, जो एक ट्यूमर को ढूंढेंगे और नष्ट कर देंगे। यह एडवांस्ड ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) से पीड़ित लोगों के लिए सहायक हैं।
ओवेरियन कैंसर के लिए कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Side Effect of Chemotherapy)
कीमोथेरेपी ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के उपचार के सबसे सामान्य रूपों में से एक है। जबकि कीमोथेरेपी के कई साइड इफेक्ट्स हैं और हर व्यक्ति इसके अलग साइड इफ़ेक्ट अनुभव करता हैं। कीमो दवाएं केवल ओवरी में नहीं बल्कि पूरे शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर सकती हैं । यह उन रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जिनका कैंसर अधिक फैल चुका हैं। इसके कुछ साइड इफेक्ट इस प्रकार हैं:
- बालों का निकल जाना (Hair Loss)
- जी मिचलाना और उल्टी (Nausea and vomiting)
- दस्त, कब्ज या दोनों (Diarrhea, constipation or both)
- न्यूरोपैथी (उंगलियों और पैर की उंगलियों में झुनझुनी)
- कीमोथेरेपी थकान, भूख की कमी, कामेच्छा में कमी और शार्ट टर्म मेमोरी लॉस आदि का कारण बन सकती है। इसके अतिरिक्त, कीमोथेरेपी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है, जो लोग कीमो से गुजर रहे हैं, वे विशेष रूप से इंफेक्शन के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं।
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ओवेरियन कैंसर को मैनेज करने के लिए जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes in Ovarian Cancer)
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) को मैनेज करने के लिए दवाइयों, थेरेपी आदि के अलावा जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी हैं। इससे न केवल आप जल्दी स्वस्थ होंगे, बल्कि एक अच्छा जीवन जीने में भी आपको मदद मिलेगी। जानिए आपको अपने जीवन में कौन से बदलाव लाने चाहिए :
स्मोकिंग छोड़ दें (Avoid Smoking)
स्मोकिंग करने से जहरीले केमिकल शरीर में जाते हैं। जो न केवल कैंसर के उपचार को धीमा कर सकते हैं बल्कि जटिलताओं को भी बढ़ा सकते हैं। जैसे ही आप धूम्रपान छोड़ेंगे आपकी इम्युनिटी बढ़गी और आपको कैंसर से लड़ने में मदद मिलेगी।
रजोनिवृत्ति और सेक्शुअल साइड इफेक्ट को मैनेज करें (Manage Menopause and Sexual Side Effects)
सर्जरी से आपकी ओवरीज को निकाल दिया जा सकता हैं या नॉन-सर्जिकल उपचार से भी आपके शरीर में से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन (Estrogen and Progesterone) का उत्पादन बंद हो जाएगा, जो रजोनिवृत्ति को प्रेरित करेगा। रजोनिवृत्ति के कारण आपको कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे योनि में रूखापन (Dry Vagina), तनाव (Depression), संभोग के दौरान दर्द (Pain during Intercourse) आदि। रजोनिवृत्ति सेक्शुअल साइड इफ़ेक्ट के लिए कई उपचार मौजूद हैं जैसे जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes) , हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone Replacement Therapy), वजाइनल लुब्रिकेंट्स का प्रयोग (Use of Vaginal Lubricants), काउन्सलिंग Counseling आदि। इस तरह की कोई भी समस्या होने पर अपने पार्टनर और डॉक्टर से खुलकर बात करें।
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इंफेक्शन के जोखिम को कम करें (Reduce the Risk of Infection)
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) और इसके इलाज से शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती हैं। जिससे इंफेक्शन होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता हैं। इसके लिए आपको इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए कुछ सामान्य उपाय करने चाहिए, जैसे
- अपने हाथों को अच्छे से धोएं। इसके लिए साबुन या सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- भीड़ में जाने से बचे।
- अपने मुंह, नाक, आंखों को बार-बार न छुएं।
- चीजों और सतहों को बार- बार डिसइनफेक्ट और साफ करें।
- अपने डॉक्टर से फ्लू और निमोनिया के खिलाफ टीकाकरण के बारे में पूछें।
आहार में बदलाव (Dietary Changes)
आपके शरीर और मूड के बदलाव में आपका आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। संतुलित आहार आपके शरीर को सही से काम करने में मदद करेगा और पोषक तत्वों से आपके टिश्यू को ठीक और रिकवर होने में भी मदद मिलती हैं। कैंसर के कारण आपकी भूख कम हो सकती हैं। ऐसे में डाइटिशियन से अपने लिए मील प्लान (Meal Plan) बनवाएं, जो आपके लिए मददगार हो।
व्यायाम (Exercise)
व्यायाम करने से आप ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के दौरान होने वाले फिजिकल और इमोशनल बदलावों को मैनेज कर पाएंगे। इसके साथ ही आपका एनर्जी लेवल बढ़ेगा और इम्युनिटी भी स्ट्रांग होगी। आपको कौन से व्यायाम करने चाहिए इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
थकावट से बचें (Avoid Tiredness)
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के ट्रीटमेंट के दौरान थकावट होना सामान्य है। अधिक थकावट से बचने में मदद करने के लिए जरूरी कार्यों को प्राथमिकता दें और सबसे महत्वपूर्ण लोगों पर ध्यान केंद्रित करें। दैनिक कार्यों के लिए दूसरे लोगों से मदद लें। यदि आवश्यक हो, तो पूरा दिन आराम करें। यदि थकान जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
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ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना और उससे उबरना आसान नहीं हैं। ऐसे में, दोस्तों, परिवार या अन्य परिजनों का साथ आपके लिए लाभदायक हो सकता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि जो लोग कैंसर से उबरने के लिए अन्य लोगों की मदद लेते हैं, वे अक्सर बेहतर भावनात्मक संतुलन बनाए रख पाते हैं। इससे न केवल आप इस बीमारी से लड़ पाते हैं बल्कि आपको ठीक होने के बाद भी जीवन को आराम से जीने में मदद मिलती हैं।