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क्रैडल कैप दूर करे
कई बार शिशुओं को क्रैडल कैप की समस्या होती है। इसके कारण सिर की त्वचा चिकनी और पपड़ीदार हो जाती है। सूखने पर त्वचा भूरी और पीली हो जाती है। यह समस्या सारा दिन शिशु के एक ही पोजीशन में सोने के कारण होती है। इस समस्या से निजात दिलाने में भी बादाम का तेल सहायक है।
मांसपेशियों को मजबूत करे
बादाम के तेल से मालिश करने से शिशु के पूरे शरीर की अच्छी एक्सरसाइज होती है। इसके साथ ही तेल से मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से रहती है और मांसपेशियों की मूवमेंट भी अच्छे से होती है। जिससे समय के साथ मांसपेशियां मजबूत होती है। जिससे शिशु को चलने और मूवमेंट करने में आसानी होती है।
नाखून बने स्वस्थ
बादाम के तेल में पोटैशियम और कैल्शियम होता है और साथ में विटामिन भी होता है। जिससे बच्चे के नाखून मजबूत, स्वस्थ और चमकदार बनते हैं।
पाचन में मददगार
जब आप बच्चे के पेट में गुनगुने पानी में बादाम का तेल मिला कर मालिश करते हैं, तो इससे पाचन शक्ति बढ़ती है। पेट में हलके से मालिश करने से उसे दूध पीने के बाद होने वाली पेट दर्द से भी आसानी मिलती है ।
नींद में सहायक
बादाम के तेल की मालिश करने से शिशु को आराम मिलता है जिससे शिशु शांत रहते हैं और शिशु आराम से सो पाता है।
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बादाम के तेल की मालिश से पहले बरते सावधानियां
- शिशु की त्वचा संवेदनशील होती है इसलिए मालिश की शुरुआत में सबसे पहले शिशु के शरीर के किसी हिस्से पर थोड़े से तेल से मालिश करें। इससे आपको यह पता चलेगा कि कहीं आपके शिशु को इससे रैशेस तो नहीं होंगे।
- कई बच्चे इस तेल से एलर्जिक होते हैं। अगर ऐसा है तो आप ऐसे बच्चे का बादाम के तेल से मालिश न करें।
- अगर आप मालिश के एकदम बाद शिशु को नहीं नहलाने वाले हैं। तो बच्चे की त्वचा को साफ कपडे से पौंछ लें। जिससे बच्चे की त्वचा पर न तो रेशेस होंगे, न ही तेल के दाग कहीं लगेंगे।
- तेल शिशु के कान और नाक को बंद कर देता है। इसलिए शिशु के इन अंगों में तेल के अधिक उपयोग करने से बचे।
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कैसे करें शिशु की बादाम के तेल की मालिश
- शिशु की मालिश करने से पहले आप घर की किसी शांत और साफ-सुथरी जगह का चुनाव करें।
- मालिश से पहले आप अपने हाथों को अच्छे से धो लें ।ध्यान रहे न तो आपके नाखून बड़े हों और न आपने हाथ या उंगलियों में आपने कोई गहना पहना हो।
- अब आप अपने बच्चे के कपड़े निकालें और उसके पीठ के बल लिटा दें।
- अब अपने हाथों में तेल लें और उसके कानों पर अपने हाथों को लगाएं। इससे आप शिशु को यह इशारा दे सकती हैं कि उसकी मालिश शुरू हो गयी है।
- अब मालिश को उसकी टांगों से शुरू करें। इसके बाद उसकी एड़ी, बाजू, सीने और शरीर के अन्य हिस्सों में सर्कुलर मोशन में मालिश करें।
- ध्यान रहे मालिश करते हुए आपके हाथों का प्रेशर हल्का हो। अब शिशु को पेट के बल लिटा कर उसकी पीठ और पीछे से टांगों और अन्य अंगों पर भी मालिश करें।
- अंत में शिशु के सिर पर अच्छे से मालिश करें।
- अधिकतर शिशु मालिश के दौरान खुश रहते हैं। मालिश करते हुए आप लगातार उससे बात करती रहें या उसे कोई गाना, कविता आदि सुनाएं। इससे आपका बांड अपने शिशु के साथ और अच्छा बनेगा।