जांच और इलाज
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
प्रोजेरिया की जांच कैसे की जा सकती है? (Diagnosis of Progeria)
किसी को देखकर ही आसानी से प्रोजेरिया (Progeria) पता लगाया जा सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि सामान्य चेकअप के दौरान डॉक्टर लक्षणों को देखकर प्रोजेरिया होने की पुष्टि करें। आपके बच्चे की पल्स रेट (Puls rate), सुनने की क्षमता (Hearing power), देखने (Vision) की क्षमता और वजन को दूसरे समान उम्र के बच्चों के साथ तौल कर डॉक्टर आपके बच्चे में प्रोजेरिया (Progeria) होने या न होने की स्थिति की पुष्टि करेंगे।
खून की जांच (Blood test) और जेनेटिक टेस्ट (Genetic test) की मदद से भी प्रोजेरिया का पता लगाया जा सकता है।
प्रोजेरिया का इलाज कैसे किया जा सकता है? (Treatment for Progeria)
इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद कुछ तरीके इजात किये हैं। कैंसर (Cancer) के इलाज में प्रयोग किया जाने वाला फार्निसिलट्रांस्फ़ेरेस इन्हीबिटर (Farnesyltransferase inhibitors [FTIs]) नाम का केमिकल प्रोजेरिया के इलाज में मदद कर सकता है। ये न्यूक्लियर संरचना को ठीक करके इलाज करने में कारगर हो सकता है। चूहों में किए गए प्रयोग इस केमिकल की सफलता का संकेत देते हैं।
आजकल दिए जाने वाले इलाज में प्रोजेरिया के लक्षणों को कम करने की कोशिश की जाती है। जैसे कि :
- एस्प्रिन (Aspirin) की मदद से हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) का खतरा कम हो जाता है।
- स्टेटिंस (Statins) की मदद से कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है।
- एंटी- कोएगुलांट्स (Anticoagulants ) की मदद से खून के थक्को का जमना रोका जाता है।
- विकास के लिए आर्टिफीशियल हार्मोन्स (Artificial Hormones) दिए जाएंगे। जिससे कि शरीर के कद और बल में वृद्धि हो।
- फिजिकल और ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Occupational Therapy) की मदद से जोड़ों की अकड़ को कम किया जाता है।
- प्राइमरी टूथ (Primary tooth) को निकाला जाता है जिससे की दांत सही ढंग से जमें और उनकी संरचना में कोई विकार न हो।