के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
रैपिड आई मूवमेंट(REM) स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर एक नींद की बीमारी है, जिसमें हम शारीरिक रूप से अप्रिय सपने या दुःस्वप्न में तेज आवाज़,बाते करना, या शारीरिक गतिविधियाँ को करते हैं। इस विकार की शुरुआत अचानक होती है और यह एक रात में एक बार या कई बार हो सकती है।
नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, यह माना जाता था कि यह विकार ज्यादातर पुरुषों को प्रभावित करता है, लेकिन नए आंकड़ों से यह पता चलता है कि यह बीमारी पुरुषों और महिलाओं दोनों में एक समान होता है। आरबीडी का दवा के साथ इलाज किया जा सकता है। हालांकि, यह अक्सर यह अन्य नींद की समस्याओं या स्थितियों के आधार पर होता है, जिसमे हमें अलग से उपचार की आवश्यकता हो सकती है। यदि इसका निदान किया जाता है, तो आपके डॉक्टर द्वारा इस डिसऑर्डर की अलग से जांच की जाती है । REM स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी का संकेत हो सकता है या यह किसी दवा के साइडइफेक्ट के कारण भी हो सकता है।
यह भी पढ़ें: Abdominal migraine : एब्डॉमिनल माइग्रेन क्या है?
REM (RBD) बिहेवियर डिसऑर्डर के दौरान, आप निम्न लक्षण महसूस कर सकते हैं जैसे कि-
जागने के बाद, शायद ही आपके द्वारा सपने में किया गया उपरोक्त काम याद रह सकता है । उदाहरण के लिए, यदि आप किसी का पीछा करने के बारे में सपना देखते हैं, तो आप भाग जाने या उसका पीछा ऑनलाइन शॉपिंग की लत ने इस साल भी नहीं छोड़ा पीछा, जानिए कैसे जुड़ी है ये मानसिक बीमारी से करने के लिए अपने बिस्तर से कूद सकते हैं। ज्यादातर मामलों में, आरबीडी की घटना आपके सो जाने के कम से कम 90 मिनट के बाद शुरू होने लगता है |
इसे भी पढ़ें: Dyslexia: डिस्लेक्सिया क्या है?
REM स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर (RBD) का सटीक कारण अभी तक अज्ञात है, हालांकि यह विकार विभिन्न न्यूरोलॉजिकल स्थितियों जैसे कि पार्किंसंस रोग, मल्टीसिस्टम अट्रोफी (multisystem atrophy) (जिसे शाय-ड्रेजर सिंड्रोम भी कहा जाता है ), और लेवी बॉडी डिमेंशिया (Lewy body dementia) के कारण हो सकता है। 55% व्यक्तियों में इसका कारण अभी भी अज्ञात है, लेकिन 45% लोगों में इसका मुख्य कारण शराब, नींद की गोली या अवसाद व थकावट कम करने वाली दवाओं का ज्यादे सेवन करना है |
यह भी पढ़ें: Progeria : प्रोजेरिया क्या है ?
आरबीडी अक्सर कई वर्षों से न्यूरोडीजेनेरेटिव (neurodegenerative) रोगों के विकास से पहले होता चला आ रहा है । एक अध्ययन में, 38% रोगियों में RBD की पहचान व लक्षणों की शुरुआत होने के 12-13 साल के भीतर पार्किंसंस रोग का विकास हुआ है । इसके अलावा, आरबीडी को 69% पार्किंसंस रोग और मल्टीसिस्टम अट्रोफी के साथ होते हुए देखा गया है। आरबीडी और पार्किंसंस रोग के बीच का संबंध काफी मिलाजुला है, हालांकि, आरबीडी से पीड़ित होने वाले सभी व्यक्तियों में पार्किंसंस रोग का विकास नहीं होता हैं, बल्कि कुछ में ही होता है ।
इसे भी पढ़ें: Drug addiction : ड्रग एडिक्शन क्या है?
न्यूरोलॉजिकल परिक्षण
रैपिड आई मूवमेंट(REM) स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर या आरबीडी के निदान में, न्यूरोलॉजिक परिक्षण एक सामान्य विधि होती है। हालांकि, पार्किंसंस रोग के लक्षण और संकेत, जैसे कि आराम करते समय हाथ का कांपना, चलते या काम करते समय सुस्ती महसूस होने के साथ साथ मांसपेशियों की कठोरता, जो आरबीडी के होने का एक न्यूरोलॉजिकल मुख्य कारण हो सकता है, जिस पर विशेष ध्यान देना जरुरी हो जाता है ।
यह भी पढ़ें: Glioma: ग्लिओमा क्या है?
पॉलीसोम्नोग्राफी
पॉलीसोम्नोग्राफी वीडियो रिकॉर्डिंग आरबीडी वाले व्यक्तियों में सबसे महत्वपूर्ण नैदानिक परीक्षण है। यह परीक्षण आमतौर पर एक नींद अध्ययन केंद्र (स्लीप स्टडी सेंटर) में आयोजित किया जाता है। परीक्षण के दौर से गुजरने वाले व्यक्तियों को इस केंद्र में सोने की आवश्यकता होती है |
इस परीक्षण के दौरान जब आप सोते हैं तो, कुछ सेंसर (ईईजी,ईसीजी,इलेक्ट्रोकुलोग्राम) के द्वारा आपके हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क की गतिविधि, श्वास पैटर्न, हाथ और पैर के गति (मूवमेंट), मुंह से निकलने वाली आवाज की जांच, और रक्त में ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी किया जाता हैं । आगे की शोध के लिए इस परिक्षण विधि में रोगी के सो जाने के बाद उसकी विडियो रिकार्डिंग भी की जाती है |
इसे भी पढ़ें: Hay Fever: हे फीवर क्या है?
REM स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर के उपचार में शारीरिक सुरक्षा और दवाएं दोनों ही कारगर साबित हो सकती हैं ।
शारीरिक सुरक्षा
आपका डॉक्टर आपको यह सलाह दे सकता है कि आप अपने सोने के माहौल में बदलाव करें ताकि यह आपके और आपके साथ सोने वाले साथी के लिए सुरक्षित हो, इन बदलाव में निम्न बातें शामिल हो सकती हैं:
बिस्तर के पास के फर्श का पैडिंग करना.
यह भी पढ़ें: Frozen shoulder: कंधे की अकड़न क्या है?
निम्न दवाओं का प्रयोग इस बीमारी में किया जा सकता है-
मेलाटोनिन (Melatonin)- आपका डॉक्टर आपके आहार को पूरा करने के लिए मेलाटोनिन नाम का एक दवा लिख सकता है, जिसकी सहायता से आरबीडी के लक्षणों को कम करने या समाप्त करने में मदद मिल सकती है। मेलाटोनिन क्लोनज़ेपम जितना प्रभावी हो सकता है, आमतौर पर इसके द्वारा होने वाले कुछ दुष्प्रभावों को भी अच्छी तरह से सहन किया जा सकता है।
क्लोनाज़ेपम या क्लोनोपिन (Clonazepam or Klonopin)- इस दवा का सेवन केवल डाक्टरी सलाह के अनुसार किया जाता है, इस दवा का सेवन अवसाद (चिंता) को कम करने के लिए किया जाता है | यह दवा भी रैपिड आई मूवमेंट स्लीप बिहेवियर डिसआर्डर (REM) के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए इलाज में प्रयोग किया जाता है |
यह भी पढ़ें: Gaucher Diesease : गौशर रोग क्या है?
क्लोनाज़ेपम (Clonazepam) दिन के समय नींद आना, नींद की कमी और स्लीप एपनिया के बिगड़ने जैसे दुष्प्रभावों को पैदा कर सकता है।
इसके अलावां डॉक्टर कई अन्य दवाओं का अध्ययन करना भी जारी रखते हैं जो रैपिड आई मूवमेंट स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर (REM) के इलाज में उपयोगी साबित हो सकते हैं। अपने लिए सबसे उपयुक्त उपचार विकल्प को जाने के लिए आप अपने डॉक्टर से सम्पर्क कर सकते हैं।
और इसे भी पढ़ें: Seborrheic Dermatitis : सेबोरिक डर्मेटाइटिस क्या है?
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।