के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो दूषित पानी और दूषित खाने से होता है। आपको बता दें कि तेज बुखार के साथ इसमें पेट दर्द, सिर दर्द आदि भी होते हैं। ज्यादातर लोग जिनको टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) होता है वो एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट शुरू होने के कुछ ही दिनों के अंदर अच्छा महसूस करने लगते हैं और ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जिनकी इस बीमारी से मृत्यु हो जाती है। हालांकि इस बीमारी के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है लेकिन वो कारगर नहीं है।
यह एक आम समस्या है जो सालमोनेला टाइफी (salmonella typhi) बैक्टीरिया की वजह से होता है। आपको बता दें कि अगर किसी को यह बीमारी है तो ऐसे आदमी के संपर्क में आने से दूसरे लोगों को भी यह बीमारी हो सकती है।
यूनाइटेड स्टेटस में आज की तारीख में 400 से भी कम केस टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) के हैं जबकि भारत में इसकी सम्भवना बहुत ज्यादा है। पूरे विश्व मे एक साल में 21 मिलियन से ज्यादा लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं और 200,000 लोगों की इस बीमारी की वजह से मौत हो जाती है।
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टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो दूषित पानी और दूषित खाने से होता है। इन्फेक्शन होने के एक से दो हफ्ते बाद इस बीमारी के लक्षण सामने आते हैं जो इस प्रकार हैं;
इसके अलावा आंतों में ब्लीडिंग हो सकती है जोकि बहुत ही खतरनाक और जानलेवा हो सकती है। इसकी वजह से ब्लड में इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है जिसे सेप्सिस (Sepsis) कहते हैं।
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
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टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) सालमोनेला टाइफी (salmonella typhi) बैक्टीरिया की वजह से होता है। आपको बता दें कि अगर किसी को यह बीमारी है तो ऐसे आदमी के संपर्क में आने से दूसरे लोगों को भी यह बीमारी हो सकती है।
इसके अलावा टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो दूषित पानी और दूषित खाने से होता है। इसके अलावा अगर आप माइक्रोबायोलॉजिस्ट है और सालमोनेला टाइफी (salmonella typhi) बैक्टीरिया पर काम कर रहें है तो यह बीमारी की सम्भवना बढ़ जाती है।
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आपको बता दें कि टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) एक खास किस्म के बैक्टीरिया की वजह से होता है जिसे सालमोनेला टाइफी (salmonella typhi) कहते हैं। इस बीमारी के साथ आपको और भी दूसरी समस्याएं हो सकती हैं जैसे
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
निम्नलिखित प्रक्रियाओं के माध्यम से डॉक्टर टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) का निदान करता है;
मेडिकल या ट्रैवेल हिस्ट्री
आपके मेडिकल या ट्रैवेल हिस्टी और लक्षणों के आधार पर डॉक्टर को संदेह होता है कि आपको टायफॉइड फीवर है। लेकिन डायग्नोसिस की पुष्टि तभी होगी जब यह पता चले कि आपके ब्लड या बॉडी फ्लूइड में सालमोनेला टाइफी (salmonella typhi) मौजूद हो।
बॉडी फ्लूइड या टिश्यू कल्चर (Body fluid or tissue culture)
कल्चर (Culture) के लिए, आपके रक्त, मल, मूत्र या अस्थि मज्जा (Bone marrow) का एक छोटा सा नमूना एक विशेष माध्यम पर रखा जाता है जो बैक्टीरिया के विकास को बढाने का काम करता है। टायफॉइड बैक्टीरिया की उपस्थिति के लिए एक माइक्रोस्कोप के तहत कल्चर की जाँच की जाती है। आपको बता दें कि अस्थि मज्जा (bone marrow) कल्चर अक्सर साल्मोनेला टाइफी के लिए सबसे संवेदनशील परीक्षण है।
आपको बता दें कि टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो दूषित पानी और दूषित खाने से होता है। आपको बता दें कि तेज बुखार के साथ इसमें पेट दर्द, सिर दर्द आदि भी होते हैं। इसका इलाज आपकी मेडिकल स्थिति पर निर्भर करता है।
ब्लड टेस्ट के माध्यम से यह पुष्टि होती है कि आपको टायफॉइड फीवर (Typhoid fever) है। पता चलने के बाद डॉक्टर एंटीबायोटिक के साथ ट्रीटमेंट शुरू करता है जैसे;
जिस तरह से आपको इन एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने के लिए डॉक्टर ने कहा ठीक वैसे ही आप इन एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करें। इसके ज्यादा फायदा लेने के लिए आप इनका रोजाना इस्तेमाल करें।
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टायफॉइड फीवर की रोकथाम के लिए आप अपने जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव कर सकते हैं। ऐसा करने से आप इस बीमारी को होने से रोक सकते हैं। निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें;
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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