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क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Chronic Lymphocytic Leukemia)
क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया के निदान के लिए ऑन्कोलॉजिस्ट सबसे पहले पेशेंट की हेल्थ कंडिशन और महसूस की जाने वाली परेशानियों के बारे में पूछते हैं और फिर निम्नलिखित टेस्ट की सलाह देते हैं। जैसे:
- पेशेंट का फिजिकल एग्जाम (Physical exam) करना।
- पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) जाना।
- ब्लड टेस्ट (Blood tests), जिससे ब्लड में कंप्लीट ब्लड टेस्ट (CBC), इलेक्ट्रोलाइट (Electrolytes), फैट (Fats), प्रोटीन्स (Proteins), ग्लूकोज (Glucose) एवं एंजाइम्स (Enzymes) की जानकारी मिलती है।
- फ्लो साइटोमेट्री टेस्ट (Flow cytometry tests) की जाती है। इस टेस्ट की सहायता से ल्यूकेमिया के टाइप की जानकारी मिलती है।
- जीन एवं क्रोमोसोमल चेंजेस की जानकारी के लिए जेनेटिक टेस्ट (Genetic tests) की जाती है।
इन ऊपर बताये गए टेस्ट रिपोर्ट में अगर क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया डायग्नोस किया जाता है, तो इमेजिंग टेस्ट (Imaging tests) एवं बोन मेरो टेस्ट (Bone marrow tests) भी किया जाता है।
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क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Chronic Lymphocytic Leukemia)
क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया का इलाज पेशेंट की हेल्थ कंडिशन एवं बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर किया जाता है। जैसे:
- टार्गेटेड थेरिपी (Targeted therapy)
- कीमोथेरिपी (Chemotherapy)
- रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy)
- इम्यूनोथेरिपी (Immunotherapy)
- स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem cell transplant)
इन अलग-अलग तरीकों से क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया का इलाज किया जाता है। नैशनल कैंसर इंस्टीटूट, यूएसए (National Cancer Institute, USA) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार एरानोन (Arranon), एस्परलास (Asparlas) या बेस्पोंसा (Besponsa) जैसे अन्य मेडिसिन प्रिस्क्राइब किये जा सकते हैं।
नोट: यहां कैंसर ड्रग्स (Cancer drugs) के नाम सिर्फ जानकारी के लिए दी गई है। बिना डॉक्टर के कंसल्टेशन से इन दवाओं का शरीर पर साइड इफेक्ट्स भी पड़ सकता है।
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ल्यूकेमिया या क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया की समस्या से बचाव के लिए क्या करें? (Tips to control Leukemia and Chronic Lymphocytic Leukemia)
ल्यूकेमिया या क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया की समस्या से बचाव के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो किये जा सकते हैं। जैसे:
- संतुलित एवं पौष्टिक खाद्य (Healthy food) पदार्थों का सेवन करें।
- नियमित रूप से व्यायाम (Exercise), योग (Yog) या टहलें (Walk)।
- तनाव (Tension) से दूर रहें।
- रेडिएशन की हाई डोज से खुद को सुरक्षित रखें।
- जहरीले रसायन (Chemicals) जैसे बेंजीन से खुद को सुरक्षित रखें।
- धूम्रपान (Smoking) या तंबाकू (Tobacco) का सेवन ना करें।
- रोजाना समय से सोने और जागने की कोशिश करें।
- रेस्ट (Rest) करें।
ल्यूकेमिया या क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया की समस्या से बचाव के लिए इन ऊपर बताये गए टिप्स को अपनाना चाहिए ।
अगर आप क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया (Chronic lymphocytic leukemia [CLL]) से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे। कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान परेशान ना हों, इस बीमारी के इलाज में वक्त लग सकता है।
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