गर्भधारण से पहले महिलाओं के लिए बॉडी में विटामिन डी की पूर्ती बनाए रखना जरूर होता है। विटामिन डी बॉडी में जाकर कैल्शियम और फास्फेट को रेग्युलेट करता है, जो हड्डियों, दांत और मसल्स को हेल्दी रखता है। गर्मियों में सूरज की किरणों के संपर्क में आने से हमारी बॉडी विटामिन डी का निर्माण करती है। हालांकि, बॉडी की जरूरत को पूरा करने के लिए कितना समय किरणों के संपर्क में रहना है इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है।
5. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन: कैल्शियम (Calcium)
गर्भधारण करने से पहले महिलाओं को कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। शिशु की हड्डियों के विकास और उन्हें ताकतवर बनाने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। वहीं, प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी अतिरिक्त मांग बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में भारी मात्रा में दूध पीना एक अच्छा विकल्प नहीं रहेगा। आप इसके लिए डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम के सप्लिमेंट्स ले सकती हैं।
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6. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन: आयरन (Iron)
गर्भधारण करने से पहले आपकी बॉडी में आयरन की पर्याप्त मात्रा मौजूद होना जरूरी है। इसकी कमी से आपको थकावट और एनीमिया की समस्या हो सकती है। यह ऑक्सिजन को ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूर होता है।
आयरन की कमी के चलते आपकी फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। आमतौर पर आयरन लीन मीट, साड़ीन, टूना मछली और एग, एप्रिकोट्स, सीसम सीड्स और फोर्टिफाइड सेरेल्स में पाया जाता है। अपनी बॉडी में आयरन की सही मात्रा का पता लगाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। वह समान्य ब्लड टेस्ट के माध्यम से आपकी बॉडी में आयरन का आंकलन करेगा।
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7. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन: ओमेगा 3 (Omega 3)
प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन में ओमेगा 3 काफी महत्वपूर्ण होता है। डोकोसाहेक्सेनोइक एसिड (डीएचए) शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए बेहद ही जरूरी होता है। 2016 में इसको लेकर यूरोपियन जर्नल ऑफ ओब्स्टेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी में निष्कर्ष निकाला गया कि ओमेगा 3 को डाइट में लेने से 58 प्रतिशत प्रीटर्म बर्थ में (34 हफ्तों से पहले जन्में शिशु) और 17 प्रतिशत (37 हफ्तों से पूर्व जन्मे शिशु) की कमी दर्ज की गई।
8. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन: फोलिक एसिड (Folic Acid)
गर्भधारण करने से पहले और प्रेग्नेंसी विटामिन में फोलिक एसिड बेहद जरूरी है। यह लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। यह विटामिन प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी बॉडी में अतिरिक्त ब्लड का निर्माण करता है, जिससे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का खतरा (शिशु की रीढ़ की हड्डी से जुड़ी हुई समस्या) कम होता है।
फॉलिक विटामिन की एक सिंथेटिक फॉर्म है जबकि फोलेट प्राकृतिक है। दोनों का सेवन ही फायदेमंद होता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में बच्चे की न्यूरल ट्यूब का निर्माण होता है। ऐसे में महिला का इसके लिए पहले से तैयार होना जरूरी है।
प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन का सेवन रिकमेंड किया जाता है लेकिन कई महिलाएं ज्यादा विटामिन का सेवन करती हैं जो मां और बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार गर्भावस्था में महिलाएं जरूरत से ज्यादा विटामिन लेती हैं तो संतान में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम नामक बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए कभी भी प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन की खुराक खुद से निर्धारित करने की गलती न करें। हमेशा डॉक्टर द्वारा रिकमेंड करने पर ही दवाओं का सेवन करें। हमें उम्मीद है आपको अब प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं होगा। यदि इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।