गौशर रोग के लक्षण
गौशर रोग के लक्षण हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं। डायबिटीज की तरह इस बीमारी के भी तीन टाइप होते हैं। टाइप-1 गौशर इसके अन्य प्रकार से अलग और खतरनाक हो सकता है। इसके लक्षण विभिन्न लोगों में अलग होते हैं, यहां तक की जुड़वां बच्चों में भी गौशेर रोग के लक्षण एक दूसरे से काफी अलग हो सकते हैं। जहां कुछ लोगों में इसके लक्षण काफी गंभीर होते हैं वहीं कुछ लोगों में गौशर के लक्षण काफी कम दिखाई देते हैं। आमतौर पर गौशर रोग के ये निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
पेट से जुड़ी शिकायतें : गौशर रोग से पीड़ित व्यक्ति का लिवर और पिल्हा सामान्य से काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इस स्थिति में एब्डोमेन या पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके साथ ही साथ पेट से जुड़ी अन्य शिकायतों का सामना भी करना पड़ सकता है। हालांकि, गौशर रोग से पीड़ित सभी लोगों को ये शिकायत हो ऐसा जरूरी नहीं है।
हड्डियों से जुड़ी समस्याएं : गौशर रोग से पीड़ित व्यक्ति की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इस वजह से आमतौर पर हड्डियों के फ्रैक्चर होने का चांस सबसे ज्यादा रहता है। इस रोग में व्यक्ति की हड्डियों में खून का प्रवाह ठीक ढंग से नहीं हो पाता है। हड्डियों में खून का प्रवाह नहीं होने से उस निर्धारित जगह की हड्डी बेकार हो सकती है।
खून से जुड़ी समस्याएं : गौशर रोग से पीड़ित व्यक्ति को खून से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। शरीर में रेड ब्लड सेल्स में कमी आना या एनीमिया से ग्रसित होना भी इस बीमारी का एक लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में खून काफी पतला हो जाता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग में भी दिक्कतें हो सकती हैं।
इसके अलावा गौशर रोग की दुर्लभ स्थिति में इस बीमारी का प्रभाव मरीज के मस्तिष्क पर भी पड़ सकता है, इससे आंखों की रौशनी पर भी बुरा असर पड़ सकता है। इस बीमारी से पीड़ित कुछ लोगों को निगलने में भी दिक्कत हो सकती है। गौशर रोग का एक दुर्लभ प्रकार शिशु के जन्म के बाद शुरु होता है और महज 2 साल की उम्र में ये मौत का कारण भी बन सकता है।
गौशर रोग के प्रमुख कारण