अगर आप घास पर चलते हैं, तो आप नगें पांव टहल सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी अन्य स्थान पर चलते हैं, तो आरामदायक जूते पहनें। कई लोग जूते पहन तो लेते हैं, लेकिन मोजा नहीं पहनते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। आप अच्छे क्वॉलिटी के जूते के साथ-साथ जुराब पहनने की भी आदत डालें।
- मौसम के अनुसार कपड़े पहनें।
- टहलने का मार्ग तय रखें।
- अपने साथ टॉवल और पानी जरूर कैरी करें।
- अगर आप एक घंटे वॉकिंग करते हैं, तो प्यास लगने पर या बीच में दो से तीन बार थोड़ा-थोड़ा पानी अवश्य पीएं।
- वॉक शुरू करने के पहले वॉर्मअप और बॉडी स्ट्रेच करना न भूलें।
- समतल सतहों पर टहलें। इससे चोट लगने का खतरा नहीं होगा।
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मॉर्निंग वॉक के फायदे क्या हैं?
सुबह-सुबह टहलने के कई फायदे हो सकते हैं। शारीरिक लाभ में शामिल है:
डायबिटीज का खतरा होता है कम-
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार रोजाना कम से कम 30 टहलने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बैलेंस्ड रहता है और डायबिटीज टाइप-2 का खतरा भी कम होता है। दरअसल वॉकिंग मांसपेशियों में कोशिकाओं को अधिक ग्लूकोज उपयोग करने की अनुमति देता है, वहीं टहलने से बॉडी में मौजूद वैसी कैलोरी जिनकी आवश्यकता नहीं होती, उसे भी बर्न करने में भी सहायता मिलती है। इससे बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) भी बेहतर होता है। रोजाना टहलने का फायदा मधुमेह रोगियों को अत्यधिक मिलता है।
हेल्दी हार्ट का सीक्रेट है वॉकिंग-
अगर आप हार्ट पेशेंट हैं, तो आप दौड़ (रनिंग) नहीं सकते हैं, लेकिन अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार दिल के मरीजों के लिए टहलना काफी लाभकारी होता है। नियमित वॉक से स्ट्रोक का भी खतरा टालता है। स्टडी में यह भी बात सामने आई है की रोजाना टहलने से ह्रदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा टलने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। वहीं ट्राइग्लीसराइड लेवल बैलेंस्ड रहने से हाइपरटेंशन जैसी शारीरिक परेशानियों से भी बचा जा सकता है।
बॉडी वेट होता है बैलेंस्ड-
अगर आप हेल्दी डायट के बावजूद बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो वॉकिंग आपके लिए है अत्यंत लाभकारी। रोजाना 30 से 40 मिनट टहलना कैलोरी बर्न करने में मददगार होता है, जिससे वजन संतुलित होता है। रिसर्च के अनुसार अगर आप मोटापे के शिकार हैं, तो नियमित रूप से टहलना शुरू करें। ऐसा करने से बॉडी फ्लेक्सिबल होगी, मसल्स को स्ट्रेंथ मिलेगा और आप धीरे-धीरे वजन कम करने में सक्षम होंगे।
अर्थराइटिस एवं ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा टलता है-
हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार नियमित रूप से सप्ताह में कम से कम 5 बार तीस से चालीस मिनट तक टहलने से अर्थराइटिस एवं ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी टालता है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी नियम से टहलने की आदत डालनी चाहिए। क्योंकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को हड्डियों से संबंधित परेशानियों का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए टहलना महिलाओं के लिए लाभकारी होता है।
डिप्रेशन की समस्या होती है दूर-
अगर आप अवसाद की समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको अपने डेली रूटीन में हेल्दी डायट के साथ-साथ टहलना भी शामिल करना होगा। दरअसल स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है की आधे से एक घंटे तक नियमित टहलना मूड डिसऑर्डर या मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाये रखने में आपकी मदद करेगा। रिसर्च से यह बात सामने आई है की सप्ताह में 200 मिनट तक टहलना मानसिक परेशानियों को दूर रखने में आपका साथ निभा सकता है।
वॉकिंग से टलता है कैंसर का खतरा-
कहते हैं कैंसर जानलेवा बीमारी है, लेकिन कुछ रिसर्च के अनुसार टहलने से ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, किडनी कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम होता है। रोजाना टहलने से नींद अच्छी आती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मॉर्निंग वॉकिंग से इम्यूनिटी पावर स्ट्रॉन्ग होती है। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स यह मानते हैं की इम्यून पावर कमजोर होने की वजह से कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है, जिसमें कैंसर भी शामिल है।
मस्तिष्क करता है ठीक से काम-
क्या आप जानते हैं कि नियमित टहलना आपके याद रखने की क्षमता को स्ट्रॉन्ग बनाने में मददगार है। सुबह-सुबह टहलने से ब्रेन अच्छी तरह से काम करता है और आप सकारात्मक सोचते हैं। दरअसल जब आप टहलते हैं, तो ब्रेन में ऑक्सिजन एवं ब्लड सप्लाई बेहतर होता है और इसका फायदा मेमोरी बूस्टर की तरह हमें मिलता है। रिसर्च के अनुसार नियमित टहलने से 65 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं में याददाश्त कमजोर होने की संभावना कम होती है, जो उम्र से संबंधित होती है। पैदल चलना उम्र से संबंधित मानसिक बीमारियों को दूर रखने का एक शानदार तरीका है। नियमित रूप से चलने या टहलने से पुरानी बीमारियों से होने वाले खतरों को 70 प्रतिशत तक काम किया जा सकता है।