समय से पहले शिशु का जन्म (Premature baby)-
ऐसे शिशु जिनका जन्म प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह से पहले हुआ हो, उनमें भी इसका खतरा सबसे ज्यादा देखा जाता है। इसके कारण बच्चे के मस्तिष्क के विकास में भी बाधा आ सकती है।
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किन बातों का रखें ध्यान?
जिन शिशुओं का जन्म समय से पहले होता है, उनमें स्लीप एप्निया के साथ-साथ अन्य शारीरिक परेशानियों का खतरा बना रहता है। इसलिए ऐसे बच्चों को न्यूट्रिशन का विशेष ध्यान रखना चाहिए और डॉक्टर से कंसल्ट में रहना बेहतर स्वास्थ्य की निशानी होती है।
न्यूरोमस्कुलर स्थिति (Neuromuscular stage)-
न्यूरोमस्कुलर स्थिति होने पर हमारा ब्रेन पर वायुमार्ग और सीने की मांसपेशियों तक संदेशों को पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है, जिसके कारण स्लीप एप्निया का जोखिम बढ़ जाता है। इनमें से कुछ स्थितियां हैं स्ट्रोक, एमियोट्रोफिक लेटरल स्केलेरोसिस, मायोटोनिक डिस्ट्रोफी, पोस्ट-पोलियो सिंड्रोम, डर्माटोमायोसाइटिस, मायस्थेनिया ग्रेविस और लैम्बर्ट-ईटेट मायस्थेनिक सिंड्रोम जैसी स्वास्थ्य स्थितियों का भी कारण बन सकती हैं।
न्यूरोमस्कुलर स्थिति से बचने के लिए क्या करें?
न्यूरोमस्कुलर स्थितियां अलग-अलग होती हैं। इसलिए डॉक्टर आपको आपकी शारीरिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए पेशेंट्स की डायट और अन्य महत्वपूर्ण टिप्स देते हैं।
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हेल्दी स्लीप हैबिट कैसे अपनाएं, जिससे दूर रहे स्लीप एप्निया (Sleep apnea)?
1. स्लीप एप्निया से बचाव के लिए फिजिकल एक्टिविटी जरूरी
स्लीप एप्निया (Sleep apnea) से बचाव के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। व्यायाम के अलग-अलग तरीके जैसे एरोबिक्स, चलना, तैरना, कार्डिओ या योगा करना अदि जैसी गतिविधियों को अपनी रोजमर्रा की जीवन शैली में शामिल करने से आपका दिल अच्छी तरह पम्पिंग करेगा। इन एक्सरसाइज से आप थकान महसूस करेंगे और इसी कारण आपको जल्दी नींद आ जाएगी। नींद के लिए उपाय के तौर पर अपनाया जाने वाला यह टिप्स बहुत ही पुराना है।
2. सोने से 2 घंटे पहले खाना खाएं
स्लीप एप्निया से बचाव के लिए (Sleep apnea prevention) आपको लाइफस्टाइल पर ध्यान जरूर देना चाहिए। नींद के लिए उपाय ढूढ़ने के साथ ही खाने के समय का भी बहुत ध्यान रखें। खाने के पाचन के लिए अच्छा-खासा समय होता है। जल्दी सोने के लिए आपको खाना जल्दी खाना चाहिए। अपनी डाइट को हल्का-फुल्का रखें और उसमें अनाज, फल, सब्जियां और सलाद शामिल करें। बेहतर नींद दिलाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे नट्स और सूखे मेवों को अपने आहार में शामिल करें, इनसे मसल्स का तनाव भी कम हो जाता है।
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3. चाय या कॉफी (Tea or coffee) का सेवन कम से कम करें-
कैफीन भले ही आपके लिए ऊर्जा का सोर्स हो, लेकिन कॉफी में मौजूद कैफीन आपको जागने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जिसके कारण आपको नींद की कमी की शिकायत हो सकती है। हेल्दी स्लीप लेने के लिए कोशिश करें कि शाम में 5 बजे के बाद किसी भी तरह की कैफिनेटेड ड्रिंक्स (caffeinated drinks) को नजरअंदाज करें। स्लीप एप्निया से बचाव (Sleep apnea prevention) के लिए हेल्दी ईटिंग पर ध्यान दें।
4.अत्यधिक काम में व्यस्त ना रहें
काम से छुट्टी लेने का मतलब सिर्फ यह नहीं कि ऑफिस से निकलते ही काम के बारे में सोचना बंद कर देना, बल्कि इसका मतलब है कि टेक्नोलॉजी से पूरी तरह दूर हो जाना। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की हानिकारक रौशनी में बैठने से बेहतर है कोई किताब पढ़ ली जाए। इससे आप जल्दी और बेहतर तरह से सो पाएंगे और सिरदर्द, थकान जैसी समस्याओं से भी बचे रहेंगे।
5. स्लीप एप्निया से बचाव (Sleep apnea prevention) के लिए करें योग
वर्कऑउट्स के बजाए योगा करना बेहतर नींद पाने के लिए अच्छा उपाय होता है। सांस से जुड़े कुछ आम आसन आपके दिमाग से तनाव या टेंशन निकालने में मदद करते हैं। रोजाना सोने से पहले 10 से 15 मिनट योग करें।