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भारी बारिश के साथ बढ़ रहीं हैं ये स्वास्थ्य समस्याएं, ऐसे बचें

भारी बारिश के साथ बढ़ रहीं हैं ये स्वास्थ्य समस्याएं, ऐसे बचें

उत्तर प्रदेश (UP) और बिहार (Bihar) में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने सभी लोगों की समस्याएं बढ़ा दी हैं। देश के दोनों ही राज्य के कई जिलों में हर जगह जल जमाव की स्थिति बनी है। बारिश की वजह से हुए जलजमाव की स्थिति के कारण कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। जगह-जगह पानी भर जाने की वजह से संचारी रोगों (कम्युनिकेबल डिसीज) के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। जल जनित रोग (Water-borne diseases) के साथ वेक्टर जनित बीमारियां (Vector-borne diseases) ऐसे इलाकों में बढ़ने लगती हैं। ऐसे में बारिश में बीमारियां आपसे कोसों दूर रहें, इसके लिए अपनाएं ये टिप्स-

बारिश में बीमारियां:  बाढ़ में होने वाली बीमारियां

बैक्टीरिया की वजह से होने वाली बीमारी बाढ़ के दौरान और बाद में बढ़ जाती हैं। अधिक बारिश बाढ़ का कारण बन सकती है। ऐसे में कुछ बीमारियों आपको बीमारी कर सकती हैं।वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार इन स्थितियों में दो तरह की बीमारियों के फैलने की आशंका ज्यादा रहती है-

जल जनित रोग (Water-borne diseases)- जैसे-टाइफाइड बुखार (Typhoid fever), हैजा (Cholera), लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) और हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A)

वेक्टर जनित रोग (Vector-borne diseases)- जैसे- मलेरिया (Malaria), डेंगू (Dengue), मियादी बुखार, वेस्ट नाइल बुखार (West Nile Fever)

टायफॉइड बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो कि बारिश के दौरान होने की अधिक संभावना होती है। बारिश में पानी दूषित होने की संभावना होती है,जो टायफॉइड को जन्म दे सकता है। वहीं गंदे पानी के जमाव के कारण डेंगू की बीमारी भी हो सकती है। डेंगू एडीज मच्छर के काटने के कारण होता है। बारिश में मलेरिया की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। मलेरिया एनॉफिलीज मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर बारिश के मौसम में अधिक पनपते हैं।

और पढ़ें- डेंगू और स्वाइन फ्लू के लक्षणों को ऐसे समझें

बारिश में बीमारियां:  बारिश में कॉमन फ्लू और स्वाइन फ्लू का खतरा

आपको बताते चले कि बारिश में लोगों को सबसे ज्यादा सर्दी-जुकाम की समस्या होती है। ऐसे में स्वाइन फ्लू फैलने का खतरा भी ज्यादा रहता है। अगर समय पर जांच न कराई जाए तो ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि व्यक्ति को कॉमन फ्लू हुआ है या फिर स्वाइन फ्लू। जब व्यक्ति को स्वाइन फ्लू की समस्या होती है तो तेजी से बुखार आने के साथ ही ज्वाइंट पेन भी होता है। कुछ लोगों को कफ, थ्रोट प्रॉब्लम, सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। कॉमन फ्लू में ज्यादातर लोगों को खांसी-जुकाम की समस्या होती है, वहीं बुखार कुछ दिन में ठीक भी हो जाता है। जब व्यक्ति को स्वाइन फ्लू हो जाता है तो परिस्थितियां अधिक गंभीर हो सकती हैं। कई दिनों तक बुखार की समस्या बनी रहती है।

ऐसे लक्षण होने पर लापरवाही न करें और समय पर इलाज कराएं। जब समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो व्यक्ति को निमोनिया होने का भी खतरा रहता है। जांच के बाद अगर व्यक्ति सही समय पर दवा का सेवन करता है तो गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। अगर घर में किसी भी व्यक्ति को फ्लू है तो बेहतर होगा कि उससे दूरी बनाकर रखें और उसके पास जाने पर सावधानी रखें। अगर व्यक्ति को स्वाइन फ्लू है तो ये घर के अन्य व्यक्तियों में भी आसानी से फैल सकता है। बेहतर होगा कि सावधानी रखी जाए। जो भी व्यक्ति पेशेंट की देखभाल कर रहा है, उसे जरूरत पड़ने पर मास्क का प्रयोग भी करना चाहिए।

बारिश में बीमारियां:  बारिश में फ्लू से बचने के लिए क्या करना चाहिए ?

बारिश में बीमारियां हर साल आती हैं, इसलिए बारिश में फ्लू से बचने का आसान तरीका है वैक्सिनेशन करवाना। हर साल बारिश में फ्लू की समस्या हो जाती है, अगर आपने पहले से ही वैक्सिनेशन करवाया है तो आपको बीमारी का खतरा नहीं रहता है। कई बार लोगों को वैक्सिनेशन के बावजूद भी फ्लू हो जाता है, लेकिन ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि शरीर में फ्लू का असर अधिक नहीं रहता है। फ्लू का खतरा घर से बाहर जाने में या भीड़भाड़ वाले इलाके जाने से जल्दी होता है। अगर घर में भी कोई व्यक्ति फ्लू से संक्रमित है तो अन्य स्वस्थ व्यक्तियों में संक्रमण आसानी से फैल सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि सावधानी रखें। हेल्दी डायट लें । छींकते समय मुंह को ढकें जरूर, ताकि अन्य व्यक्ति में ये संक्रमण न फैले।

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बारिश में बीमारियां:  मच्छरों से होने वाली बीमारियां 

मच्छरों से कई तरह की गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं जैसे रॉस रीवर वायरस (Ross River Virus) और बरमाह फॉरेस्ट वायरस (Barmah Forest virus)। इन संक्रमणों के कारण होने वाले लक्षण हर इंसान में अलग-अलग हो सकते हैं। जोड़ों में दर्द, दाने, बुखार, थकान या मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। लक्षणों से पीड़ित किसी व्यक्ति को सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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बारिश में बीमारियां:  बारिश के बाद मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए क्या करें?

  • बाढ़ या बारिश के बाद जमे हुए पानी में मच्छरों के पनपने की संभावना रहती है। इसलिए, बारिश में बीमारियां आपको परेशान न करें इसके लिए सुनिश्चित करें कि दरवाजे और खिड़की बंद रखें और विंडो स्क्रीन भी सही हों।
  • पुराने टायरों, टिन के डिब्बे, भरा हुआ गटर और किसी भी अन्य जगह जहां आपको लगता हो कि मच्छर पनप सकते हैं, उस जगह को पानी की तेज धार से साफ करें।
  • पुराने/खराब सामान को घर से बाहर निकाल दें।

बारिश में बीमारीयां आपसे दूर रहें इसके लिए डॉक्‍टर्स हाइजीन का पूरा ध्‍यान  रखने की सलाह देते हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में इन रोगों से बचने के लिए वैक्‍सीनेशन जरूर करवाना चाहिए। 

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बारिश में बीमारियां:  क्या करें, क्या न करें?

  • जमे हुए पानी के साथ सीधे संपर्क में न आने की पूरी कोशिश करें। 
  • बाढ़ वाले इलाकों में निजी कुओं का पानी न पिएं। बारिश का गंदा पानी कुएं के पानी को दूषित कर सकता है। 
  • बाढ़ के पानी के संपर्क में आने वाली चीजों को न खाएं और न ही पीएं।
  • वैसे तो जमे हुए पानी के कांटेक्ट में आने से बचें लेकिन, अगर पानी में जाना ही पड़े तो वाटर प्रूफ जूते पहनें। 
  • नियमित रूप से अपने हाथों को धोएं, विशेष रूप से खाने से पहले। 
  • अगर शरीर में कहीं कट लगा हो या छिल गया हो तो प्रभावित जगह को साफ और कवर करके रखें।
  • बच्चों को बाढ़ के पानी में खेलने न दें। 
  • दूषित वस्तुओं, पानी और हाथों को अपने मुंह, आंख और नाक से दूर रखें।
  • बाढ़ के पानी या दूषित वस्तुओं या सतहों के संपर्क में आने के तुरंत बाद हाथ धुलें।

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उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको बारिश के मौसम में किसी भी प्रकार की समस्या महसूस होती है तो आप तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। बारिश के मौसम में बुखार का आना कई बीमारियों का संकेत हो सकता है, जो कि डॉक्टर जांच के बाद ही बता सकता है। बेहतर होगा कि आप तुरंत टेस्ट कराएं। उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको बारिश में होने वाली बीमारियों से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां और मानसून हेल्थ टिप्स मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट में विजिट करें।

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Current Version

17/08/2020

Shikha Patel द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Manjari Khare


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डॉ. प्रणाली पाटील

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Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/08/2020

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