ग्रेविटी का सही यूज
बच्चे को बर्थ कैनाल से बाहर लाने के लिए अपराइट मूवमेंट सही रहता है। बच्चे को पुश करने से मतलब है कि आप पावरफुल फोर्स ग्रेविटी का यूज कर रही हैं। पुश करने का साफ मतलब ये भी है कि जैसा फोर्स स्टूल पास करते समय लगाना होता है, ठीक वैसे ही बच्चे के जन्म के समय भी महिला को पुश करने में मेहनत करनी पड़ती है। लेबर के दौरान मूवमेंट से लेबर के समय में कमी की भी संभावना रहती है।
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डायलेशन (Dialation) होता है जल्दी
लेबर के दौरान मूवमेंट की हेल्प से डायलेशन का प्रॉसेस जल्दी होती है। ऐसा करने से बच्चे के सिर का एक्स्ट्रा प्रेशर सर्विक्स में पड़ता है। यही कारण है कि लेबर के दौरान मूवमेंट करने की सलाह दी जाती है। मूवमेंट के लिए डांस, वॉक या फिर एक्सरसाइज की मदद ली जा सकती है। डायलेशन से मतलब है कि जल्द ही बेबी बर्थ कैनाल से बाहर आने वाला है। डायलेशन के दौरान सर्विक्स 1 सेमी से 10 सेमी फैलता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी महिलाओं में डायलेशन का समय एक जैसा ही हो। डायलेशन मां की बॉडी पर भी डिपेंड करता है। इसीलिए लेबर के दौरान मूवमेंट पर जोर दिया जाता है। लेबर के दौरान बॉडी मूवमेंट से ये मुख्य रूप से फायदा पहुंचता है।
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लेबर के दौरान मूवमेंट (Movement during labor)
लेबर के दौरान मूवमेंट के लिए अपराइट पुजिशन लें। पेल्विक को टिल्ट करना जरूरी है। इस दौरान अगर महिला का पार्टनर बैक मसाज और सैकरम (sacrum) मसाज करता है तो महिला के लिए लेबर के दौरान आसानी होगी। महिलाओं को लेबर के दौरान मूवमेंट करने से पेन में राहत भी महसूस हो सकती है। लेबर के दौरान पेल्विक टिल्ट करने से लिगामेंट पेन में रिलीफ मिलता है। साथ ही लेबर पेन का ड्यूरेशन भी कम होता है। ऐसा करने से बच्चे को बाहर आने के लिए फोर्स मिलता है। ग्रेविटी की हेल्प से फीटस को बाहर आने में मदद मिलती है।
ये जरूरी नहीं है लेबर के दौरान तेजी से डांस करना चाहिए। लेबर के दौरान मूवमेंट करने से मतलब मन मुताबिक मूवमेंट करने से हैं। ऐसे में महिला डॉक्टर की सलाह से लेबर के दौरान कोई भी पुजिशन अपना सकती है। ऐसा करने से बहुत से लाभ होते हैं। हांलाकि ये सच है कि लेबर के दौरान महिलाओं को तेजी से संकुचन होते हैं, ऐसे में मूवमेंट करने का साहस करना थोड़ा कठिन काम हो सकता है।अगर महिला डॉक्टर या एक्सपर्ट की निगरानी में लेबर के दौरान मूवमेंट किया जाए तो किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी।