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नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर कैसे काम करता है?
नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर को इंसान के माथे पर प्वॉइंट किया जाता है। क्योंकि अगर किसी व्यक्ति को बुखार होता है तो सबसे पहले सिर गर्म होना शुरू होता है। ऐसे में नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर को सीधे व्यक्ति के माथे के सीध में लगभग 10 सेंटीमीटर की दूरी पर रखा जाता है। थर्मामीटर से निकलने वाला लेजर सीधे शरीर की सतह पर पड़ती है। इस थर्मल रेडिएशन के कारण शरीर का तापमान थर्मामीटर के डिजिटल स्क्रीन पर दिखाई देने लगता है। किसी भी बीमार व्यक्ति के शरीर का तापमान मापने के लिए नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर सही माना जाता है।
नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर कितनी सही जानकारी देता है?
नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर के द्वारा दी गई जानकारी तभी सही होती है, जब इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया गया हो। सभी तरह के मटेरियल थर्मल रेडिएशन के प्रति एक जैसे नहीं होते हैं। सभी सामग्री एक ही तरह से थर्मल रेडिएशन को नहीं छोड़ती हैं, किसी भी मटेरियल द्वारा इस प्रकार की ऊर्जा को छोड़ने की क्षमता को उत्सर्जन या इमिसिविटी (emissivity) के रूप में जाना जाता है। इमिसिविटी को 0.00-1.00 के स्केल पर मापा जाता है।
जब किसी सतह से इमिसिविटी होती है तो आपको पता होना चाहिए कि आसपास की वस्तुएं आपकी टेम्प्रेचर रीडिंग में हस्तक्षेप ना करें। इससे आपकी टेम्प्रेचर रीडिंग सही नहीं आती है। ऐसे में जब आप नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर का उपयोग कर रहे हैं तो आप उसे व्यक्ति के सीधे 15 सेंटीमीटर की दूरी पर रख कर मेजरमेंट करें। इससे आपकी रीडिंग बहुत सटीक आएगी।
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नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर का इस्तेमाल करना बहुत आसान है। सिर्फ आपको इतना ध्यना रखना है कि जब आप टेम्प्रेचर काउंटिंग करते रहें तो किसी भी अन्य ऑब्जेक्ट को बीच में ना आने दें। नीचे बताए गए तरीकों को आप स्टेप बाइ स्टेप अपना कर नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं :