के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
ल्यूकेमिया ब्लड सेल्स का कैंसर है। हमारे खून में रेड ब्लड सेल, व्हाइट ब्लड सेल और प्लेटलेट्स होते हैं, जो बोन मैरो द्वारा बनते हैं। बोन मैरो हड्डियों के बीच बनी कैवेटिस में पाए जाने वाला नरम और स्पंजी टिश्यू होता है। रेड ब्लड सेल ऑक्सीजन और अन्य सामग्रियों को शरीर के टिश्यू तक पहुंचाते हैं। व्हाइट ब्लड सेल संक्रमण से लड़ते हैं और प्लेटलेट खून को जमाने में और गाढ़ा करने में मदद करते हैं। बोन मैरो में रोज सैकड़ों अरबों नये ब्लड सेल बनते हैं, जिससे हमारे शरीर को लगातार नए और स्वस्थ सेल की आपूर्ति होती है। दूसरे कैंसर से अलग, ल्यूकेमिया किसी ट्यूमर का निर्माण नहीं करता है। बल्कि व्हाइट ब्लड सेल का अत्यधिक निर्माण करता है।
ल्यूकेमिया (Leukemia) रक्त में व्हाइट ब्लड सेल्स में होता है। व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC), जो हमारे इम्यून सिस्टम का एक हिस्सा होते हैं और हमारे शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। जब ये सेल ल्यूकेमिया से प्रभावित हो कर असामान्य हो जाते है, तो इन असामान्य सेल्स, जिन्हें ल्यूकेमिक सेल कहा जाता है, संक्रमण से लड़ने में उतने समर्थ नहीं रहते, जितने सामान्य अवस्था में सफेद ब्लड सेल होते हैं। समय के साथ ल्यूकेमिक सेल का बनना दूसरे ब्लड सेल के निर्माण में भी रुकावट पहुंचता है और धीरे-धीरे शरीर में टिश्यूज को ऑक्सिजन पहुंचाने वाले रेड ब्लड सेल की और रक्त को जमाने वाले प्लेटलेट्स की भी कमी होने लगती है। यही कारण है कि ल्यूकेमिया से पीड़ित लोगों को चोट लगने पर अत्यधिक खून के बहने और संक्रमण होने का खतरा होता है।
ल्यूकेमिया कई प्रकार के होते हैं, वहीं इसके कुछ प्रकार मुख्य रूप से बच्चों में पाए जाते हैं। वहीं कुछ वयस्कों में पाए जाते हैं। इनमें व्हाइट ब्लड सेल अलग-अलग प्रकार से प्रभावित होते हैं। ल्यूकेमिया को दो प्रकार से बांटा गया है।
जब ब्लड सेल्स का विकास नहीं हो पाता और वे अपना काम ठीक से नहीं कर पाते। इस तरह का ल्यूकेमिया बहुत ही तेजी से फैलता है।
इसके अलावा ल्यूकेमिया का एक कारण यह भी है कि जब कुछ ब्लड सेल्स अविकसित रह जाते हैं। इसके कारण अन्य सेल्स भी अपना काम ठीक से नहीं कर पाते, लेकिन इस तरह का ल्यूकेमिया धीरे-धीरे फैलता है।
दूसरे तरह के ल्यूकेमिया (Leukemia) को व्हाइट ब्लड सेल्स पर यह कैसे असर डालता है इस आधार पर बांटा गया है।
लिंफोकाइटिक ल्यूकेमिया (Lymphocytic leukemia): इस तरह का ल्यूकेमिया लिंफोइड सेल्स पर बुरा असर डालता है, जो कि लिंफेटिक टिश्यू का निर्माण करते हैं। ये टिश्यू आपके इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है।
माइलोजीनस ल्यूकेमिया Myelogenous leukemia: इस तरह के ल्यूकेमिया में माइलोइड सेल्स पर असर पड़ता है। ये सेल्स रेड ब्लड, व्हाइट ब्लड सेल और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करते हैं।
ल्यूकेमिया ज्यादातर बच्चों और किशोरों में पाया जाता है। यह औरतों की तुलना में मर्दों में ज्यादा पाया जाता है। यह किसी भी उम्र के रोगियों को प्रभावित कर सकता है। इससे होने वाले खतरों के कारणों को कम करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से मिलें ।
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ल्यूकेमिया के लक्षण इस प्रकार हैं:
कुछ लक्षण ऊपर नहीं लिखे गए हो सकते है।अगर आपको सवाल या शंका है , तो कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
अगर आप में ऊपर लिखे कोई भी लक्षण है या कोई प्रश्न हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें। हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है। इसलिए अपने डॉक्टर के साथ बात कर सलाह लेना सबसे अच्छा होता है और साथ ही आप जान सकते है कि आपकी स्थिति के लिए सबसे अच्छा क्या है।
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इस बारे में डॉ डोनाल्ड बाबू, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, हीरानंदानी अस्पताल वाशी-ए फोर्टिस नेटवर्क का कहना है कि अबतक ल्यूकेमिया के सही कारणों का पता नहीं चला है। यह माना जाता है कि इसका कारण वंशानुगत और पर्यावरण से संबंधित हो सकता है। सामान्य तौर पर ल्यूकेमिया तब माना जाता है, जब कुछ ब्लड सेल (मुख्यत व्हाइट ब्लड सेल) अपने डीएनए में स्वयं परिवर्तन कर लेते हैं। प्रत्येक सेल के अंदर कुछ निर्देश होते है, जो इस डीएनए की कार्रवाई को निर्देशित करते हैं। इसके अलावा सेल में कुछ अन्य परिवर्तन भी होते है जिन्हें यदि पूरी तरह से समझा जाए, तो ये ल्यूकेमिया को समझने में मदद कर सकता है।
ल्यूकेमिया के खतरे के कारण बहुत से हैं, जैसे:
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दी की गई जानकारी किसी भी डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है। सटीक सलाह के लिए डॉक्टर से संपंर्क करें।
आप निम्नलिखित टेस्ट करवा कर इसकी पहचान या निदान पा सकते है :
ल्यूकेमिया उपचार के ऑप्शंस उम्र और वर्तमान स्वास्थ्य पर तथा ल्यूकेमिया के प्रकार और क्या वह आपके शरीर के अन्य भागों में फैल गया है आदि पर आधारित होता है।
ल्यूकेमिया के लिए उपयोग किए जाने वाले सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
अगर आप ल्यूकेमिया (Leukemia) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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