के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
शरीर का कोई अंग जब अपनी कंटेनिंग कपैसिटी यानी अपने खोल या झिल्ली से बाहर निकल जाता है, तो उसे हर्निया (Hernia) कहते हैं। इसमें मरीज को तेज दर्द होता है, चलने-फिरने में दिक्कत आती है। दरअसल हमारे शरीर में अंदरूनी कैविटी चमड़ी की झिल्ली से ढकी होती है। जब इन कैविटी की झिल्लियां कभी-कभी फट जाती हैं, तो किसी अंग का कुछ भाग बाहर निकल जाता है और उस जगह पर पहुंच जाता है, जहां उसे नहीं होना चाहिए, इसे विकृति हर्निया (Hernia) कहते हैं। अगर हर्निया (Hernia) दबाव या किसी झटके के साथ उभरता है तो उसे रिड्यूसिबल (Reducible) हर्निया (Hernia) कहा जाता है, जिसे घटाया जा सकता है और ये खतरनाक भी नहीं होता है। लेकिन, अगर अंग या टिशू का वो हिस्सो है, जो किसी कैविटी में बढ़ गया है और वापस नहीं आ सकता तो इसे खतरनाक माना जाता है। जो एक गंभीर समस्या है। सबसे ज्यादा खतरनाक हर्निया (Hernia) को स्ट्रगुलेटेड हर्निया (Strangulated Hernia) कहते हैं, जिसमें टिशू में खून का प्रवाह रूक जाता है और रोगी मर जाता है।
हर्निया एक ऐसा रोग है जो किसी भी उम्र और सेक्स के व्यक्ति को हो सकता है। हर्निया के चार मुख्य प्रकार होते हैं, जिनमें शामिल हैं –
हाइटल हर्निया डायफ्राम में ऊभरता है। हम आपको बताते चले कि पेट का ऊपरी हिस्सा और पेट को छाती से अलग करने वाली मसल्स में ये हर्निया होता है। डायफ्राम में एक स्मॉल ओपनिंग होती है जो फूड ट्यूब से जुड़ी होती है। खाना पहले इससे होकर फिर स्टमक में जाता है। हाइटल हर्निया की कंडीशन में खाना पेट का खाना फूड ट्यूब में जाने लगता है। ये समस्या जीईआरडी (GERD) का कारण बन सकती है। आमतौर पर हाइटल हर्निया (Hiatal hernia) की समस्या अधिक उम्र यानी 45 से 50 या की उम्र में हो सकती है।
वेंट्रल हर्निया एब्डॉमिनल वॉल मसल्स में होता है। इस प्रकार के हर्निया एब्डॉमिनल वॉल में कहीं भी उभार ले सकते हैं। इससे इंसिजनल हर्निया की संभावना रहती है। इंसिजनल हर्निया आमतौर पर किसी सर्जरी के कारण उभरता है। सर्जरी के दौरान मसल्स को हानि पहुंचती है और साथ ही मसल्स वीक भी हो जाती है। इस कारण से ऐसे स्थान में हर्निया होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
इसे पेट का हर्निया (Hernia) भी कहा जाता है। इनगुइनल हर्निया (Hernia) की समस्या से ज्यादातर लोग पीड़ित होते हैं। इनगुइनल हर्निया पेट और थाई यानी जांघ के बीच में पाया जा सकता है। हर्निया वहां स्थान आसानी से बना सकते हैं, जहां की मसल्स कमजोर हो गई हो या फिर उस स्थान को कोई क्षति पहुंची हो।
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये हार्निया नाभि के पास होता है। अम्बिलिकल हर्निया (Hernia) बच्चों में पाया जाता है। आपने ऐसे बच्चे जरूर देखें होंगे जिनकी नाभि में अधिक उभार होता है। ये अम्बिलिकल हर्निया (Hernia) होता है। आमतौर पर ये समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है। अगर बच्चे के बढ़ने के साथ ही अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical hernia) की समस्या ठीक नहीं होती है तो डॉक्टर सर्जरी की मदद भी ले सकता है।
आप हर्निया के प्रकार के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं। शरीर में किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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सबसे सामान्य हर्निया (Hernia) बच्चों में पाया जाता है, जिसे बाहरी हर्निया कहते हैं।
हर्निया (Hernia) के लक्षण कई तरह के होते हैं, जोकि हर्निया के प्रकार पर निर्भर करते हैं, जैसे कि
इनगुइनल और अंबिलिकल (Umbilical) हर्निया (Hernia) में केवल सूजन होती है लेकिन, दर्द नहीं होता है। यह सूजन अपने आप चली भी जाती है। आमतौर पर यह रोने, खांसने पर, ज्यादा देर तक खड़े रहने आदि के कारण इस तरह का हर्निया (Hernia) होता है। इनगुइनल हर्निया की वजह से लड़कों के अणकोषों में गठान भी बन जाती हैं। वहीं स्त्रियों के जननांगों के आसपास लेबिया में सूजन आ जाती है।
शरीर के अंदरूनी हिस्सों में अगर हर्निया (Hernia) हो जाए तो इसके लक्षण नजर नहीं आते है लेकिन, हो सकता है कि रोगी को उल्टी या वॉमिटिंग या सीने में जलन जैसी शिकायत हो।
हार्निया की समस्या से दर्द, उल्टी और कब्ज (Constipation) की समस्या हो सकता है। वहीं स्ट्रगुलेटेड हर्निया (Hernia)की वजह से बुखार, कई अंगों में सूजन और अत्याधिक दर्द की समस्या हो सकती है।
हर्निया (Hernia) में उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी कई लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर की मदद लें।
हर्निया(Hernia) जांघ के जोड़ में होता है। इस हर्निया (Hernia) में नसें जांघ की पिछली नली से अंडकोष में खिसक जाती हैं। ऐसा होने पर अंडकोष का आकार बढ़ जाता है। अंडकोष में सूजन हो जाने के कारण हाइड्रोसील और हर्निया में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। हर्निया का यह प्रकार पुरुषों में पाया जाता है, लगभग 70 प्रतिशत रोगियों को यही हर्निया होता है।
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हर्निया (Hernia) के लक्षण कई तरह के होते हैं, जोकि हर्निया के प्रकार पर निर्भर करते हैं, जैसे कि
इंडायरेक्ट और इनगुइनल हर्निया (Hernia) जन्म से हो सकता है। ऐसा जन्म के पहले विकास में हुई गड़बड़ियों की वजह से होता है। अंब्लिकल यानी नाभि का हर्निया (Hernia) तब होता है जब नाभि का छोर पूरी तरह से बंद नहीं हो पाती है। ऐसे अन्य तरह के हर्निया में मांसपेशियों और झिल्लियां ठीक से नहीं बन पाती और कमजोर पड़ जाती है। और अंबिलिकल (Umbilical) हर्निया में केवल सूजन होती है, लेकिन दर्द नहीं होता है। यह सूजन अपने आप चली भी जाती है। आमतौर पर यह रोने, खांसने, ज्यादा देर तक खड़े रहने आदि के कारण इस तरह का हर्निया होता है। इनगुइनल हर्निया की वजह से लड़कों के अणकोषों में गठान भी बन जाती हैं। वहीं स्त्रियों के जननांगों के आसपास लेबिया में सूजन आ जाती है।
शरीर के अंदरूनी हिस्सों में अगर हर्निया (Hernia) हो जाए तो इसके लक्षण नजर नहीं आते है लेकिन, हो सकता है कि रोगी को उल्टी या सीने में जलन जैसी शिकायत हो।
इंकार्सिरेटेड हर्निया (Hernia) की वजह से दर्द, उल्टी और कब्ज (Constipation) की समस्या हो सकता है। वहीं स्ट्रगुलेटेड हर्निया (Hernia) की वजह से बुखार, कई अंगों में सूजन और अत्याधिक दर्द की समस्या हो सकती है।
हर्निया (Hernia) में उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी कई लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर की मदद लें।
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इंडायरेक्ट और इनगुइनल हर्निया (Hernia) जन्म से हो सकता है। ऐसा जन्म के पहले विकास में हुई गड़बड़ियों की वजह से होता है। अंब्लिकल यानी नाभि का हर्निया (Hernia) तब होता है जब नाभि का छोर पूरी तरह से बंद नहीं हो पाती है। ऐसे अन्य तरह के हर्निया में मांसपेशियों और झिल्लियां ठीक से नहीं बन पाती और कमजोर पड़ जाती है।
डॉक्टर सामान्य जांच या कुछ शारीरिक परीक्षणों से इस बीमारी का पता कर सकते हैं। इसके अलावा, खून की जांच और लेप्रोस्कोपी यानी शरीर के अंदर यंत्र डॉलकर हर्निया (Hernia) की जांच की जा सकती है। वहीं कई मामलों में एक्स-रे (X-ray) और अल्ट्रासोनोग्राफी (Ultrasonography) की मदद ली जाती है।
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हर्निया निम्नलिखित कारणों से हो सकता है, जैसे कि—
नोट- यह जानकारी किसी भी स्वास्थ्य परामर्श का विकल्प नहीं हैं। हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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हर्निया का इलाज या हर्निया (Hernia) का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि वो किस प्रकार का है और उसकी स्थिति कैसी है। नाभि के हर्निया में किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। बच्चों में यह अपने आप एक से दो वर्ष की आयु तक ठीक हो जाता है। अगर नहीं हो, तो भी डॉक्टर आसानी से इसे अंदर कर सकते हैं। इसमें ऑपरेशन की आवश्यक्ता तब पड़ती है, जब यह चार से पांच साल की उम्र में भी यह ठीक नहीं होता है।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। हर्निया का लक्षण (Symptoms of Hernia) दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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