बेबी हार्ट मर्मर की समस्या तभी होती है जब खून असामान्य रूप से हार्ट से गुजरता है। दिल में रक्त के असामान्य प्रवाह के कारण ही बेबी हार्ट मर्मर की समस्या होती है। इन कारणों से भी हो सकती है समस्या:
– बुखार
– शरीर में पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं होने के कारण बॉडी के टिशू तक ऑक्सीजन के न पहुंच पाने के कारण
– फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज के कारण
– प्रेग्नेंसी
– शरीर में थायरायड हार्मोन की अधिकता के कारण (Hyperthyroidism)
बेबी हार्ट मर्मर की समस्या समय के गुजरने के साथ खुद ब खुद ही ठीक हो जाती है, वहीं कुछ मामलों में यह जीवन भर रहती है। लेकिन इस कारण किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है।
बता दें कि ज्यादातर बेबी हार्ट मर्मर या दिल की असामान्य ध्वनि के कारण कोई सीरियस समस्या नहीं होती है। लेकिन जब आप सोचते हैं कि आपका बच्चा बेबी हार्ट मर्मर की समस्या से पीड़ित है तो उस स्थिति में डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। पूरी तरह से जांच करने के बाद ही एक्सपर्ट तय करते हैं कि बच्चे को जांच की आवश्यकता है या फिर नहीं।
बीमारी और इसके रिस्क फैक्टर पर एक नजर
कुछ मेडिकल कंडीशन : अनकंट्रोल हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन), हायपोथायरायडिज्म, एंडोकार्डिटिस व दिल की लाइनिंग में इंफेक्शन, लंग्स में हाई ब्लड प्रेशर (pulmonary hypertension), कारसिनिओयड सिंड्रोम (carcinoid syndrome), हाईपीरियोसिनोफिलिक सिंड्रोम (hypereosinophilic syndrome), सिस्टेमेटिक लूपस अर्थेमेटोसस (systemic lupus erythematosus),
रुमेटाइड अर्थराइटिस, कमजोर हार्ट मसल्स और हिस्ट्री ऑफ रुमेटाइड फीवर के कारण बेबी हार्ट मर्मर की समस्या होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है।
परिवार में किसी को हार्ट डिफेक्ट की समस्या : यदि परिवार में किसी सदस्य को दिल संबंधी बीमारी पूर्व में रही हो तो उस कारण बच्चों में
दिल संबंधी बीमारी के साथ बेबी हार्ट मर्मर की समस्या होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
एक्सपर्ट की लेनी चाहिए सलाह
बीमारी का पता करने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट कुछ प्रकार के टेस्ट की सलाह देता है, इनकी जांच के बाद बीमारी का पता करते हैं। कराई जाती है यह जांच :
- चेस्ट एक्स-रे, हार्ट और उसके आसपास के ऑर्गन की होती है जांच
- इकेजी (इलेक्ट्रानिककार्डियोग्राम Electrocardiogram): इसकी जांच में दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी की जांच की जाती है
- इकोकार्डियोग्राम (echocardiogram) : हार्ट से निकलने वाले साउंड वेव को देख बीमारी का पता करने की एक्सपर्ट कोशिश करते हैं।
इन फैक्टर के कारण बेबी हार्ट मर्मर की समस्या बढ़ सकती है (Baby heart murmur Risk Factors)
प्रेग्नेंसी के दौरान प्रतिबंधित दवा का सेवन करने से : प्रेग्नेंसी के दौरान प्रतिबंधित दवा का सेवन करने के साथ शराब या ड्रग्स लेने के कारण शिशु में दिल संबंधी बीमारी होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
प्रेग्नेंसी के समय बीमारी : प्रेग्नेंसी के दौरान किसी प्रकार की बीमारी जैसे अनकंट्रोल डायबिटीज, रूबेला इंफेक्शन के कारण आपके बच्चों में बेबी हार्ट मर्मर की बीमारी होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
क्या बीमारी से बचाव है संभव
बेबी हार्ट मर्मर से बचाव को लेकर कोई खास उपाय नहीं है। लेकिन इस बात को जानना बहुत जरूरी है कि कहीं यह आपके लिए नुकसानहेद तो नहीं। इसके लिए समय रहते एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। बच्चों में कई प्रकार के मर्मर जैसे जैसे बच्चा बढ़ते जाता है उसके साथ ही चली जाती हैं। लेकिन वयस्कों में यदि वो चाहे तो लक्षणों को देख उसका बचाव कर सकते हैं।
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बेबी हार्ट मर्मर का परीक्षण (Baby heart murmur Diagnosis)
डॉक्टर हृदय की गति को सुनने के लिए छाती के विभिन्न हिस्सों पर स्टैथौस्कोप लगाते हैं। यह डॉक्टर को हार्ट मर्मरिंग की आवाज सुनने में मदद करता है क्योंकि कुछ बच्चों के हृदय की मर्मर की आवाज बेहद हल्की होती है।
हार्ट मर्मर को 1 से 6 के स्केल पर रेट किया जाता है कि वह तेज है या नहीं। ग्रेड 1 का मतलब होता है की साउंड बेहद सॉफ्ट है, वहीं ग्रेड 6 का मतलब होता है की साउंड बेहद तेज है। डॉक्टर के मर्मर की आवाज का पता चलने पर वह बच्चे को पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट के पास ले जाने की सलाह दे सकते हैं।
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डॉक्टर के पास जानें पर क्या सवाल करें
निम्न कुछ ऐसी टिप्स हैं जिनकी मदद से आपको डॉक्टर को समस्या के बारे में बताने और इलाज को समझने में आसानी होगी।
- जाने से पहले उन सवालों की एक लिस्ट तैयार कर लें जिनके बारे में आप जानना चाहते हैं
- डॉक्टर से मिलने पर परीक्षण, दवाओं और इलाज व टेस्ट के बारे में लिख लें। इसके साथ बच्चे का खास ध्यान रखने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई सावधानियों के बारे में भी जरूर लिखें।
- जाने की नई दवा या इलाज की आवश्यकता क्यों है और उससे आपके बच्चे को किस प्रकार मदद मिलेगी। इसके साथ ही दवाओं और इलाज के दुष्प्रभावों के बारे में भी जान लें।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बेबी हार्ट मर्मर से संबंधित हर जरूरी जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सावाल हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमसे कमेंट में बता सकते हैं।