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4 से 6 साल के बच्चों के लिए 5 वैक्सीन है सबसे ज्यादा जरूरी: CDC

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/12/2021

    4 से 6 साल के बच्चों के लिए 5 वैक्सीन है सबसे ज्यादा जरूरी: CDC

    वैक्सिनेशन … हर किसी के जुबां पर इनदिनों वैक्सिनेशन की चर्चा खूब हो रही है। कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने के लिए पेरेंट्स भी अपने बच्चों का वैक्सिनेशन करने की बात कर रहें हैं। वहीं कुछ ऐसे वीडियो भी वायरल हुए हैं, जिसमें बच्चे खुद बोल रहें हैं कि बिना वैक्सिनेशन के स्कूल नहीं जाना। अगर आप सिर्फ कोविड 19 वैक्सीन (Covid 19 Vaccine) के बारे में सोच रहें हैं, तो जरा ठहरिये। क्योंकि बच्चों के लिए कोविड 19 वैक्सीन (Covid 19 Vaccine) पर अभी भी रिसर्च की जा रही है और स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन में कई अन्य वैक्सीन हैं, जिसे बच्चों को जरूर दिलवाना चाहिए। आज इस आर्टिकल में स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination) बच्चों को लगने वाले वैक्सीन के बारे में जानेंगे।

    तकरीबन 4 की उम्र से बच्चे स्कूल जाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination) बच्चों का वैक्सिनेशन बेहद जरूरी बताया गया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 4 साल से 6 साल के बच्चों 5 टीका जरूर लगवाना चाहिए।

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    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन करवाना है जरूरी (Back-to-School Vaccination)

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination)

    सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 4 से 6 साल के बच्चों को निम्नलिखित टीका लगवाना जरूरी है, क्योंकि इससे बच्चों की इम्यून पावर (Immune power) को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद मिलती है। यही नहीं स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन उन्हें भविष्य में होने वाली कई गंभीर बीमारियों से बचने में या बीमारियों से लड़ने में उनका साथ निभाएंगे। इसलिए स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन जरूर करवाएं। स्कूल जाने से पहले लगने वाले वैक्सीन की लिस्ट में शामिल है-

    1. डिप्थीरिया (Diphtheria), टेटनस (Tetanus), काली खांसी (Whooping cough)
    2. पोलियो (Polio)
    3. मीसल्स (Measles), मम्पस (Mumps) रूबेला (Rubella)
    4. चिकन पॉक्स (Chickenpox)
    5. इन्फ्लुएंजा (Influenza)

    चलिए अब एक-एक कर इन सभी वैक्सीन और डोज के बारे में जान लेते हैं।

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन: 1. डिप्थीरिया (Diphtheria), टिटनेस (Tetanus), काली खांसी (Whooping cough)

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination)

    डिप्थीरिया, टिटनेस या काली खांसी की समस्या बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) के कारण होने वाली बीमारी है। इन सभी बीमारियों बचाये रखने में DTaP वैक्सीन लगाई जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination) आवश्यक है। इसलिए DTaP वैक्सीन (DTaP Vaccine) जरूर लगवाना चाहिए। ये वैक्सीन बच्चों को बैक्टीरियल इंफेक्शन से होने वाली बीमारियों से बचाये रखने में सहायक है। अगर ये बीमारियां होती भी है, तो शरीर पर इसका कम से कम प्रभाव पड़ता है।

    डोज (Dose): DTaP की 5 डोज है और हर डोज के बाद अगली डोज की जानकारी डॉक्टर पेरेंट्स को देते हैं।

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    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन: 2. पोलियो (Polio [IPV])

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination)

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination) की लिस्ट में शामिल पोलियो की डोज दरअसल वैक्सीन नहीं, बल्कि ड्रॉप (Drop) है। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार पोलियो की डोज (Polio drop) लेने से बच्चे को भविष्य में कई गंभीर बीमारियों से बचाये रखने में मदद मिल सकती है। वहीं पोलियो की वजह से पैरालिसिस (Paralysis) के खतरे को भी कम करने में मददगार है ये ड्रॉप्स।

    डोज (Dose): पोलियो डोज की शुरुआत शिशु के 2 महीने के होने पर दी जाती है। पहला डोज 2 महीने, दूसरी डोज शिशु के 4 महीने के होने पर, तीसरी डोज 6 से 18 महीने पर और चौथा और आखरी डोज 4 से 6 साल की उम्र में।

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन: 3. मीसल्स (Measles), मम्पस (Mumps) रूबेला (Rubella)

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination)

    मीसल्स, मम्पस एवं रूबेला को मेडिकल टर्म में एमएमआर (MMR) भी कहा जाता है। इन बीमारियों का खतरा बारिश के मौसम में ज्यादा बना रहता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार मीजल्स रूबेला के कारण साल 2015 में सबसे ज्यादा भारतीय बच्चों की मौत हुई थी। इसलिए बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए 4 से 6 वर्ष के बच्चों को MMR वैक्सीन (MMR Vaccine) लगाई जाती है।

    डोज (Dose): MMR वैक्सीन की दो डोज बच्चों को दी जाती है। पहला डोज 12 से 15 महीने के बच्चे को और फिर दूसरी और आखरी डोज 4 से 6 साल की उम्र में।

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    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन: 4. चिकन पॉक्स (Chickenpox)

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination)

    बच्चों में चिकन पॉक्स की सामान्य बीमारी मानी जाती है, लेकिन अगर इस बीमारी से लापरवाही बरती गई तो यह बच्चे के लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं।

    डोज (Dose): चिकन पॉक्स (Chickenpox) वैक्सीन की 2 डोज है। पहला डोज 12 से 15 महीने के बच्चे को और फिर दूसरी और आखरी डोज 4 से 6 साल की उम्र में।

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    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन: 5. इन्फ्लुएंजा (Influenza)

    स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination)

    4 से 6 साल के बच्चे को इन्फ्लुएंजा की वैक्सीन दी जाती है। वैसे तो स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन की लिस्ट में इन्फ्लुएंजा की वैक्सीन 5 साल तक लगातार दी जाती है। इन्फ्लुएंजा की वैक्सीन से बच्चों में फ्लू (Flu) के खतरे को कम करने में मदद मिलती है

    डोज (Dose): सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार और अब यानी साल 2020-2021 से बच्चों को हर 6 महीने में इन्फ्लुएंजा की वैक्सीन दी जानी चाहिए।

    नोट: स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination) की अलग-अलग डोस डॉक्टर से जरूर जानें। बच्चों के वैक्सिनेशन (Kids vaccination) से पहले डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।

    बच्चों को स्कूल जाने से पहले और 6 साल तक की उम्र में ये सभी 5 वैक्सीन (5 Vaccine) जरूर लगवाएं।

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    बच्चों के लिए मां का दूध सर्वोत्तम माना जाता है। नीचे दिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें और हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए ब्रेस्टमिल्क एवं फॉर्मूला मिल्क (Breast milk and formula milk) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।

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    बच्चों में वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Side effects of kids Vaccine)

    बच्चों को वैक्सिनेशन के बाद निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे:

    वैक्सिनेशन के बाद ये साइड इफेक्ट्स सामान्य हैं और ये दो से चार दिनों में ठीक हो जाते हैं। अगर लंबे वक्त तक तकलीफ बनी रहे, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।

    डॉक्टर पेरेंट्स को स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination) की पूरी जानकारी शेयर करते हैं। बच्चों को आवश्यक डोज वैक्सीन के माध्यम से दी जाती है, तो कुछ ड्रॉप के माध्यम से जैसे पोलियो ड्रॉप्स (Polio drops)। अगर किसी भी कारण से बच्चे की वैक्सिनेशन (Kids vaccination) बताये समय पर नहीं हो पाती है, तो ऐसे में डॉक्टर को इस बारे में जानकारी दें और उनके दिए गए एडवाइस को फॉलो करें। ध्यान रखें नवजात बच्चों को समय-समय दिए गए प्रिस्क्राइब्ड वैक्सीन (Prescribed Vaccine) भविष्य में होने वाली शारीरिक परेशानी से लड़ने और उससे बचने में मददगार होते हैं। इसलिए वैक्सिनेशन (Vaccination) करवाना जरूरी है। अगर आप स्कूल जाने से पहले वैक्सिनेशन (Back-to-School Vaccination) से जुड़े किसी तरह का कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।

    शिशु की देखभाल (Babies care) करने का क्या है बेस्ट तरीका जानिए नीचे दिए इस क्विज में।

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