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Drug addiction: ड्रग एडिक्शन क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/09/2020

Drug addiction: ड्रग एडिक्शन क्या है?  जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

ड्रग एडिक्शन (Drug Addiction) क्या है?

ड्रग एडिक्शन (Drug Addiction) यानी नशे की लत एक पुरानी या लंबे समय से बनी हुई आदत होती है। आमतौर पर ये मस्तिष्क की बीमारी को दूर करने वाली दवा हो सकती है, जिसका इस्तेमाल करते रहना लोगों की आदत बन सकती है। नशे की लत मस्तिष्क की संरचना और कार्य करने की क्षमता में परिवर्तन ला सकता है। हालांकि, इस खतरे को समझते हुए भी अधिकांश लोग नशे की लत का शिकार हैं। ड्रग एडिक्शन का निर्णय स्वैच्छिक होता है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण मस्तिष्क में होने वाले बदलाव किसी व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण की क्षमता भी बिगाड़ सकता है।

नशे की लत को रोकना एक चुनौती भरा फैसला होता है। हालांकि, ऐसे उपचार हैं जो लोगों को ड्रग एडिक्शन से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके लिए जीवनशैली और चिकित्सक उपचार दोनों ही बेहद जरूरी होते हैं।

अन्य पुरानी बीमारियों, जैसे कि डायबिटीज (मधुमेह), अस्थमा या हृदय रोग के साथ भी, नशीली दवाओं की लत को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।

कितना सामान्य है ड्रग एडिक्शन?

ड्रग एडिक्शन की समस्या बहुत ही सामान्य है। साल 2009-10 के ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे (विश्व वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण) के मुताबिक तकरीबन 7.13 करोड़ भारतीय तरह-तरह के नशों की गंभीर लत से जुझ रहे हैं। जिनमें सबसे ज्यादा 5.17 करोड़ लोग शराब, 72 लाख लोग भांग, 60 लाख लोग अफीम व चरस और 11 लाख लोग नशीली गोलियों या इंजेक्शन से होने वाले नशे की लत के आदी हैं। इस सर्वे में 70,293 लोग ऐसे भी शामिल हैं, जो नशे के लिए खतरान किस्म के ड्रग्स का भी इस्तेमाल करते हैं। कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

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लक्षण

ड्रग एडिक्शन के लक्षण क्या हैं?

ड्रग एडिक्शन के सामान्य लक्षण हैंः

  • अगर आप नियमित रूप से किसी दवा का उपयोग करने लगे हैं
  • किसी दवा का सेवन करने की क्रेविंग होना
  • समय के साथ, उस दवा की खुराक लेने की आदत बढ़ना
  • बिना जरूरत के किसी दवा पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना, फिर चाहे आप उसे खरीदने में सक्षम हैं या नहीं
  • नशीली दवाओं के उपयोग के कारण जिम्मेदारियों और कामकाजों को प्रभावित करना
  • दवा का सेवन करने के बाद कोई अपराध करना, जैसे- चोरी, डकैती, गाली-गलौज, मारपीट करना आदि
  • बिना जरूरत और न चाहते हुए भी आपका मन उस दवा की खुराक के लिए आपको फोर्स करता है

इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।

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कारण

ड्रग एडिक्शन के क्या कारण हैं?

कई मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर की तरह, कई कारक नशे की लत बनने वाले पदार्थों और निर्भरता के विकास को बढ़ा सकते हैं। इनके मुख्य कारक हैं:

  • आस-पास का माहौलः अगर आप ऐसे लोगों के बीच रहते हैं जो मादक पदार्थों का सेवन करते हैं, तो संभव हो सकता है कि आपको भी नशे की लत लग सकती है।
  • आनुवंशिक कारणः हो सकता है कि एक बार आपने किसी दवा का उपयोग करना शुरू किया, लेकिन धीरे-धीरे आपको उसकी लत लग सकती है। अगर आपके परिवार में पहले कभी ड्रग एडिक्शन का इतिहास रहा है, तो आपके आनुवंशिक लक्षण इसके खतरे को और भी अधिक बढ़ा सकते हैं।

मस्तिष्क में परिवर्तन

शारीरिक नशा तब होता है जब किसी दवा के बार-बार इस्तेमाल से मस्तिष्क में खुशी महसूस करने का तरीका बदल जाता है। नशे की दवा मस्तिष्क में कुछ तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) में परिवर्तन करती है। न्यूरॉन्स संचार करने के लिए न्यूरोट्रांसमीटर नामक रसायन का उपयोग करते हैं। दवा का उपयोग बंद करने के बाद ये परिवर्तन लंबे समय तक दिमाग में रह सकते हैं।

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जोखिम

कैसी स्थितियां ड्रग एडिक्शन के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?

ऐसी कई स्थितियां हैं जो ड्रग एडिक्शन के जोखिम को बढ़ा सकती हैंः

  • ड्रग एडिक्शन का पारिवारिक इतिहासः ऐसे लोगों में नशे की लत होने का जोखिम अधिक होता है। क्योंकि, उन्हें यहआदत विरासत के तौर पर मिल सकती है। इसके अलावा अक्सर बच्चे अपने परिवार के सदस्यों की आदतें ही सीखते हैं।
  • पुरुष होनाः नशे की लत महिलाओं में भी होती है। हालांकि, इसके मामले पुरुषों में अधिक देखे जाते हैं। भारत के आज भी कुछ क्षेत्रों में पुरुषों का नशा करना उनकी मर्दानगी को दर्शाने का एक जरिया माना जाता है।
  • अन्य मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर होनाः अगर आपको मानसिक स्वास्थ्य विकार जैसे अवसाद, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) या पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर है, तो आप नशे की लत का शिकार हो सकते हैं।
  • साथियों का दबावः दोस्तों के दवाब के कारण नशे की लत लगना युवाओं में सबसे आम कारण पाया गया है।
  • पारिवारिक कलेशः अगर परिवार के बीच रिश्ते किसी कलेश से गुजर रहे हैं, तो नशे की लत लगने का जोखिम भी बढ़ सकता है।
  • एंग्जाइटी, डिप्रेशन और अकेलापनः इस तरह के मनोवैज्ञानिक भावनाओं की स्थितियों में भी ड्रग एडिक्शन का जोखिम बढ़ सकता है।
  • अत्यधिक नशे की दवा लेनाः कुछ दवाओं, जैसे उत्तेजना बढ़ाने, कोकीन या दर्द निवारक दवाएं अन्य दवाओं की तुलना में नशे के तेजी से विकास करते हैं।

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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उपचार

ड्रग एडिक्शन का निदान कैसे किया जाता है?

नशीली दवाओं की लत जिसे केमिकल सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर(Chemical Substance Use Disorder) भी कहा जाता है) का निदान करने के लिए अक्सर मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक या लाइसेंस प्राप्त शराब और ड्रग काउंसलर की मदद ली जा सकती है। नशीली दवाओं के उपयोग का आकलन करने के लिए रक्त, मूत्र या अन्य लैब टेस्ट किए जा सकते हैं। ये टेस्ट सिर्फ उपचार और रिकवरी की प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए किया जाता है।

केमिकल सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर के निदान के लिए, अधिकत तौर पर मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की मदद ली जा सकती है।

इस मानसिक स्थिती का निदान करने के लिए अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा मानसिक विकार के नैदानिक ​​और सांख्यिकीय मैनुअल Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders (DSM-5) प्रकाशित किया गया है। इस मैनुअल का उपयोग बीमा कंपनियों द्वारा उपचार की प्रक्रिया और उसके नियमों के पालन करने के लिए किया जाता है। इस गाइडलाइन को भारत सहित अन्य देशों में भी फॉलो किया जाता है।

सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर के लिए DSM-5 के मानदंड में यह बताया गया है कि रोगी के लत को सुधारने के लिए किस दवा के उपयोग किस तरह से करना है।

अगर आपको 12 महीने की अवधि में इनमें से कम से कम दो समस्याएं होती हैं, तो आपको सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर Chemical Substance Use Disorder )हो सकता है:

  • नियमति खुराक की मात्रा से दवा की खुराक अधिक लेते हैं
  • आप इस दवा की खुराक को बंद करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर पा रहे हैं
  • किसी दवा के इस्तेमाल के बाद आपको अच्छा लगने लगता है जिसकी वजह से बार-बार आप उसका सेवन कर रहे हैं
  • दवा के इस्तेमाल के कारण आप अपनी जिम्मेदारियों को भूल जाते हैं या आपना काम नहीं कर पाते हैं
  • यह आपके स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है, इस बात को जानते हुए भी दवा का इस्तेमाल करना
  • ड्राइविंग या किसी मशीनरी काम को करते समय भी आप उस दवा का इस्तेमाल करते हैं
  • जब आप इस दवा को लेना बंद कर देते हैं तो आपको शारीरिक या मानसिक समस्याएं महसूस होने लगती हैं।

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ड्रग एडिक्शन का इलाज कैसे होता है?

नीचे दिए गए उपचार के विकल्प आपको नशे की लत पर काबू पाने और नशीली दवाओं से मुक्त रहने में मदद कर सकते हैं।

केमिकल डिपेंडेंस ट्रीटमेंट प्रोग्राम

इस ट्रीटमेंट के जरिए किया जाने वाला उपचारः

  • व्यक्तिगत, समूह या पारिवारिक थेरेपी सेशन का आयोजन
  • लत की प्रकृति को समझने और दोबार उसकी लत को रोकने का ध्यान रखा जाता है
  • आवश्यकताओं के आधार पर देखेभाल की जाती है
  • शराब आदि की लत का इलाज (डिटाक्सिफिकैशन)

डिटाक्सिफिकैशन को डीटाक्स या विथड्राल थेरेपी भी कहा जाता है। यह नशे की लत को जल्दी से जल्दी और सुरक्षित रूप से रोकने में सक्षम होता है। इस दौरान कुछ लोगों को किसी संस्थान, अस्पताल या घर में उपचार की प्रक्रिया के लिए रखा जा सकता है।

डिटाक्सिफिकैशन के दौरान दवाओं की खुराक दी जाती है। जो धीरे-धीरे नशे की लत को दूर करता है। अधिकांश मामलों में पर उपचार अस्थायी भी हो सकता है।

काउंसिलिंग

इसे टॉक थेरेपी या मनोचिकित्सा भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक व्यक्ति और परिवार के साथ अलग-अलग या समूह में सभी के साथ बात करते हैं। जो कई तरह से मददगार हो सकते हैंः

  • ड्रग की लत से बचने और दोबारा उसकी लत को वापस आने से कैसा रोका जा सकता है इस पर सुझाव देंगे
  • आपने निजी जीवन, नौकरी, कानूनी समस्याओं और परिवार और दोस्तों के साथ संबंधों के बारे में बात करेंगे
  • परिवार के सदस्यों के समूह के साथ बात करेंगे, ताकि परिवार के सदस्य भी आपकी स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकें।

सेल्फ-हेल्प ग्रुप 

सेल्फ-हेल्प ग्रुप की मदद से भी लोग अपने नशे की लत पर काबू पा सकते हैं। ऐसे कई संस्थान है जो अलग-अलग देशों में कार्य करते हैं।

स्वंय सहायता समूह की मदद आप इंटरनेट के जरिए भी ले सकते हैं। आपका चिकित्सक या परामर्शदाता भी इसकी जानकारी दे सकते हैं।

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घरेलू उपाय

जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे ड्रग एडिक्शन को रोकने में मदद कर सकते हैं?

निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको ड्रग एडिक्शन से बचने में मदद कर सकती हैं:

  • थेरिपिस्ट की मदद लेंः अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें। मादक पदार्थों की लत कई मानसिक समस्याओं से जुड़ी हो सकती है, जिसके लिए चिकित्सक या मनोचिकित्सक की मदद ले सकते हैं।
  • अपने मेंटल हेल्थ का ध्यान रखेंः अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर समय-समय पर गौर करें। अगर आपको कोई मानसिक बीमारी के कोई लक्षण हैं, तो तत्काल प्रभाव से इसका उपचार करवाएं।
  • सहायता समूह की मदद लेंः ऐसे कई समर्थन समूह हैं जो आपको नशे की लत को सुधारने में मददगार हो सकते हैं। अपने डॉक्टर या इंटरनेट के जरिए इनका पता लगा सकते हैं और इनकी मदद ले सकते हैं।

अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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