शरीर में गर्मी बनाए रखने का कार्य दिमाग का एक हिस्सा करता है, जिसे हाइपोथेलेमस (hypothalamus) कहा जाता है। जब हाइपोथेलेमस को संकेत मिलता है कि शरीर में गर्माहट का स्तर गिर रहा है, तो यह शारीरिक तापमान को उठाकर सामान्य बनाने का कार्य करता है। हाइपोथर्मिया की वजह से आपके सोचने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। अधिकतर सर्दी के मौसम में आपके शरीर को अधिक सामान्य तापमान चाहिए होता है, लेकिन जब शरीर जरूरी गर्माहट को नहीं संयमित रख पाता तो मुश्किल स्थिति बन जाती है। यह समस्या ज्यादा देर ठंड या ठंडे पानी में रहने की वजह से भी हो सकती है।
यह भी पढ़ें- Cough Types: खांसी खुद में एक बीमारी नहीं होती, जानें क्यों कहते हैं ऐसा
शरीर का सामान्य तापमान क्या होता है?
शरीर का सामान्य तापमान आपकी उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। वैसे, सामान्य शारीरिक तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट यानी 37 डिग्री सेल्सियस से लेकर 100.4 डिग्री फारेनहाइट यानी 38 डिग्री सेल्सियस तक होता है। न्यून्तम सामान्य शारीरिक तापमान 36 डिग्री सेल्सियस भी हो सकता है। शारीरिक तापमान के इससे नीचे गिरने पर हाइपोथर्मिया की समस्या कहा जाता है और 38 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा शारीरिक तापमान को बुखार की समस्या कहा जाता है।
हाइपोथर्मिया के लक्षण क्या हैं?