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समझें दांत के प्रकार के बारे में, जानें कैसे करें इसकी देखभाल

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Smrit Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/05/2021

    समझें दांत के प्रकार के बारे में, जानें कैसे करें इसकी देखभाल

    दांत के प्रकार अलग-अलग हैं और इनके कार्य भी अलग-अलग हैं। हर बार जब हम मुस्कुराते हैं, चिल्लाते हैं, बात करते हैं या खाते हैं, तो अपने मुंह और दांतों का उपयोग करते हैं। हमारे मुंह और दांत हमें विभिन्न चेहरे के भाव बनाने में मदद करते हैं। हम शब्द बनाते हैं, खाते हैं, पीते हैं और पाचन (Digestion) की प्रक्रिया शुरू करते हैं, ये सब कुछ हमारे दांत और मुंह के कारण ही संभव हो पाता है। दांत मुंह से बाहर वायुप्रवाह को नियंत्रित करके शब्द बनाने में मदद करते हैं। जब हम भोजन करते हैं, तो हमारे दांत के प्रकार ही भोजन को निगलने के लिए उसे पहले टुकड़ो में तोड़ते, काटते और पीसते हैं। जीभ दांतों को भोजन को धक्का देने में मदद करती है और हमें खाए जाने वाले भोजन का स्वाद का पता चलता है।

    जानिए दांत के प्रकार (Types of teeth)

    आपके दांत भोजन को चबाने के लिए मदद करते हैं, जिससे इसे पचाना आसान हो जाता है। दांत के प्रकार का थोड़ा अलग आकार होता है और एक अलग काम करता है। दांतो के प्रकार कुछ इस तरह के हैं।

    कृंतक या छेदक दांत : दांत के प्रकार में कृतंक दांत तेज धार वाले छैनी जैसे चौड़े होते हैं और भोजन के पकड़ने, काटने या कुतरने का कार्य करती है। हर जबड़े (Jaw) में इनकी संख्या चार होती है।

    भेदक या रदनक दांत : दांत के प्रकार (Types of teeth) में रदनक दांत नुकीले दांत होते हैं और भोजन को चीरने या फाड़ने का कार्य करती है। प्रत्येक जबड़े में दो की संख्या में होते हैं।

    अग्रचवर्णक दांत : दांत के प्रकार में अग्रचवर्णक दांत किनारे पर चपटे, चौकोर व रेखादार होते हैं। इनका कार्य भोजन को चबाना है और ये हमारे प्रत्येक जबड़े में 4 की संख्या में होते हैं।

    चर्वणक दांत : दांत के प्रकार (Types of teeth) में चर्वणक दांत के सिर चौरस व तेज धार के होते हैं। इसका मुख्य कार्य भोजन को चबाना है और प्रत्येक जबड़े में छह की संख्या में होते हैं।

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    दांत के प्रकार (Types of teeth) की तरह ही है इसके कई भाग

    मानव दांत चार अलग-अलग प्रकार के टिश्यू से बने होते हैं: लुगदी, दंत, तामचीनी और सीमेंटम।

    लुगदी (Pulp) दांत का सबसे भीतरी भाग है और इसमें संयोजी टिश्यू, तंत्रिका और रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो दांत को पोषण देती हैं। लुगदी के दो भाग होते हैं – लुगदी कक्ष और रूट कैनाल, जो दांत की जड़ में होता है। रक्त वाहिकाएं और तंत्रिकाएं इसकी नोक में एक छोटे से छेद के माध्यम से जड़ में प्रवेश करती हैं और लुगदी कक्ष में फैल जाती हैं।

    डेंटिन लुगदी के चारों ओर एक कठोर पीला पदार्थ होता है। यह अधिकांश दांत बनाता है और हड्डी (Bone) के समान कठोर होता है। यह दांतों को पीले रंग का रंग देता है। तामचीनी, शरीर के सबसे कठोर टिश्यू, डेंटिन को ढंकता है और बाहरी परत बनाता है। यह दांतों को चबाने के दबाव का सामना करने देता है। यह दांतों को हानिकारक बैक्टीरिया (Bacteria) और गर्म और ठंडे खाद्य पदार्थों के तापमान में हुए परिवर्तन से बचाता है। वहीं, सीमेंटम की एक परत गम लाइन के नीचे, जड़ के बाहरी हिस्से को कवर करती है और जबड़े के भीतरी जगह में दांत रखती है। सिमेंटम भी हड्डी की तरह सख्त होता है।

    उम्मीद है आपको दांत के प्रकार और उनके कार्य के बारे में पूरी तरह से जानकारी मिल गई होगी। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल है, तो आप हमसे पूछ सकते हैं। बात हो गई दांत के प्रकार के बारे में अब बात करते हैं कि दांतों की देखभाल कैसे करें।

    कैसे की जाती है दांतों की देखभाल? (Tips to take care of teeth) 

    एक दिन में दो बार ब्रश करें

    हम सभी अपने बचपन से सुनते आए हैं कि दिन में कम से कम 2 बार ब्रश करना चाहिए। तब भी, हम में से कई ऐसे लोग हैं जो रात में ब्रश करने को नजरअंदाज कर देते हैं। रात को ब्रश करके सोने से दांतों पर कीटणुओं का कब्जा नहीं हो पाता और दांत पीलेपन और सड़न से बच जाते हैं।

    सही तरीके से करें ब्रश

    आप किस तरह से ब्रश करते हैं यह भी दांतों की सेहत के लिए बहुत जरुरी है। दरअसल गलत तरह से ब्रश करना ब्रश न करने के बराबर है। अच्छी तरह समय निकाल कर, ब्रश नरमी से मुंह में सर्कुलर मोशन में करें, ऐसा करने से आपके दांतों पर जमी गंदगी साफ हो जाएगी। लगभग 2 से 3 मिनट तक ब्रश करने के बाद अच्छी तरह कुल्ली कर लें। आपको चाहिए कि हर 2 से 3 महीने के बीच अपना टूथब्रश बदल कर नया खरीदें।

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    जीभ की सफाई भी है जरूरी

    गंदगी आपकी जीभ पर भी अपना कब्जा जमा सकती है, जिससे न सिर्फ मुंह से बदबू आने का खतरा होता है, बल्कि दूसरी कई सेहत संबंधित समस्याएं पेश आ सकती हैं। जब-जब ब्रश करें, जबान को भी खासतौर पर साफ करें।

    टूथपेस्ट फ्लोराइड वाला ही लें

    जब टूथपेस्ट चुनने की बात आती है, हम उसकी सफेदी के गुणों की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सा टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं, बस इस बात को ज़ेहन में रखें कि उसमें फ्लोरोइड (Fluoride) की अच्छी मात्रा मौजूद हो। फ्लूरोइड दांतों (Fluoride toothpaste) पर सुरक्षित परत चढ़ा देता है जिससे दांतों को खराब होने से बचाया जा सकता है।

    माउथवाश (Mouth wash) का प्रयोग करें

    माउथवाश के फायदे सबको मालूम न होने के कारण इसका इस्तेमाल अक्सर लोग नहीं करते। माउथवाश 3 तरह से काम करता है- यह मुंह से एसिडिक तत्वों को कम करता है, उन जगहों को अंदर-बाहर से साफ करता है जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता, और दांतों  को मिनरल्स पहुंचाता है। यह दांतों के लिए जरुरी तत्वों का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। अपने डेंटिस्ट से सलाह करके अपने लिए सही माउथवाश चुनें।

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    पानी से रखें दांतों की देखभाल

    पानी आपके स्वस्थ के लिए बहुत जरुरी है। हर खाने के बाद पानी पीना चाहिए, ऐसा करने से दांतों  के बीच फंसे चिपचिपे और एसिडिक (Acidic) खाने-पीने के दौरान साफ किए जा सकते हैं।

    अपने डेंटिस्ट एक साल में दो बार मिलें

    आपकी रोजमर्रा की कई आदतें आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। दांतों  से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिनके कारण डेंटिस्ट से मिलना जरुरी हो जाता है। कम से कम साल भर में 2 से 3 बार डेंटिस्ट से मिल कर दांतों  की सफाई और चेकअप करवाना चाहिए। डेंटिस्ट आपके दांतों से कैविटीऔर हानिकारक तत्वों की सफाई कर सकता है इसके अलावा दांतों की दूसरी समस्याओं जैसे दांत के दर्द और मसूढ़ों से खून बहना अदि के लिए इलाज के तरीके सुझा सकता है।

    वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार ओरल हेल्थ (Oral health) यानी अगर दांतों, मुंह और जीभ की देखभाल न की जाए तो डायबिटीज (Diabetes), हार्ट-अटैक (Heart attack) जैसी कई गंभीर बीमारियां होनी की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए, ओरल हाइजीन (Oral hygiene) का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए अगर आपको दांतों (Teeth) से भी जुड़ी कोई परेशानी महूसस होती है, तो इसे इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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