मेनिया या उन्माद एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जो डिप्रेशन का भी नेक्सट लेवल है, लेकिन इसके बारे में कम ही बात होती है। मेनिया कई तरह का हो सकता है और इसके कई कारण हो सकते हैं। इसमें व्यक्ति बहुत ज्यादा खुश और उत्साह से भरा दिखता है, लेकिन अंदर ही अंदर कई मानसिक स्थितियों से लड़ रहा होता है। मेनिया में इंसान अपने बारे में खूब बढ़ा चढ़ाकर बखान करता है। वह अपनी हैसियत से बड़ी बातें करता है और वैसा ही दिखावा करने की कोशिश करता है। उसका व्यवहार सामान्य व्यक्ति जैसा नहीं रहता।
ऐसा व्यक्ति राह चलते राहगीर से भी ऐसे मिलता है जैसे उसको बरसों से जानता है। ये किसी अंजान से भी बात करने की कोशिश करता है। कोई तारीफ कर दे तो ऐसे व्यक्ति खुशी से फूल के कुप्पा हो जाते हैं, लेकिन अगर किसी ने इनकी बात को नहीं माना या उसे गलत साबित किया तो मेनिया से पीड़ित इंसान नाराज हो जाता है।
डिप्रेशन के उलट मेनिया में व्यक्ति बहुत बोलने लगता है। डिप्रेशन में सेक्स करने की इच्छा कम या खत्म हो जाती है, जबकि मेनिया में जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है। मेनिया की हालत कभी-कभी बेहद खर्चीला बना देती है, व्यक्ति अपने आप को बड़ा समझने लगता है। कई बार इस उन्माद में व्यक्ति असामाजिक तक हो जाता है।
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