आपको बताते चले कि बारिश में लोगों को सबसे ज्यादा सर्दी-जुकाम की समस्या होती है। ऐसे में स्वाइन फ्लू फैलने का खतरा भी ज्यादा रहता है। अगर समय पर जांच न कराई जाए तो ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि व्यक्ति को कॉमन फ्लू हुआ है या फिर स्वाइन फ्लू। जब व्यक्ति को स्वाइन फ्लू की समस्या होती है तो तेजी से बुखार आने के साथ ही ज्वाइंट पेन भी होता है। कुछ लोगों को कफ, थ्रोट प्रॉब्लम, सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। कॉमन फ्लू में ज्यादातर लोगों को खांसी-जुकाम की समस्या होती है, वहीं बुखार कुछ दिन में ठीक भी हो जाता है। जब व्यक्ति को स्वाइन फ्लू हो जाता है तो परिस्थितियां अधिक गंभीर हो सकती हैं। कई दिनों तक बुखार की समस्या बनी रहती है।
ऐसे लक्षण होने पर लापरवाही न करें और समय पर इलाज कराएं। जब समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो व्यक्ति को निमोनिया होने का भी खतरा रहता है। जांच के बाद अगर व्यक्ति सही समय पर दवा का सेवन करता है तो गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। अगर घर में किसी भी व्यक्ति को फ्लू है तो बेहतर होगा कि उससे दूरी बनाकर रखें और उसके पास जाने पर सावधानी रखें। अगर व्यक्ति को स्वाइन फ्लू है तो ये घर के अन्य व्यक्तियों में भी आसानी से फैल सकता है। बेहतर होगा कि सावधानी रखी जाए। जो भी व्यक्ति पेशेंट की देखभाल कर रहा है, उसे जरूरत पड़ने पर मास्क का प्रयोग भी करना चाहिए।
बारिश में बीमारियां: बारिश में फ्लू से बचने के लिए क्या करना चाहिए ?
बारिश में बीमारियां हर साल आती हैं, इसलिए बारिश में फ्लू से बचने का आसान तरीका है वैक्सिनेशन करवाना। हर साल बारिश में फ्लू की समस्या हो जाती है, अगर आपने पहले से ही वैक्सिनेशन करवाया है तो आपको बीमारी का खतरा नहीं रहता है। कई बार लोगों को वैक्सिनेशन के बावजूद भी फ्लू हो जाता है, लेकिन ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि शरीर में फ्लू का असर अधिक नहीं रहता है। फ्लू का खतरा घर से बाहर जाने में या भीड़भाड़ वाले इलाके जाने से जल्दी होता है। अगर घर में भी कोई व्यक्ति फ्लू से संक्रमित है तो अन्य स्वस्थ व्यक्तियों में संक्रमण आसानी से फैल सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि सावधानी रखें। हेल्दी डायट लें । छींकते समय मुंह को ढकें जरूर, ताकि अन्य व्यक्ति में ये संक्रमण न फैले।
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