बेहोशी का प्राथमिक उपचार: इन बातों का रखें ध्यान
अगर बेहोशी के कारण लेटा व्यक्ति किसी भी प्रकार कि प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है तो उसे जोर से हिलाएं। अगर फिर भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का रिस्पॉन्स नहीं दे रहा है तो इमरजेंसी नंबर पर कॉल करना उचित रहता है। अगर आपको AED का परिक्षण दिया गया है तो इसका यूज भी किया जा सकता है। अगर आपने व्यक्ति को पकड़ा हुआ है और उसे ब्लीडिंग हो रही है तो उसका मुंह तुरंत बाहर की ओर कर दें। हो सकता है कि व्यक्ति के मुंह से ब्लीडिंग या वॉमिटिंग होने लगे। अगर व्यक्ति को डायबिटीज है और उसने पिछले छह घंटों से कुछ नहीं खाया है तो बेहतर रहेगा कि तुरंत उसे जूस दिया जाए।
बेहोशी का प्राथमिक उपचार: बेहोशी होने पर डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए
वैसे तो बेहोशी किसी न किसी कारण से आती है। अगर किसी भी व्यक्ति को एक महीने में एक बार बेहोशी आती है तो उसे डॉक्टर से मिलना चाहिए। साथ ही जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं, या फिर कोई हार्ट कंडीशन है तो भी बेहोशी आने के बाद डॉक्टर से चेकअप कराना सही रहेगा। किसी भी प्रकार की सीरियस इलनेस और बेहोशी को जोड़कर देखा जा सकता है। बेहतर होगा कि बेहोशी को आम समस्या न समझा जाए।
बेहोशी कई कारणों से हो सकती है। जब रक्तचाप या ब्लड प्रेशर में अचानक से गिरावट आती है तो भी बेहोशी आ सकती है। ब्लड प्रेशर में कमी के कारण मस्तिष्क में पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता है। ब्लड प्रेशर डीहाइड्रेशन के कारण गिर सकता है। पुजिशन में क्विक चेंज, खड़े रहना या लंबे समय तक बैठे रहना, या किसी चीज का अचानक डर भी बेहोशी का कारण बन सकता है। डर से मतलब है कि व्यक्ति को खून देखकर या हादसा देखकर भी बेहोशी छा जाती है। बेहोशी किस कारण से हुई है, इसका पता लगाकर तुरंत चिकित्सकीय मदद ली जा सकती है।
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बेहोशी के संकेत और लक्षण (Symptoms of fainting)
बेहोशी होने पर कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं। अगर कोई व्यक्ति बेहोश होने वाला है तो उसे चक्कर जैसा महसूस होता है और अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं,
- चक्कर आना
- संतुलन होना
- अचानक से सब कुछ घूमता हुआ दिखना
- तेज या अनियमित दिल की धड़कन हो जाना
- पसीना आना
- उल्टी अथवा मितली महसूस होना