- साफ-सफाई पर ध्यान दें,
- साफ और पोषण युक्त भोजन खिलाएं,
- बच्चे को हाइड्रेट रखें,
- समय-समय बच्चे को मेडिकल जांच के लिए पीडिअट्रिशन के पास ले जाएं।
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बच्चों को दस्त: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या ब्रेस्टफीड करने वाले शिशुओं में दस्त होने की संभावना कम होती है?
हां, फॉर्मूला मिल्क की तुलना में ब्रेस्ट मिल्क पीने वाले शिशुओं में डायरिया की संभावना कम होती है। दस्त के जोखिम को स्तनपान कम कर देता है। एक रिपोर्ट की माने तो ब्रेस्टफीडिंग न करने वाले शिशुओं में दस्त की वजह से मृत्यु की संभावना ज्यादा रहती है।
क्या मुझे बच्चे के दस्त के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराते समय ओआरएस देना चाहिए?
हां, यदि आप स्तनपान करवा रही हैं, तो भी बच्चे को ओआरएस दिया जा सकता है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
क्या बच्चे को दस्त होने पर सॉलिड फूड देना बंद कर देना चाहिए?
अगर आपका बच्चा दस्त से पहले सॉलिड फूड ले रहा था, तो तुरंत इसे न बंद करें। इसकी बजाय बच्चे को हल्का खाना खिलाएं जो पोषण से भरपूर हो।
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बच्चों को दस्त: डॉक्टर को कब दिखाएं?
बच्चों को उल्टी दस्त की समस्या तो आम है लेकिन इसे हल्के में न लें। क्रोनिक डायरिया बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर आपको अपने बच्चे में दस्त के निम्न लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें –
- दो दिन बाद भी दस्त की स्थिति में सुधार न आना
- शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
अगर आपके बच्चे को दस्त के कारण पानी की कमी होने लगी है तो उसे आपातकालीन कक्ष में ले जाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके अलावा दस्त के साथ 102 डिग्री से अधिक बुखार, काला मल, पेट में दर्द या मल में खून आने पर भी डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
नवजात शिशु में दस्त के ये लक्षण दिखना हो सकता है आपातकालीन स्थिति का संकेत –
- बिना आंसुओं के रोना
- मल में खून या कालापन दिखाई देना
- 3 या उससे अधिक घंटों में डायपर गिला न करना
- 24 घंटों में स्थिति में सुधार न आना
- मुंह या जीब सुखना
- पेट, गालों या आंखों का दबा हुआ लगना
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बच्चों को दस्त: निष्कर्ष
दस्त की स्थिति का मुख्य कारण बच्चों का खानपान होता है। तो वहीं इसका इलाज भी सही आहार ही होता है। यदि आपके बच्चे को दस्त की समस्या है तो उससे ज्यादा से ज्यादा आराम, पर्याप्त मात्रा में पानी और कुछ घंटों बाद उसे केले, चावल, सेब और ब्रेड (टोस्ट) का सेवन करवाएं।
एक या दो दिन के बाद आप चाहें तो बच्चे को नरम आहार का सेवन करवाना भी शुरू कर सकते हैं जैसे की लीन चिकन और अंडे की भुजिया (Scrambled eggs).
इस डाइट का सेवन करने से इलाज की प्रक्रिया में तेजी आती है और बच्चे को जल्द ही आराम भी महसूस होने लगता है।