गर्भधारण से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान भी फोलिक एसिड की कमी परेशानी का कारण बन सकती है। दरअसल फोलिक एसिड जन्म लेने वाले शिशु में न्यूरल बर्थ डिफेक्ट के रिस्क को कम कर देता है। गर्भवती महिलाओं को प्रति दिन 600-800 mcg फोलिक एसिड की जरूरत होती है। गर्भावस्था के पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड की जरूरत होती है। जिन महिलाओं की न्यूरल ट्यूब बर्थ डिफेक्ट हिस्ट्री रह चुकी है, उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान 4000 mcg फोलिक एसिड की जरूरत होती है। फोलिक एसिड हरी सब्जियों समेत अन्य खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है।
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प्लेसेंटा की जानकारी : क्या आपको भी हो रही है दिक्कत ?
प्लेसेंटा से जुड़ी अगर कोई परेशानी महिला महसूस करती है, तो ऐसी स्थिति में वजायनल ब्लीडिंग, एब्डॉमिनल पेन या बैक पेन की परेशानी ज्यादा होती है। इन परेशानियों को गर्भवती महिलाओं को बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। प्लेसेंटा से जुड़ी परेशानी न हो इसलिए महिलाओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे:-
- प्रेग्नेंसी के दौरान अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें और कोई भी परेशानी होने पर इसकी जानकारी अपने हेल्थ एक्सपर्ट को दें।
- अगर किसी भी महिला को प्रेग्नेंसी के पहले या गर्भधारण के दौरान हाई ब्लड प्रेशर या प्रेग्नेंसी के किसी भी स्टेज में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दें।
- गर्भावस्था के दौरान या प्रेग्नेंसी से पहले भी महिला को स्मोकिंग नहीं करना चाहिए। इसका पालन पुरुषों को भी उतना ही करना चाहिए जितना महिलाएं करती हैं। क्योंकि जीन्स सिर्फ मां ही नहीं बल्कि पिता के भी वाहक होते हैं।
- सिजेरियन डिलिवरी की अगर संभावना बनती है और या यह पहले से तय होता है, तो ऐसी स्थिति में भी डॉक्टर से प्लेसेंटा या प्लेसेंटा जीन्स से जुड़ी जानकारी हासिल की जा सकती है।
प्लेसेंटा जीन्स से जुड़ी एक जानकारी कॉर्नेल यूनिवेर्सिटी द्वारा हालही में किये गए रिसर्च के अनुसार यह बताया गया है की प्लेसेंटा फीटस और गर्भधारण कर चुकी महिला दोनों के लिए मददगार है। इस रिसर्च में यह भी कहा गया है की पिता से आये हुए जीन्स भी प्लेसेंटा (प्लेसेंटा जीन्स) के विकास में सहायक होता है। प्लेसेंटा न सिर्फ भ्रूण को पोषण देने का काम करता है बल्कि जरूरी ऑक्सीजन भी बच्चे तक पहुंचाने का काम करता है। ये वेस्ट प्रोडक्ट को भी बाहर करने में मदद करता है।
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