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बच्चों में सिरदर्द के क्या हैं कारण और उपाय?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/12/2021

    बच्चों में सिरदर्द के क्या हैं कारण और उपाय?

    सिरदर्द आजकल एक आम समस्या बन गई है। बड़ों के साथ-साथ अब बच्चे में सिरदर्द (Child’s Headaches) की समस्या बहुत कम उम्र में ही देखने को मिल रही है। कुछ पेरेंट्स तो यहा तक सोच लेते हैं कि बच्चा स्कूल न जाने के लिए हेडएक का बहाना कर रहा है, लेकिन माता-पिता कम उम्र में ही अक्सर बच्चे में सिरदर्द की शिकायत को जरा भी हल्के में न लें। यह किसी बीमारी की ओर इशारा हो सकता है। एक बात का ध्यान रखें कि बच्चे का सिर दर्द कई प्रकार की समस्या पैदा कर सकता है। हो सकता है कि बच्चे को काफी समय से सिरदर्द की समस्या हो रही हो और आप समझ न पा रहे हो। ऐसे में बच्चे चिड़चिड़े भी हो सकते हैं। आपको बच्चे की सभी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और उसे किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो बच्चों के हेडएक के बारे में जरूर जानें। एक ऐसा ही सवाल देहरादून की रहने वाली प्रीति किरण ने पूछा। जिनके बच्चे में सिरदर्द (Child’s Headaches) की शिकायत अक्सर रहती है तो जानते हैं डॉक्टर इस बारे में क्या कहते हैं।

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    बच्चों में हेडएक या बच्चे में सिरदर्द (Child’s Headaches)

    बच्चे में सिरदर्द (Child’s Headaches)

    बच्चे में सिरदर्द से संबंधित सवाल 

    प्रीति ने पूछा है कि “मेरा बेटा 10 साल का है। वह हमेशा सिरदर्द की शिकायत करता है। शुरू में मुझे लगा कि वह झूठ बोल रहा है, लेकिन बाद में पता चला कि उसे सच में सिरदर्द होता है। क्या तनाव (Stress) इसकी वजह हो सकता है? बच्चे में सिरदर्द का इलाज कैसे किया जाए?”

    जवाब

    प्रीति के इस सवाल के लिए हैलो स्वास्थ्य ने बेंगलुरू स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के कंसल्टेंट हैडेक क्लीनिक की डॉ. जयश्री कैलासम से बात की। डॉ. जयश्री कैलासम ने बताया कि अगर आप सोच रही हैं कि बच्चा स्कूल जाने से बचने के लिए सिरदर्द का बहाना कर रहा है, तो दोबारा सोचें। बच्चे में सिरदर्द की समस्या अब आम हो गई है। इसकी वजह हमेशा तनाव नहीं हो सकता है। बच्चों को काफी कम उम्र से ही सिरदर्द (Headache) की समस्या हो सकती है। यह उनके पारिवारिक इतिहास, जीवनशैली और माहौल पर भी निर्भर करता है। किसी बच्चे में सिरदर्द की समस्या हमेशा रहेगी या नहीं, यह उसके जींस (Genes) पर निर्भर करता है।

    कई मामलों में देखा गया है कि अगर बच्चे के परिवार में सिरदर्द की शिकायत पुरानी है तो बच्चे में सिरदर्द की प्रॉब्लम हो सकती है। यहां पर आपको ध्यान देने की जरूरत है कि आपका बच्चा खान-पान की स्वस्थ आदतों का पालन करें। जंक या फास्ट फूड का सेवन बच्चे के लिए अच्छी बात नहीं है। कैफीनयुक्त पेय पदार्थ  या सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन के कारण भी बच्चे में सिरदर्द हो सकता है। इसके अलावा उसे रोजाना घर से बाहर खेलने-कूदने के लिए भेजें। साथ ही बच्चे को व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें। अगर बच्चे में सिरदर्द के साथ ही चक्कर या हाथ-पैर नहीं हिलने जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। अगर बच्चा बेहोश हो जाता है तो उसे तुरंत मेडिकल सहायता दिलाने की कोशिश करें। कुछ अन्य कारण भी हैं जो बच्चे में सिरदर्द की समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।

    सर्दी-जुकाम से होने वाला सिर दर्द

    बच्चों को सर्दी जुकाम की समस्या होने पर भी सिर दर्द (Headaches) की समस्या हो सकती है। फ्लू के कारण होने वाला सिर दर्द कुछ ही समय बाद ठीक भी हो जाता है। डॉक्टर जो फ्लू के लिए दवाइयां देते हैं, उनसे सिर दर्द की समस्या भी ठीक हो जाती है।

    हेड इंजरी के कारण बच्चे में सिरदर्द

    कई बार बच्चे सिर के बल गिर जाते हैं। ब्लीडिंग न होने की वजह से पेरेंट्स को चोट का पता नहीं चल पाता है लेकिन ये कारण भी हेडएक का हो सकता है। अगर बच्चे को कफी समय से सिर के किसी एक स्थान में लगातार दर्द की समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

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    मेडिसिन का साइड इफेक्ट

    बच्चे को किसी मेडिसिन का साइड इफेक्ट भी हो सकता है। बच्चों को अगर किसी बीमारी की दवा दी जा रही हो तो उसके कारण भी सिर दर्द की समस्या हो सकती है।

    एलर्जी के कारण बच्चे में सिरदर्द

    कुछ बच्चों की एलर्जी की समस्या हो जाती है या फिर उन्हें हे फीवर हो जाता है तो भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है।

    खाना न खाने के कारण बच्चे में सिरदर्द

    कुछ बच्चे पसंदीदा खाना न मिलने के कारण खाना नहीं खाते हैं। खाना न खाने से शरीर में कमजोरी और सिरदर्द की समस्या हो सकती है। आपको अपने बच्चे की रोजमर्रा की गतिविधि और स्वास्थ्य का ध्यान रखें और देखें कि वो दिन में क्या और कितना खा रहा है।

    आंखों का कमजोर होना

    आंखों के कमजोर होने पर बच्चों की इस बात की जानकारी नहीं मिल पाती है और वो जोर लगाकर पढ़ते हैं और साथ ही टीवी और मोबाइल भी देखते हैं। ये भी बच्चों में सिरदर्द का कारण बन सकता है। अगर आपका बच्चा टीवी पास से देख रहा है या फिर पढ़ते समय आंखों को छोटा कर रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से जांच कराना चाहिए।

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    खानपान के कारण बच्चे में सिरदर्द

    बच्चों का खानपान भी उनके सिरदर्द का कारण बन सकता है। अगर आपका बच्चा कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट फैटी फूड, हॉट डॉग आदि के अधिक सेवन से भी सिरदर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

    तेज आवाज के कारण सिरदर्द

    कुछ बच्चे वीडियो गेम खेलते समय या फिर टीवी देखते समय तेज आवाज सुनते हैं। लगातार इस तरह से तेज आवाज सुनना भी सिरदर्द का कारण बन सकता है। अगर आपका बच्चा ऐसा कर रहा है तो उसे समझाएं कि तेज आवाज उसे और अन्य लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है।

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    बच्चों में सिरदर्द की समस्या होने पर इन आठ बातों पर दें ध्यान

    जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कुछ बच्चे में सिरदर्द की समस्या सामान्य होती है और कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन आपको बच्चे के सिरदर्द को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यहां हम आपको ऐसे आठ कंडीशन बता रहे हैं, जिनमे आपको बच्चे को डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

    1. जब बच्चे को बुखार और स्टिफ नेक की समस्या हो तो बच्चे के सिर को ऊपर की ओर करें और फिर उसकी चिन को पकड़कर सिर को आगे और पीछे करने की कोशिश करें। अगर बच्चे के सिर नहीं हिल रहा है तो डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है। डॉक्टर को दिखाने की जरूरत इसलिए ताकि जांच कराई जा सके कि कही बच्चे को मेनिन्जाइटिस (Meningitis) की समस्या तो नहीं है।
    2. अगर बच्चे ने एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन खाई है और फिर भी दर्द की समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है।
    3. अगर बच्चे को कई दिनों से सिरदर्द की समस्या हो और फिर बच्चा वॉमिटिंग करना शुरू कर दे तो बच्चे की जांच डॉक्टर से करानी चाहिए।
    4.  बच्चों को कई बार सिर में चोट लगने से भी सिरदर्द की समस्या और वॉमिटिंग हो सकती है। आपको ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
    5. यदि आपका बच्चा सिरदर्द की समस्या से परेशान है और नींद उसे ज्यादा आती हो तो ये सामान्य लक्षण नहीं है। बच्चे को बात करने में दिक्कत, चलने में समस्या, खेलने में दिक्कत महसूस हो रही है तो हो सकता है कि उसे वायरस के कारण ऐसी समस्या का सामना करना पड़ रहा हो। आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
    6. पेरेंट्स को नोटिस करना चाहिए कि बच्चे में सिरदर्द की समस्या किस समय अधिक हो रही है या फिर किस समय बिल्कुल भी सिरदर्द की समस्या नहीं है। अगर बच्चे को तेजी से सिरदर्द हमेशा बना रहता है तो आपको लापरवाही नहीं करना चाहिए और डॉक्टर को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए।
    7. अगर बच्चे को अचानक से सिरदर्द हो कर फिर खत्म हो जाता है तो भी आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। ऐसा जरूरी नहीं है कि ये कोई गंभीर बीमारी की ओर इशारा हो लेकिन फिर भी बच्चे की जांच जरूर कराएं।
    8. उपरोक्त लक्षणों के आधार पर आप बच्चे की सिरदर्द की समस्या को हल्के में न लें। अगर फिर भी आपके मन में बच्चे के सिरदर्द की समस्या को लेकर कोई प्रश्न हो तो आप अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर जानकारी प्राप्त करें। आपकी सावधानी बच्चे को बड़ी बीमारी से बचा सकती है।

    बच्चे में सिरदर्द (Child’s Headaches) की समस्या का निदान कैसे किया जाता है ?

    जब आप बच्चे में सिरदर्द की समस्या के बारे में डॉक्टर को बताएंगे तो डॉक्टर बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी लेगा। कुछ बातें जो डॉक्टर पेरेंट्स से पूछ सकता है, जैसे कि

    • बच्चे को सिरदर्द कितनी बार होता है और ये कब होता है ?
    • पहली बार सिर दर्द कब हुआ था ?
    • कब सिरदर्द सबसे ज्यादा होता है ?
    • क्या बच्चे में कोई अन्य लक्षण भी नजर आते हैं?
    • क्या किसी कारण से बच्चे का सिरदर्द बढ़ जाता है?
    • बच्चा क्या खाता है, कितना सोता है?
    • क्या उसे कोई सिर से जुड़ी इंजरी हुई थी?
    • बच्चा क्या किसी कारण से परेशान रहता है?
    • बच्चे को क्या किसी प्रकार की एलर्जी है?
    • हेडएक यानी सिरदर्द की क्या कोई फैमिली हिस्ट्री भी है ?

    उपरोक्त प्रश्न के माध्यम से डॉक्टर सिरदर्द का कारण जानने की कोशिश करता है। इसके साथ ही डॉक्टर जांच भी करता है ताकि सिरदर्द का कारण पता चल सके। आपको बच्चे की परेशानी को अनदेखा नहीं करना चाहिए और डॉक्टर जो भी बात पूछे उसका सही जवाब दें। डॉक्टर जो भी दवा आपको सजेस्ट करें, उसी बच्चे को सही समय पर खिलाएं।

    बच्चे में सिरदर्द की समस्या से निपटने के घरेलू इलाज

    बच्चों में हेडएक की समस्या को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी अपनाएं जा सकते हैं। बच्चे में सिरदर्द के घरेलू उपाय आपको जरूर जानने चाहिए। जब बच्चे को सिर दर्द से ज्यादा परेशानी हो तो ये उपाय अपनाए जा सकते हैं जैसे-

     बच्चे में सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए हाइड्रेशन है जरूरी

    क्या आप जानते हैं शरीर में पानी की कमी भी सिरदर्द का एक कारण हो सकती है? अध्ययन में पाया गया है कि निर्जलीकरण (डिहायड्रेशन) कई बार तनाव और सिर दर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा, शरीर में पानी की कमी तनाव और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकती है, जो इसे बढ़ा सकता है। इसलिए, दिनभर में ज्यादा से ज्यादा बच्चे को पानी पिलाएं। हो सकता है यह हेडएक बच्चे में पानी की कमी की वजह से हो।

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    बच्चों में हेडएक की समस्या को दूर करने के लिए अदरक

    अदरक सिर के दर्द से लड़ने का एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। 2014 में 100 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में अदरक को सिर दर्द से लड़ने में उतना ही प्रभावी पाया गया, जितना कि सुमैट्रिप्टन (माइग्रेन की एक दवा)। इससे यह पता चला कि अदरक माइग्रेन जैसी जटिल समस्या का समाधान हो सकती है। साथ ही, इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं। 

    बच्चे अदरक का सेवन नहीं कर पाएंगे इसलिए आप अदरक का रस उन्हें शहद के साथ मिलाकर दे सकते हैं। अदरक की तीन से चार बूंद को एक चम्मच शहद में मिला दें और फिर बच्चे को पिला दें। ऐसा करने से बच्चा अदरक का सेवन आसानी से कर लेगा। अदरक का नियमित सेवन बच्चों में हेडएक की समस्या से राहत दिलाने का काम कर सकता है।

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    बच्चे में सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए एसेंशियल ऑयल 

    एसेंशियल ऑयल भी आपके बच्चे में सिरदर्द की समस्या को दूर कर सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि पेपरमिंट (Peppermint) एसेंशियल ऑयल को माथे के दोनों सिरों पर इस्तेमाल करने से तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द से काफी राहत मिलती है। वही, एक और अन्य अध्ययन में लेवेंडर ऑयल (Lavender oil) को माइग्रेन के लिए बेहतर औषधि बताया गया। एसेंशियल ऑयल में काफी उच्च मात्रा में केमिकल कंपाउंड्स पाए जाते हैं। इसलिए, इसका उपयोग सही मात्रा में करना बेहद आवश्यक है। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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    बच्चों में हेडएक की समस्या को दूर करने के लिए जरूरी है भरपूर नींद 

    नींद की कमी कई मायनों में आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। ऐसे ही एक अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग रोजाना छह घंटे से कम की नींद लेते थे उनमें सिर दर्द की समस्या दूसरों की तुलना में ज्यादा थी। वहीं, एक और अन्य अध्ययन में हद से ज्यादा नींद को भी सिर दर्द के कारण बताया। इसलिए, रोजाना सात से आठ घंटे की नींद बच्चे के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। बच्चे बड़ों की अपेक्षा अधिक नींद लेते हैं। अगर बच्चे दस से बारह घंटे की नींद लेते हैं तो ये उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहेगा। 

    बच्चे में सिरदर्द की समस्या न हो पाए इसके लिए अपनाएं ये टिप्स

    अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा सिरदर्द की परेशानी से दूर रहे, तो नीचे बताई गई बातों पर ध्यान दें-

    • इस बात पर ध्यान दें कि आपका बच्चा पर्याप्त नींद ले।
    • बच्चों को फास्ट फूड से दूर रखें।
    • ध्यान दें बच्चा अपना खाना न छोड़ें या देर तक भूखा न रहे।
    • अगर डॉक्टर ने सिर दर्द की कोई दवा दी है, तो उसे सही वक्त पर दवा दें।
    • बच्चे को तनाव से दूर रखें।
    • बच्चे को हल्के-फुल्के व्यायाम कराएं।

    तो यह थे कुछ नुस्खे जिन्हें अपनाकर आप और बच्चों में सिरदर्द की समस्या को दूर किया जा सकता ह लेकिन, अगर समस्या ज्यादा दिनों तक बनी रहे, अगर बच्चे में सिरदर्द के साथ बुखार, उल्टी या बच्चे को सिरदर्द से नींद नहीं आ रही हो या बहुत ज्यादा नींद आ रही हो, सिरदर्द की वजह से बच्चा आंखें न खोल पा रहा हो तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें। उम्मीद है कि इस लेख में बताए गए बच्चे में सिरदर्द के कारण और उपाय आपके काम आएंगे। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं। 

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