के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
बुखार (Fever) को हाइपरथर्मिया, पाइरेक्सिया या शरीर का बढ़ा हुआ तापमान भी कहते हैं। जब शरीर का तापमान सामान्य से बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है, तो उसे बुखार कहा जाता है। अधिकतर स्थितियों में बुखार एक सामान्य स्थिति होती हैं, हालांकि, अगर शरीर का तापमान लगातार बढ़ता ही जाए, तो ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।
एक सामान्य शरीर का तापमान आमतौर पर लगभग 97 ° F (36.1 ° C) से 99 ° F (37.2 ° C) तक माना जाता है। हालांकि, प्रत्येक व्यक्ति के शरीर का सामान्य तामपान एक-दूसरे से अलग-अलग हो सकता है। इसके अलावा, दिन-रात और मौसम के अनुसार भी सामान्य शरीर के तापमान में बदलाव हो सकता है। देखा जाए, तो सुबह और रात के समय शरीर का सामान्य तापमान कम होता है, जबकि देर दोपहर और शाम को शरीर का सामान्य तापमान अधिक हो सकता है। साथ ही, महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान, एक्सरसाइज करने और किसी भी तरह के भारी शारीरिक कार्य के करने के कारण भी शरीर का तापमान बढ़ सकता है, लेकिन अगर आपके शरीर का तापमान 100.4 ° F (38 ° C) या इससे अधिक हो जाता है, तो इसे बुखार माना जाता है।
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बुखार के लक्षण पता लगाने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैं, जिनमें आपको बॉडी टेम्परेचर का भी ध्यान रखना होता हैः
इसके अलावा, अगर किसी बच्चे को बुखार है, तो निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैंः
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बुखार होने के निम्न कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
बुखार सामान्य तौर पर कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। इसके अलावा, अधिकतर मामलों में बुखार की स्थिति जोखिम भरी नहीं होती है, लेकिन अगर बुखार मस्तिष्क पर चढ़ जाए, तो यह ब्रेन को क्षति पहुंचा सकती है। यह स्थिति तभी हो सकती है, जब बुखार 107.6 ° F (42 ° C) से अधिक हो।
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बुखार का पता लगाने के लिए आप सामान्य हाथों से त्वचा स्पर्श करके इसका पता लगा सकते हैं। इसके अलावा, आपको या आपके बच्चे को फीवर के लक्षण हैं, तो शरीर के तापमान की जांच करने के लिए, आप एक मौखिक, रेक्टल या एक्सिलरी थर्मामीटर का उपयोग कर सकते हैं। एक मौखिक थर्मामीटर को तीन मिनट के लिए अपनी या बच्चे की जीभ के नीचे रखा जाना चाहिए।
इसके अलावा, आप अगर रेक्टल थर्मामीटर या बगल में रखने में एक्सिलरी को रख कर फीवर का पता लगा सकते हैं। इसके लिए आपको थर्मामीटर को बगल में रखना होगा या अपनी बाहों या अपने बच्चे की कांख के नीचे हाथों से दबाना होगा। इसके बाद चार से पांच मिनट बाद थर्मामीटर हटा लें।
अगर आप रेक्टल थर्मामीटर से अपने शिशु के शरीर का तापमान मापना चाहते हैं, तो निम्न विधियों को फॉलो करेंः
बुखार का पता लगाने के लिए ये विधियां काफी आसान होती हैं। हालांकि, बुखार का कारण निर्धारित करना काफी कठिन हो सकता है। शारीरिक परीक्षण के अलावा, आपके डॉक्टर लक्षणों और स्थितियों के साथ-साथ आपको मौजूदा दवाओं के बारे में भी आपसे सवाल कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपने हाल ही में किसी संक्रमण वाले क्षेत्रों की यात्रा की हो या आपको अन्य संक्रमण का जोखिम हो, तो भी आपको इसके बारे में अपने डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए। कुछ स्थितयों में मलेरिया संक्रमण बुखार का कारण हो सकता है। इसके अलावा, कभी-कभी, आपको अज्ञात कारणों के कारण भी बुखार हो सकता है। ऐसे मामलों में, ये कैंसर या किसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के लक्षण हो सकते हैं।
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अगर आपको या आपके शिशु का बुखार हल्का है और कोई अन्य समस्या नहीं है, तो आपको उपचार की आवश्यकता नहीं हो सकती है। उचित मात्रा में तरल पदार्थ पीने और आराम करने से ही कुछ ही दिनों में बुखार ठीक हो सकता है।
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निम्न स्थितियों में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिएः
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आपके डॉक्टर आपके बुखार का उपचार उसके कारणों के आधार पर अलग-अलग तीरकों से कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी संक्रमण के कारण बुखार हुआ होगा, तो इसके लिए आपके डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स की दवाएं दे सकते हैं। इसके अलावा, बुखार के लिए सबसे आम उपचारों में एसिटामिनोफेन और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स जैसे आइबूप्रोफेन और नेप्रोक्सेन जैसे दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये दवाएं आसानी से मेडिकल स्टोर पर मिल सकती हैं। हालांकि, किसी भी तरह की दवा का इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने डॉक्टर की परामर्श जरूर लेनी चाहिए।
एक बात का ध्यान रखें कि, बुखार का उपचार करने के लिए बच्चों और किशोरों को एस्पिरिन की गोली नहीं लेनी चाहिए।
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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