7 से 9 साल के बच्चों का मानसिक विकास (Mental Development of 7-9 years kid)
- 7 से 9 साल का बच्चा अधिक जिम्मेदार हो जाता है।
- स्पेस और दुनिया के बारे में समझता है।
- समय दिन और महीनों के बारे में बता सकता है।
- खुद किताबों को पड़ने और सिखने में दिलचस्पी लेता है।
- आपसे सवाल पूछने के साथ ही आपको भी कई चीजें समझा सकता है।
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लैंग्वेज डेवलपमेंट (Language development)
इस दौरान बच्चा अलग -अलग आवाजे समझने में सक्षम होता है। यही नहीं, वो एक समान शब्दों को भी समझने लगता है जैसे बेट ,मेट ,रेट आदि। 4 से 6 साल का बच्चा शब्दों की आवाजों को समझता है और उन्हें पढ़ना सिख जाता है। इस उम्र में, बच्चे यह भी सीखते हैं कि आवाजें कैसे शब्दों को एक साथ जोड़ती हैं।
- 4 से 6 साल के बच्चे साधारण कहानियों और आसान शब्दों को पढ़ना सीखते हैं। वो उन्हें स्पेल करना भी सीख जाते हैं जैसे डोर, बॉल आदि।
- 7 से 9 साल के बच्चे जो चीजें पढ़ते हैं, उन्हें अच्छे से समझते भी है। इस उम्र का बच्चा खुद पढ़ सकता है। पढ़ना उनकी पसंदीदा गतिविधि बन जाती है। इस उम्र में वो सिंपल कहानियां स्वयं लिख भी सकता है।
सामाजिक-भावनात्मक विकास (Social-Emotional Development)
हर स्कूल जाने वाले बच्चों का विकास (School-age Children Growth and Development) अलग तरह से होता है। लेकिन, जब बच्चे स्कूल जाने लगते हैं, तो उनमें स्वतंत्रता की भावना विकसित होती है। वो नए रिश्ते बनाते है और उन्हें एन्जॉय करते हैं। हालांकि, माता-पिता के साथ उनका रिश्ता वैसा ही बना रहता है जैसा पहले था।
4 से 6 साल के बच्चे का सामाजिक-भावनात्मक विकास (Social-Emotional Development of 4-6 years old children)
- 4 से 6 साल का बच्चा खुद अकेले खेलने में रुचि लेता है। लेकिन ,साथियों के साथ खेलना उसकी प्राथमिकता होती है।
- खेल के दौरान वो टर्न बाय टर्न खेलना सीख जाता है और दूसरों के विचारों को स्वीकार करता है।
- अपनी स्वयं की भावनाओं को पहचानने और उन्हें सत्यापित करने में सक्षम होता हैं।
- वह यह समझ जाता है कि कार्यों के सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
- 4 से 6 साल के बच्चे सहानुभूति और करुणा दिखाने में सक्षम होते हैं।
- भाई-बहन को लेकर जलन की भावना भी पैदा हो सकती है।
- इस उम्र के बच्चे प्रतियोगिताओं का मजा लेते हैं।

7 से 9 साल के बच्चे का सामाजिक-भावनात्मक विकास (Social-Emotional Development of 7-9 years old children)
- 7 से 9 साल के बच्चों में सेंस ऑफ ह्यूमर विकसित होता है। वो लोगों को स्टोरीज और जोक्स सुनाते हैं।
- सच और फैंटेसी में अंतर समझ सकते हैं।
- घर और स्कूल में अधिक जिम्मेदारियां लेने में उन्हें खुशी मिलती है।
- 7 से 9 साल के बच्चे पसंद और नापसंद के बारे में जान जाएंगे।
- इस उम्र के बच्चे अधिक स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं और साथियों के साथ भी काम करना पसंद करते हैं।
- इस उम्र के बच्चेगलतियां करने से डरते हैं।
- इस उम्र के बच्चे ऊर्जा से भरपूर लेकिन अधीर होते हैं।
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स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए न्यूट्रिशन और फिजिकल एक्टिविटीज (Nutrition and physical activities for school going children)
स्कूल जाने वाले बच्चों का विकास (School-age Children Growth and Development) उन्हें मिलने वाले न्यूट्रिशन पर भी निर्भर करता है। इस उम्र के बच्चों को सही न्यूट्रिशन और फिजिकल एक्टिविटीज करने की बहुत अधिक जरूरत होती है। उनकी सही ग्रोथ और विकास के लिए उन्हें दिन में कम से कम 4 से 5 बार खाना चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चे की फूड चॉइस और हैबिट्स पर नजर रखनी चाहिए। जानिए बच्चे के आहार में क्या-क्या होना चाहिए:
- अनाज (Grains) : बच्चे के आहार में साबुत अनाज का होना जरूरी है। उन्हें ब्राउन राइस, ओट्स आदि खाने को दें।
- फल और सब्जियां (Fruits and Vegetables) : बच्चे के आहार में रंग- बिरंगी सब्जियों को शामिल करें। जिससे उन्हें पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स प्राप्त हों। बच्चों के लिए रोजाना फल लेना भी जरूरी है।
- डेयरी उत्पाद (Dairy Products): स्कूल जाने वाले बच्चों का विकास (School-age Children Growth and Development) सही हो इसके लिए उनके आहार में डेयरी उत्पादों जैसे दूध, दही, पनीर आदि को शामिल करना जरूरी है। यह सब चीजें उनकी मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक हैं।
- प्रोटीन (Protein) : बच्चों के आहार में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को भी शामिल करें जैसे मेवे, बीन्स, सीड्स आदि।
- पानी (Water): बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। इसलिए उसे अधिक से अधिक पानी और अन्य हेल्दी ड्रिंक्स पीने की सलाह दें।
फिजिकल एक्टिविटीज़ (Physical Activities)
वैसे तो शारीरिक रूप से एक्टिव रहना हर उम्र में जरूरी है। लेकिन, बच्चों के लिए भी यह बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप यह चाहते हैं कि आपके स्कूल जाने वाले बच्चों का विकास (School-age Children Growth and Development) सही से हो, तो उन्हें पढ़ाई या इंडोर गेम्स में ही न लगे रहने दें। बल्कि, रोजाना कुछ समय उन्हें खेलने और अन्य शारीरिक गतिविधियां करने दें। जैसे:
- साइकिलिंग करने दें (Cycling)
- सैर (Walk)
- स्विमिंग (Swimming)
- कोई खेल जैसे क्रिकेट, बास्केटबाल (Any Sport Like Cricket and Basketball)
- रस्सी कूदना (Skipping)
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