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मैग्नीशिय की कमी ((Magnesium deficiency))
मैग्नीशियम बोंस, दांतों की संरचना के लिए जरूरी होता है। मैग्नीशियम शरीर में 300 से ज्यादा एंजाइम रिएक्शन में भाग लेता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि शरीर के लिए मैग्नीशियम कितना जरूरी होता है। मैग्नीशियम का कम सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस, टाइप 2 डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, हार्ट संबंधित समस्याएं आदि का सामना करना पड़ सकता है। मैग्नीशियम की कमी से हार्ट रिदम एब्नॉर्मल हो जाती है और साथ ही थकान का भी अधिक एहसास होता है। मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए खाने में व्होल ग्रेन, हरी पत्तियों वाली सब्जियां, डार्क चॉकलेट, आलमंड्स आदि का सेवन करना चाहिए।
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शरीर में आयरन की कमी (Iron deficiency)
आयरन की कमी के कारण बच्चों में सुस्ती और चिड़चिड़ेपन की समस्या हो सकती है। बच्चों के शरीर के डेवलपमेंट के लिए आयरन बहुत जरूरी होता है। आयरन हीमोग्लोबिन की मात्रा को मेंटेन रखता है और सभी अंगों में ऑक्सिजन ले जाने का काम करता है। बच्चों में आयरन की कमी के कारण एनीमिया (Anemia) की समस्या हो सकती है। चार से आठ साल के बच्चों को एक दिन में 10 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है। आयरन की कमी को पूरा करने के लिए खाने में पोर्क, मछली, रेड मीट, बीन्स और दाल, पालक, तिल के बीज, मेवे, टोफू, साबुत अनाज आदि शामिल करना चाहिए। आयरन के अवशोषण के लिए विटामिन सी युक्त आहार लेना भी जरूरी है। खाने में खट्टे फल जैसे कि संतरे का जूस, मुसम्मी, स्ट्रॉबेरीज आदि को शामिल करना चाहिए।
आयोडीन की कमी ( Iodine deficiency)
आयोडीन शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है। एक दिन में 150 एमसीजी आयोडीन खाने की सलाह दी जाती है। अगर आयोडीन की कमी हो जाए, तो थायरॉइड ग्लैंड में सूजन या हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। आयोडीन की कमी से वीक मसल्स, थकान, वजन बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आयोडीन की कमी को रेग्युलर डायट से पूरा किया जा सकता है। खाने में आयोडाइज्ड साल्ट का इस्तेमाल आयोडीन की कमी को पूरा कर सकता है। साथ ही खाने में झींगा का सेवन, अंडे का सेवन, आलूबुखारा, कॉड फिश, डेयरी प्रोडक्ट आदि का सेवन किया जा सकता है। आयोडीन का सेवन अधिक करने से शरीर को समस्या भी हो सकती है। बेहतर होगा कि आप बच्चे को रोजाना दी जाने वाली डायट के माध्यम से ही आयोडीन की कमी को पूरा करें।
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शरीर में विटामिन डी की कमी (Vitamin D deficiency)
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आपको सुबह की धूप में बैठना चाहिए। विटामिन डी का प्रमुख स्त्रोत सूर्य की किरणों को माना जाता है। सूरज कि किरणें जब हमारे शरीर पर पड़ती हैं, तो शरीर पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी बना लेता है। एक दिन में व्यक्ति को 10 से 20 माइक्रोग्राम विटामिन डी आवश्यकता होती है। विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों को नुकसान होता है और मसल्स में दर्द की समस्या भी रहती है। डायट के माध्यम से भी विटामिन डी (Vitamin D) मिल सकता है। मछली और अंडे, अंकुरित अनाज, डेयरी प्रोडक्ट में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
विटामिन B12 की कमी (Vitamin B12 deficiency)
विटामिन बी 12 बॉडी में लाल रक्त कोशिकाओं के प्रोडक्शन में अहम भूमिका निभाती हैं। नर्वस सिस्टम की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने में भी विटामिन B12 की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विटामिन बी 12 की कमी के कारण हाथ- पैर में झुनझुनी की समस्या, ऑक्सीजन की मात्रा में कमी के साथ ही जल्दी थक जाने की समस्या भी हो सकती है। चार से आठ साल के बच्चे को एक दिन में 1.2 माइक्रोग्राम विटामिन B12 की जरूरत होती है। विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने के लिए खाने में चिकन, दूध, टूना फिश, अंडा आदि शामिल करना चाहिए। आप इस बारे में डॉक्टर से भी अधिक जानकारी ले सकते हैं।
बच्चे मे पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आपको उसे पौष्टिक आहार देने की जरूरत है। अगर बच्चे में किसी तरह की समस्या नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।